धारा 370 और CAA के बाद अब जनसंख्या नियंत्रण कानून पर फंस गए हैं नीतीश कुमार ?

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धारा 370 और CAA के बाद अब जनसंख्या नियंत्रण कानून पर फंस गए हैं नीतीश कुमार ?

हाइलाइट्स:

  • जनसंख्या नियंत्रण कानून पर नीतीश कुमार की बीजेपी से अलग राय
  • जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने किया जनसंख्या नियंत्रण कानून का समर्थन
  • धारा 370 हटाए जाने का भी जेडीयू ने किया था विरोध
  • बीजेपी के CAA को समर्थन लेकिन NRC का विरोध कर रहे हैं नीतीश कुमार

पटना।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही बीजेपी के साथ गठबंधन की सरकार चला रहे हैं। लेकिन बीजेपी के कई मुद्दों पर उनका विरोध आज तक कायम है। फिर चाहे वह राम मंदिर का मुद्दा हो धारा 370 या ट्रिपल तलाक नीतीश कुमार ने बीजेपी के इन मुद्दों का शुरू से ही विरोध किया है। इसके बाद सीएए (CAA) एनआरसी (NRC) और एनपीआर (NPR) जैसे मुद्दे पर नीतीश का विरोध कायम रहा। अब जनसंख्या नियंत्रण कानून ( Population Control Law) पर हो रही चर्चा के बाद एक बार फिर नीतीश कुमार का विरोध देखने को मिल रहा है।

धारा 370 हटाए जाने का भी जेडीयू ने किया था विरोध

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 ने सरकार के गठन होने के 6 महीने के भीतर ही यानी 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्क्रिय कर दिया था। तब बिहार में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर विरोध प्रकट किया था। लेकिन वोटिंग के दौरान दोनों सदन से वाकआउट कर जेडीयू के सांसदों ने एक प्रकार से मोदी सरकार का ही समर्थन किया था। नीतीश कुमार ने यह भी कहा था कि कॉमन सिविल कोड (Common Civil Code) के तहत ट्रिपल तलाक (Triple Talaq) को जबरन किसी पर नहीं थोपा जाना चाहिए। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने यह बिल भी दोनों सदनों से पास करा लिया।

CAA को समर्थन लेकिन NRC का विरोध
नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) को समर्थन देने के बाद नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को बिहार में लागू नहीं करने की बात कह चुके है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिहार में एनआरसी (NRC) लागू नहीं होगा और वे एनपीआर (NPR) पर भी विरोध दर्ज करा चुके हैं। NPR पर नीतीश कुमार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि 2010 के तर्ज पर ही राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर तैयार होना चाहिए। हालांकि नीतीश कुमार ने पहले सीएए (CAA) यानी नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया था, लेकिन बाद में नीतीश कुमार के साथ जेडीयू ने इस बिल का समर्थन किया।

जनसंख्या नियंत्रण कानून पर भी नीतीश कुमार की बीजेपी से अलग राय
देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने पर हो रही चर्चा और उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून पर किए गए पहल के बाद, नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर भी बीजेपी से हटकर बयान दिया है। एक तरफ जहां देश में बढ़ती आबादी की वजह से कम हो रहे संसाधनों की कमी को पूरा करने के लिए जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए कानून बनाने की चर्चा हो रही है। दूसरी तरफ बिहार की एनडीए सरकार में बीजेपी के सहयोगी जनता दल यूनाइटेड के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनसंख्या नियंत्रण पर अपनी अलग ही राय है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कानून बनाने से जनसंख्या नियंत्रण नहीं होगा बल्कि महिलाओं को शिक्षित करने से ही ‘जनसंख्या नियंत्रण’ प्रभावी रूप से सफल हो सकता है। यानी बीजेपी के इस मुद्दे पर भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अलग राय है।

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जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने किया जनसंख्या नियंत्रण बिल का समर्थन
जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर जेडीयू में ही दो नेताओं के दो अलग – अलग बयान सामने आ रहे हैं। एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिलाओं को शिक्षित कर जनसंख्या नियंत्रण पर काबू पाने की बात कह रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ जनता दल यूनाइटेड संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने ‘जनसंख्या नियंत्रण कानून’ का समर्थन किया है। दरअसल संगठन को मजबूत करने को लेकर बिहार दौरे पर निकले जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने मोतिहारी में कहा कि देश की जनसंख्या बढ़ने की वजह से करोड़ों लोगों को वह सुविधा नहीं मिल पा रही जिसके वह हकदार है।

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उन्होंने कहा कि देश की आबादी जिस प्रकार से बढ़ रही है उसकी वजह से देश में संसाधनों की कमी होती जा रही है। उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के उलट देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून को जरूरी बताते हुए, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा कानून को लेकर किए गए पहल को भी स्वागत योग्य बताया। उपेंद्र कुशवाहा ने यहां तक कहा कि बिहार में यह कानून किस प्रकार बनेगा या नहीं यह मिल बैठकर तय किया जाएगा और इसकी समीक्षा की जाएगी।

जनसंख्या नियंत्रण के लिए पुरुषों को जागरूक करना ज्यादा जरूरी : रेणु देवी
बिहार की उपमुख्यमंत्री और आपदा प्रबंधन विभाग मंत्री रेणु देवी ने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए राज्य में कुपोषण दर में कमी, साक्षरता दर बढ़ाने और परिवार नियोजन के संबंध में व्यापक जागरूकता लाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि, हालांकि यह सभी कार्य हो रहे हैं, इन कार्यों के अच्‍छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं। लेकिन इस कार्य को युद्ध स्तर पर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को जागरूक करने की जरूरत है। क्योंकि पुरुषों में नसबंदी को लेकर काफी डर देखा जाता है।

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लोगों को समझना होगा कि बेटा-बेटी एक समान हैं
रेणु देवी का मानना है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए जेंडर इक्वालिटी पर भी काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बिहार के कई जिलों में तो नसबंदी की दर मात्र एक प्रतिशत है। महिलाओं के रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए सरकारी अस्पतालों में कई सुविधाएं दी जाती हैं मगर इन सुविधाओं को लाभ महिलाओं तक तभी पहुंचेगा जब घर के पुरुष जागरूक होंगे महिलाओं को अस्पताल तक लेकर जाएगें। बिहार की उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अक्सर देखा गया है कि बेटे की चाहत में पति और ससुराल वाले महिला पर अधिक बच्चे पैदा करने का दबाव बनाते हैं, जिससे परिवार बड़ा होता जाता है। जनसंख्‍या नियंत्रण के लिए जेंडर इक्वालिटी पर भी काम करने की जरूरत है।

बिहार में प्रजनन दर अभी भी 3.0
हालांकि बिहार में बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी का कहना है कि यह जरूर है कि जनसंख्या स्थिर करने में व्यापक जागरूकता के आधार पर एक हद तक कामयाबी मिली है। लेकिन यह आज भी एक चुनौती के तौर पर मौजूद है। उन्होंने कहा कि बिहार देश के सर्वाधिक आबादी वाले राज्यों में से एक है और यहां अब भी प्रजनन दर 3.0 है। विशेषज्ञों की भी राय है कि बढ़ती या अनियंत्रित आबादी राज्य के विकास में बाधक होती है।

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तो क्या जनसंख्या नियंत्रण कानून पर भी जेडीयू सांसद सदन से करेंगे वॉकआउट !
अनुच्छेद 370, राम मंदिर और कॉमन सिविल कोड के तहत ट्रिपल तलाक मुद्दे पर फंस चुके नीतीश कुमार जनसंख्या नियंत्रण कानून मामले में भी फंसे हुए नजर आ रहे हैं। क्योंकि इस मुद्दे पर जेडीयू में ही विरोधाभास स्पष्ट तौर पर देखने को मिल रहा है। धारा 370 हटाए जाने को लेकर भी जेडीयू के अंदर इसी प्रकार का विरोधाभास देखने को मिला था। 5 अगस्त 2019 को धारा 370 हटाए जाने को लेकर वोटिंग के दौरान जनता दल यूनाइटेड के सभी सांसदों ने दोनों सदनों से वॉकआउट कर एक प्रकार से नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए इस बिल का समर्थन ही किया था।

तो क्या जनसंख्या नियंत्रण कानून पर जब कभी बिल सदन में पेश किया जाएगा तो जनता दल यूनाइटेड के सांसद 5 अगस्त 2019 वाले नीति पर ही चलकर बैक डोर से ही सही बिल का समर्थन करेंगे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि सदन में जनसंख्या नियंत्रण कानून का बिल कब पेश किया जाएगा। लेकिन इतना तय है कि बिल पेश किए जाने के बाद जेडीयू का रुख देखना बेहद दिलचस्प होगा।



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