न्यायाधीश शिंदे राजस्थान हाईकोर्ट के 39वें सीजे | Judge Shinde 39th CJ of Rajasthan High Court | Patrika News

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न्यायाधीश शिंदे राजस्थान हाईकोर्ट के 39वें सीजे | Judge Shinde 39th CJ of Rajasthan High Court | Patrika News

देर रात तक सुनवाई

बॉम्बे हाईकोर्ट जज शिंदे की खंडपीठ ने 9 जून 2022 को रात 8.30 बजे तक सुनवाई की। उनकी खंडपीठ ने सूचीबद्ध 265 मामलों में से 215 से अधिक मामलों की सुनवाई की। इसी पीठ ने एक दिन पहले यानी 8 जून 2022 को भी 190 मामलों की सुनवाई की।

ये है कॅरियर

शिंदे ने औरंगाबाद में मराठवाड़ा विश्वविद्यालय (अब डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय) से एलएलबी तथा पुणे विश्वविद्यालय और यूनाइटेड किंगडम स्थित वारविक विश्वविद्यालय से एलएलएम की डिग्री प्राप्त की। 9 अप्रेल 1987 को वकालत शुरू की।

ये हैं नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 मई को बैठक कर न्यायाधीश शिंदे सहित पांच न्यायाधीशों को मुख्य न्यायाधीश बनाने के लिए केन्द्र सरकार को सिफारिश भेजी। केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार न्यायाधीश शिंदे को राजस्थान हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश बनाने के साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश विपिन सांघी को उत्तराखंड हाईकोर्ट, बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश अमजद ए सैयद को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट, गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश रश्मीन एम छाया को गुवाहाटी हाईकोर्ट व तेलंगाना हाईकोर्ट के न्यायाधीश उज्ज्वल भुइयां को तेलंगाना हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की गई है। न्यायाधीश भुइयां मूलत: गुवाहाटी हाईकोर्ट से हैं।

हाई-प्रोफाइल मामले

न्यायाधीश शिंदे ने अर्नब गोस्वामी, भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद मामले, महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और अभिनेत्री कंगना रनौत जैसे कई हाई-प्रोफाइल मामलों की भी सुनवाई की। न्यायाधीश शिंदे अधिवक्ता कोटे से बॉम्बे हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए हैं, वे वादसूची में शामिल मुकदमों की उसी दिन सुनवाई करने की पूरी कोशिश करते हैं। राजस्थान हाईकोर्ट में मुकदमों का बढ़ता भार और न्यायाधीशों के रिक्त पद एक चुनौती है, जिसका न्यायाधीश शिंदे को सामना करना पडे़गा। उनका छोटा कार्यकाल भी इन समस्याओं के समाधान में एक अड़चन होगी।

जज को लोग भगवान मानते हैं, वह धारणा पूरी होनी चाहिए

राजस्थान हाईकोर्ट के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश एस.एस. शिंदे ने कहा कि जज को लोग भगवान मानते हैं, यह धारणा पूरी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी ली है तो पूरी भी करेंगे। न्यायाधीश शिंदे ने राजस्थान पत्रिका के संवाददाता शैलेन्द्र अग्रवाल से बातचीत में कहा कि 15 साल से शनिवार-रविवार भी उनकी सुनवाई में बाधा नहीं बनता। उन्होंने बताया कि हाल ही में देर रात तक सुनवाई की जो खबरें आईं वे तो मीडिया को अब पता चलीं, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच में तो सायं 5.30 बजे बाद तीसरी शिफ्ट में सुनवाई करता था। न्यायाधीश शिंदे ने कहा कि पक्षकार न्याय का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में संस्था की मजबूती के लिए कार्य किया जाएगा और तथ्य व कानून को ध्यान में रखकर न्याय करने का प्रयास रहेगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान की न्यायपालिका की प्रतिष्ठा है और यहां न्यायाधीश भी अच्छे हैं, ऐसे में कार्यकाल अच्छा रहेगा।



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