पटाखे के लिए दिल्ली वाले लगा रहे हैं भांति-भांति के जुगाड़… ‘मुझे फलां ने भेजा है, पटाखे दे दो’

296

पटाखे के लिए दिल्ली वाले लगा रहे हैं भांति-भांति के जुगाड़… ‘मुझे फलां ने भेजा है, पटाखे दे दो’

दिल्ली में पटाखे बेचना, स्टोर करना और जलाना मना है। दिल्ली पलूशन कंट्रोल कमेटी की ओर से तो यह प्रतिबंध लगाया ही गया है, साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस बारे में ट्वीट कर चुके हैं। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी पटाखों के इस्तेमाल पर सख्ती दिखाई थी। लेकिन क्या दिल्ली में सरकार द्वारा पटाखे पर लगाए गए प्रतिबंध का पालन हो रहा है? इसकी तहकीकात में हमने पाया कि प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली में चोरी-छिपे पटाखे बिक रहे हैं। इन पटाखों में प्रदूषण फैलाने वाली फुलझड़ी, अनार, सुतली बम और लड़ी वाले पटाखे भी शामिल हैं। एनबीटी ने अपनी पड़ताल में पाया कि अवैध रूप से पटाखे बेचने वाले ये विक्रेता हर किसी को पटाखा नहीं दे रहे हैं बल्कि केवल उन लोगों को पटाखे बेचे जा रहे हैं जो उनके किसी जानकार की जान-पहचान से आए हों और पूरे भरोसे वाले हों। सूत्र बताते हैं कि इन पटाखों को दुकानदार बेहद सावधानी से बेच रहे हैं और यह कारोबार ज्यादातर फोन पर ही चल रहा है। फोन पर सौदा होने के बाद ही ग्राहक को पटाखे लेने बुलाया जाता है। सूत्रों का कहना है कि इस खरीद-बिक्री के लिए ना तो दुकान पर साफ शब्दों में बात होती है और ना ही किसी तरह का मोलभाव किया जाता है बल्कि पटाखे को चुपचाप एक पैक पैकेट में दिया जाता है ताकि आसपास वालों को शक ना हो। इसके लिए ऑनलाइन पेमेंट नहीं लिया जाता बल्कि सारा लेन-देन सिर्फ कैश में होता है। कुछ छोटे कारोबारी भी अपने पास बचे पुराने पटाखे बेच रहे हैं जबकि बड़े कारोबारी पहले से ऑर्डर बुक करके पटाखे दे रहे हैं। किस तरह हो रहा है दिल्ली में पटाखों का कारोबार, इसके लिए पढ़िए हमारी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट…

‘मुझे फलां ने भेजा है, मेरे पटाखे दे दो’

ग्राहकः भइया पटाखे मिल जाएंगे क्या?

पटाखा विक्रेताः नहीं भाई, दिल्ली में पटाखे बैन हैं इस बार।

ग्राहकः मुझे फलां ने भेजा है। बच्चों के लिए चाहिए।

पटाखा विक्रेता (नाम चेक करके): हां हां, आपका पैकेट तैयार है, पेमेंट करो और ले जाओ।

यह बातचीत है एक ग्राहक और गुपचुप पटाखे बेच रहे एक पटाखा विक्रेता की। जी हां, सरकार ने भले ही इस साल दिल्ली में पटाखों को पूरी तरह बैन कर दिया हो, लेकिन एनबीटी ने अपनी छानबीन में पता लगाया है कि दिल्ली के कईं इलाकों में कुछ दुकानदार अवैध रूप से फुलझड़ी, अनार, सुतली बम, चरखी और लड़ी जैसे पटाखों का धंधा कर रहे हैं। अपनी तहकीकात के दौरान हमने पाया कि दिल्लीवाले पटाखों के लिए दुकानदारों को ज्यादा दाम देने से लेकर, एनसीआर से पटाखे लाने तक तमाम जुगाड़ लगा रहे हैं। दूसरी ओर पटाखा विक्रेता पटाखे बेचते वक्त अपनी ओर से पूरी सावधानी बरत रहे हैं, ताकि वे किसी कानूनी शिकंजे में ना फंसे। इसलिए वे सिर्फ उन्हीं लोगों को ही पटाखे बेच रहे हैं, जो किसी जान-पहचान से आए हों। इसके बाद भी वे ग्राहक की पूरी तहकीकात करना नहीं भूलते, ताकि बाद में किसी तरह की कोई परेशानी ना हो। (सांकेतिक तस्वीर)

एडवांस में करनी पड़ती है बुकिंग

navbharat times -

बेशक बैन की वजह से इस बार दिल्ली-एनसीआर में पिछले सालों की तरह खुलेआम पटाखे नहीं बिक रहे हैं। इस संवाददाता ने अपनी छानबीन में पाया कि दुकानदार पटाखों की बिक्री के बारे में सिर्फ उन लोगों से डील कर रहे हैं, जो उनकी पहचान के हैं या पहचान वाले के माध्यम से आए हैं। यही नहीं, चोरी छिपे पटाखे लेने के लिए ग्राहक को ऑर्डर भी एडवांस नोट कराना पड़ रहा है। इसमें पटाखों का नाम और उसकी मात्रा लिखवानी पड़ती है। इसके बाद दुकानदार अगले दिन का एक निश्चित समय ग्राहक को देता है, उस वक्त ग्राहक दुकान पर जाकर पटाखे ले सकता है। वहां पर पहले ही ग्राहक का पैकेट तैयार होता है। सूत्र बताते हैं कि अगर अगले दिन कोई ग्राहक लिखवाए हुए पटाखों से ज्यादा पटाखे लेना चाहे, तो वह उसे नहीं मिलते। दुकानदार का कहना होता है कि ये पटाखे हम रखते नहीं हैं, बल्कि आपके (ग्राहक) कहने पर पीछे से मंगवाते हैं, इसलिए अभी तो इतने ही मिलेंगे। (फोटोः शैलेश मिश्रा)

पटाखों की डिलिवरी कहीं, पेमेंट कहीं

navbharat times -

आप भले ही अपना सारा सामान डिजिटल पेमेंट से खरीदते हों, लेकिन अवैध रूप से पटाखे खरीदने के लिए आपको पेमेंट सिर्फ नकद ही देना होगा। सूत्र बताते हैं कि पटाखों की खरीद-बिक्री में किसी तरह की ऑनलाइन ट्रांजैक्शन ना दिख जाए, इसके चलते पटाखे वाले ऑनलाइन पेमेंट नहीं ले रहे हैं, बल्कि महंगे से महंगे पटाखों के लिए भी वे कैश ही ले रहे हैं। इसलिए वे पटाखों की एडवांस बुकिंग के वक्त ही उनकी कीमत बता देते हैं, ताकि ग्राहक उतने रुपए नकद लेकर आए। इतना सब होने के बाद भी अगर आप सोच रहे हैं कि कैश देकर आपको पटाखे मिल जाएंगे, तो ऐसा कतई नहीं है। दरअसल पटाखे उस दुकान में नहीं होते जहां ग्राहक को भेजा जाता है। जब ग्राहक पेमेंट कर देता है, तो दुकानदार ग्राहक की गाड़ी पूछ कर, फोन पर अपने लोगों को निर्देश देता है कि पटाखे सीधे गाड़ी में डलवा दिए जाएं। अगर ग्राहक के पास गाड़ी नहीं है, तो पटाखे उसे गिफ्ट पैकेट के रूप में पैक करके या बोरी में भरकर दिए जाते हैं, ताकि आसपास किसी को शक ना हो। (फाइल फोटो)

NCR से भी आ रहे हैं पटाखे?

ncr-

जानकारों का मानना है कि दिल्ली में पटाखों को लेकर ज्यादा सख्ती होने के चलते कुछ लोग एनसीआर से भी पटाखे लेकर आ रहे हैं। इनमें यूपी नोएडा, मेरठ और गाजियाबाद से लेकर हरियाणा के गुड़गांव और फरीदाबाद जैसे शहर भी शामिल हैं। इस बारे में हमने गुड़गांव के एक पटाखा विक्रेता अशोक कुमार से पूछा, ‘क्या दिल्ली से भी उनके पास लोग पटाखे लेने आ रहे हैं? इसके जवाब में उन्होंने बताया, ‘दिल्ली में पूरी तरह पटाखे बैन होने की वजह से इस बार अभी तक उनके पास पटाखे खरीदने आने वालों की संख्या पिछले सालों की तरह ज्यादा नहीं है। लेकिन यह सच है कि जिन लोगों को दिल्ली में पटाखे नहीं मिल रहे हैं, वे दिल्ली से सटे शहरों से भी पटाखे एडवांस में मंगवा रहे हैं।’

​पटाखों का इफेक्ट इनसे भी मिलेगा

navbharat times -

पटाखों पर बैन को देखते हुए मार्केट में कई तरह के ऑप्शन भी उपलब्ध हैं जो पटाखे तो नहीं हैं लेकिन पटाखों की तरह आवाज जरूर करते हैं। उन्हें खरीदकर आप पटाखों का मजा ले सकते हैं। इसमें सबसे पहले है दिवाली की छोटे बच्चों की खिलौना बंदूक। बाजार में 60 रुपये में बिक रही इस बंदूक का बच्चों के बीच काफी क्रेज है। इसमें माचिस की तीली डालकर दागा जाता है जिससे गोली की आवाज आती है। इसके अलावा बाजार में चाइनीज लड़ी भी है जिससे पटाखों की आवाज आती है। यह लड़ी 1200 रुपये की है। रामलीला मैदान में जले रावण में पटाखों की रिकॉर्डेड आवाज का इस्तेमाल करके पटाखों का इफेक्ट डाला गया था, इस तरह आप भी पटाखों का इफेक्ट पा सकते हैं। इसके अलावा कंदील और रंग-बिरंगे गुब्बारों से भी पटाखों के साउंड का मजा लिया जा सकता है।

दिल्ली की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News

Source link