पहली बार चुनाव लड़ रहे पूर्व अफसर राजेश्वर सिंह के लिए आसान नहीं होगी सरोजनीनगर की लड़ाई, बसपा और सपा की तगड़ी चुनौती

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पहली बार चुनाव लड़ रहे पूर्व अफसर राजेश्वर सिंह के लिए आसान नहीं होगी सरोजनीनगर की लड़ाई, बसपा और सपा की तगड़ी चुनौती

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) की हॉट सीटों में शुमार लखनऊ जिले की सरोजनीनगर सीट (Sarojini Nagar Seat) पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। वर्तमान विधायक और योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह (Swati Singh) और उनके पति बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के आपसी विवाद के बीच इस सीट से प्रत्याशी को लेकर सुगबुगाहट जारी थी। लेकिन बीजेपी ने प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व अधिकारी राजेश्वर सिंह (Rajeshwar Singh) को टिकट दे दिया है।

सरोजनीनगर से बीजेपी उम्मीदवार राजेश्‍वर सिंह ने वॉलेंटरी रिटायरमेंट (VRS) लिया था। वीआरएस के लिए आवेदन के वक्‍त वह ईडी लखनऊ जोन के संयुक्त निदेशक के रूप में कार्यरत थे। उनकी गिनती सुपरकॉप में होती थी। 2009 में उत्तर प्रदेश पुलिस से प्रतिनियुक्ति पर वह ईडी में शामिल हुए थे। उन्हें 2015 में स्थायी रूप से ईडी कैडर में शामिल कर लिया गया था। वह कई हाई प्रोफाइल केस से जुड़े रहे हैं। खाकी छोड़ खादी अपनाने वाले सुपरकॉप राजेश्‍वर सिंह के लिए यह लड़ाई आसान नहीं होगी।

लखनऊ की सरोजनीनगर सीट परंपरागत तौर पर सपा और बसपा का गढ़ रही है। 2017 के चुनाव में स्वाति सिंह ने पहली बार कमल खिलाया था। लेकिन इस बार उनका टिकट कट चुका है। पहली बार चुनाव मैदान में उतर रहे राजेश्वर सिंह के सामने बसपा से मोहम्मद जलीस खान मैदान में हैं। कांग्रेस ने रुद्र दमन सिंह को टिकट दिया है। वहीं सपा ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। कयास इस बात का भी लगाया जा रहा है कि अखिलेश यादव यहां से स्वाति सिंह को अपने खेमे में शामिल कर टिकट दे सकते हैं।

बीजेपी के सामने थी बड़ी मुश्किल
दयाशंकर सिंह बीजेपी से जुड़े रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले 2016 में बसपा के नेताओं ने उनकी पत्नी और बेटी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। इसके बाद स्वाति सिंह सामने आई और बीजेपी ने सरोजनी नगर सीट से प्रत्याशी बना दिया था। इस विवाद के बाद सहानुभूति और मोदी लहर के चलते उन्होंने अजेय समझी जाने वाली सीट जीतकर बीजेपी की झोली में डाल दी। पुरस्कार के तौर पर उन्हें मंत्री बनाया गया। लेकिन अब स्वाति और दयाशंकर दोनों ही दावेदारी कर रहे थे और उनके बीच आपसी विवाद की खबरें भी सामने आ रही थीं।

हाई प्रोफाइल केस की जांच कर चुके हैं
मूल रूप से सुलतानपुर जिले के रहने वाले राजेश्‍वर सिंह वही हैं, जिन्‍होंने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को हाउसिंग फाइनेंस के नाम पर लोगों से गैर-कानूनी तरीके से 24000 करोड़ लेने के आरोप में जेल भिजवा दिया था। वहीं, एयरसेल-मैक्सिस डील को हरी झंडी देने के लिए तब के वित्त मंत्री पी चिदंबरम को पानी पिला दिया। इनके अलावा बतौर ईडी ऑफिसर राजेश्‍वर सिंह 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले, कोयला घोटाले, कॉमनवेल्थ गेम्स स्कैम जैसे केस की जांच में शामिल रहे हैं।

आसान नहीं होगी राजेश्वर की राह
कांग्रेस, सपा, बसपा की परंपरागत सरोजनीनगर सीट पर स्वाति सिंह ने बीजेपी को पहली बार जीत का स्वाद चखाया था। वह योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार में बाल विकास और पुष्टाहार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी बनीं। अब राजेश्वर सिंह के लिए बड़ी चुनौती अंदरुनी बगावत के साथ ही सपा, कांग्रेस, बसपा की चुनौती को साधते हुए दोबारा से कमल खिलाने की होगी।

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