त्रिपुरा निकाय चुनाव में भाजपा का खेला, अगरतला में TMC और CPI का खाता भी नहीं खुला
त्रिपुरा में सत्तारूढ़ दल भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के साथ खेला करते हुए निकाय चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। भाजपा ने न सिर्फ 51 सदस्यीय अगरतला नगर निगम की सभी सीट जीतीं बल्कि कई अन्य शहरी स्थानीय निकायों में भी जीत हासिल की है। वहीं, विपक्षी दल टीएमसी और सीपीआई (एम) अगरतला नगर निकाय चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल पाए।
राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि भाजपा 15 सदस्यीय खोवाई नगर परिषद, 17 सदस्यीय बेलोनिया नगर परिषद, 15 सदस्यीय कुमारघाट नगर परिषद और नौ सदस्यीय सबरूम नगर पंचायत के सभी वार्डों को जीतने में सफल रही। उन्होंने बताया कि पार्टी ने 25 वार्ड धर्मनगर नगर परिषद, 15 सदस्यीय तेलियामुरा नगर परिषद और 13 सदस्यीय अमरपुर नगर पंचायत में भी क्लीन स्वीप किया है।
The ruling BJP swept the civic body elections in Tripura, having won all the seats of the 51-member Agartala Municipal Corporation (AMC). The opposition TMC and CPI(M) failed to open their account in the AMC: State Election Commission
— ANI (@ANI) November 28, 2021
चुनाव अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि सोनमुरा नगर पंचायत और मेलाघर नगर पंचायत में भी विपक्ष का कोई दांव काम नहीं आया और भाजपा ने यहां भी सभी 13 सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा ने 11 सदस्यीय जिरानिया नगर पंचायत को भी जीता। भाजपा ने अंबासा नगर परिषद की 12 सीटों को जीत लिया। जबकि यहां टीएमसी और सीपीआई-एम ने एक-एक सीट जीती यहां एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के पास भी आई है। वहीं, भाजपा ने कैलाशहर नगर परिषद की 16 सीटों पर भी जीत हासिल की। यहां माकपा को एक सीट मिली। पानीसागर नगर पंचायत में भाजपा 12 सीटों पर विजयी हुई और सीपीआई (एम) ने एक पर कब्जा किया।
भाजपा ने अगरतला नगर निगम की सभी 334 सीटों, 13 नगर निकायों और राज्य की छह नगर पंचायतों के लिए उम्मीदवार खड़े किए थे। भाजपा के उम्मीदवारों ने 112 सीटों पर तो निर्विरोध जीत हासिल की थी। बाकी 222 सीटों पर 25 नवंबर को मतदान हुआ था।
बता दें कि त्रिपुरा में पिछले कुछ दिनों से सत्तारूढ़ भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच राजनैतिक लड़ाई चरम पर चल रही थी। एक तरफ भाजपा अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रही थी तो टीएमसी त्रिपुरा में सेंध लगाने की जुगत में थी। इससे पहले 2018 में सीपीआई (एम) को उखाड़कर बिप्लब कुमार देब की सरकार सत्ता में आई थी। वहीं, इस बार टीएमसी की घुसपैठ को बिप्लब कुमार देव की सरकार नाकाम करने में सफल रही है।
उधर, टीएमसी ने चुनावों में वोटों की धांधली और भाजपा पर लोगों को डरा-धमकाकर अपने पक्ष में वोट देने का आरोप लगाया है। वहीं, माकपा ने पांच नगर निकायों में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की है। दोनों पार्टियों ने दावा किया कि भाजपा समर्थकों ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर हमला किया और चुनावों में धांधली की लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी रही। हालांकि भाजपा खेमे ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
वहीं दूसरी ओर चुनावों में उनकी पार्टी की बड़ी जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कोलकाता में कहा कि त्रिपुरा निकाय चुनावों के नतीजों ने टीएमसी के पूर्वोत्तर राज्य में प्रवेश करने के दावों की पोल खोल जी है। उन्होंने कहा कि चुनाव के नतीजों से पता लगता है कि लोगों में अभी भी भाजपा पर भरोसा कायम है। घोष ने त्रिपुरा में प्रचार कर रहे तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को ”किराए के लोग” बताते हुए संवाददाताओं से कहा कि भाजपा का राज्य के निवासियों के साथ मजबूत रिश्ता है।
त्रिपुरा में सत्तारूढ़ दल भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के साथ खेला करते हुए निकाय चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। भाजपा ने न सिर्फ 51 सदस्यीय अगरतला नगर निगम की सभी सीट जीतीं बल्कि कई अन्य शहरी स्थानीय निकायों में भी जीत हासिल की है। वहीं, विपक्षी दल टीएमसी और सीपीआई (एम) अगरतला नगर निकाय चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल पाए।
राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि भाजपा 15 सदस्यीय खोवाई नगर परिषद, 17 सदस्यीय बेलोनिया नगर परिषद, 15 सदस्यीय कुमारघाट नगर परिषद और नौ सदस्यीय सबरूम नगर पंचायत के सभी वार्डों को जीतने में सफल रही। उन्होंने बताया कि पार्टी ने 25 वार्ड धर्मनगर नगर परिषद, 15 सदस्यीय तेलियामुरा नगर परिषद और 13 सदस्यीय अमरपुर नगर पंचायत में भी क्लीन स्वीप किया है।
The ruling BJP swept the civic body elections in Tripura, having won all the seats of the 51-member Agartala Municipal Corporation (AMC). The opposition TMC and CPI(M) failed to open their account in the AMC: State Election Commission
— ANI (@ANI) November 28, 2021
चुनाव अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि सोनमुरा नगर पंचायत और मेलाघर नगर पंचायत में भी विपक्ष का कोई दांव काम नहीं आया और भाजपा ने यहां भी सभी 13 सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा ने 11 सदस्यीय जिरानिया नगर पंचायत को भी जीता। भाजपा ने अंबासा नगर परिषद की 12 सीटों को जीत लिया। जबकि यहां टीएमसी और सीपीआई-एम ने एक-एक सीट जीती यहां एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के पास भी आई है। वहीं, भाजपा ने कैलाशहर नगर परिषद की 16 सीटों पर भी जीत हासिल की। यहां माकपा को एक सीट मिली। पानीसागर नगर पंचायत में भाजपा 12 सीटों पर विजयी हुई और सीपीआई (एम) ने एक पर कब्जा किया।
भाजपा ने अगरतला नगर निगम की सभी 334 सीटों, 13 नगर निकायों और राज्य की छह नगर पंचायतों के लिए उम्मीदवार खड़े किए थे। भाजपा के उम्मीदवारों ने 112 सीटों पर तो निर्विरोध जीत हासिल की थी। बाकी 222 सीटों पर 25 नवंबर को मतदान हुआ था।
बता दें कि त्रिपुरा में पिछले कुछ दिनों से सत्तारूढ़ भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच राजनैतिक लड़ाई चरम पर चल रही थी। एक तरफ भाजपा अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रही थी तो टीएमसी त्रिपुरा में सेंध लगाने की जुगत में थी। इससे पहले 2018 में सीपीआई (एम) को उखाड़कर बिप्लब कुमार देब की सरकार सत्ता में आई थी। वहीं, इस बार टीएमसी की घुसपैठ को बिप्लब कुमार देव की सरकार नाकाम करने में सफल रही है।
उधर, टीएमसी ने चुनावों में वोटों की धांधली और भाजपा पर लोगों को डरा-धमकाकर अपने पक्ष में वोट देने का आरोप लगाया है। वहीं, माकपा ने पांच नगर निकायों में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की है। दोनों पार्टियों ने दावा किया कि भाजपा समर्थकों ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर हमला किया और चुनावों में धांधली की लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी रही। हालांकि भाजपा खेमे ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
वहीं दूसरी ओर चुनावों में उनकी पार्टी की बड़ी जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कोलकाता में कहा कि त्रिपुरा निकाय चुनावों के नतीजों ने टीएमसी के पूर्वोत्तर राज्य में प्रवेश करने के दावों की पोल खोल जी है। उन्होंने कहा कि चुनाव के नतीजों से पता लगता है कि लोगों में अभी भी भाजपा पर भरोसा कायम है। घोष ने त्रिपुरा में प्रचार कर रहे तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को ”किराए के लोग” बताते हुए संवाददाताओं से कहा कि भाजपा का राज्य के निवासियों के साथ मजबूत रिश्ता है।