पार्टनर पीटता और गालियां देता है? चुप मत रहिए इन 7 फिल्मों से लीजिए हिम्मत जुटाने का सबक

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पार्टनर पीटता और गालियां देता है? चुप मत रहिए इन 7 फिल्मों से लीजिए हिम्मत जुटाने का सबक

चाहे पति-पत्नी हो या फिर गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड, हर रिश्ता आपसी प्यार, विश्वास और इज्जत पर टिका होता है। जब किसी रिश्ते में ये तीनों ही चीजें खत्म हो जाए तो उसे खत्म कर देना ही बेहतर है। ये तीनों चीजें खत्म होते ही रिश्ते में तकरार के साथ-साथ मारपीट और गाली-गलौच तक शुरू हो जाती है और रिश्ता जहरीला हो जाता है। ज्यादातर महिलाएं ही घरेलू हिंसा, एब्यूसिव रिलेशनशिप (abusive relationship) और मारपीट (domestic violence) की शिकार होती हैं। जहां कुछ महिलाएं इसके खिलाफ आवाज उठा लेती हैं तो वहीं बहुत सी महिलाएं समाज और परिवार के डर से चुप रहकर जुल्म सहती रहती हैं। आए दिन तमाम ऐसे मामले सामने आते रहते हैं, जिनमें पार्टनर या पति द्वारा मारपीट और घरेलू हिंसा की बात आती है।

कहते हैं कि अत्याचार करने वाले ज्यादा अत्याचार सहने वाला दोषी होता है। महिलाओं के साथ स्थिति आज भी नहीं बदली है। लेकिन इसे बदलना किसी और के नहीं बल्कि खुद महिलाओं के हाथ में है। यहां हम आपको ऐसी कुछ फिल्मों (movies on domestic violence) के बारे में बताने जा रहे हैं जो हर महिला, हर लड़की को जरूर देखनी चाहिए। ये वो फिल्में हैं, जिनमें महिलाओं ने अपने साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई और लड़ाई लड़ी। इन फिल्मों से सबक मिलता है कि घरेलू हिंसा और मारपीट (movies on abusive relationship) जैसे मामलों पर चुप रहने और आवाज उठाने पर क्या से क्या हो सकता है। इन फिल्मों में कहीं न कहीं समाज की सच्चाई और महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों को दिखाया गया।

1. थप्पड़ (Thappad)


इस लिस्ट में सबसे पहला नाम तापसी पन्नू स्टारर फिल्म ‘थप्पड़’ (Thappad) रखते हैं, जिसमें दिखाया गया कि घरेलू हिंसा और मारपीट के खिलाफ आवाज उठाना कितना जरूरी है। 2020 में रिलीज हुई इस फिल्म में एक ऐसी महिला की कहानी दिखाई गई जो पति द्वारा हाथ उठाए जाने पर उसके खिलाफ ऐक्शन लेती है और रिश्ता तोड़ लेती है। फिल्म में तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) ने अमृता नाम की एक ऐसी महिला का किरदार निभाया जो एक परफेक्ट पत्नी, बहू और बेटी है। वह कमाल की डांसर भी है और चाहती तो उसमें करियर भी बना सकती थी। लेकिन घर-परिवार के आगे अमृता खुद को कुर्बान कर देती है। वह पति की खुशी में ही खुश होना सीख लेती है।

लेकिन जब उसका पति सरेआम उसे जोर का थप्पड़ मारता है तो सब बदल जाता है। इस घटना के बाद जैसे अमृता की आंखें खुल जाती हैं। जहां उसके परिवार वाले और रिश्तेदार थप्पड़ को भूलकर आगे बढ़ने की सलाह देते हैं, वहीं अमृता पति के खिलाफ जाने का फैसला करती है। अमृता किसी भी तरह की घरेलू हिंसा और एब्यूसिव रिलेशनशिप के खिलाफ है और इसीलिए उसे एक थप्पड़ से भी आपत्ति होती है। फिल्म की कहानी में समाज की पुरुषवादी सोच भी दिखाई गई है, लेकिन अमृता उसके खिलाफ जाने का फैसला करती है।
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2. प्रोवोक्ड (Provoked)

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एक एब्यूसिव रिलेशनशिप का अंजाम क्या हो सकता है? चुप्पी रखने पर उसका हश्र क्या हो सकता है, यह फिल्म ‘प्रोवोक्ड’ (Provoked) में बखूबी दिखाया गया। 2006 में रिलीज हुई यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित थी। इस फिल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) लीड रोल में थीं। ऐश्वर्या ने एक ऐसी महिला का किरदार निभाया, जिसका पति उसे क्रूरता के साथ टॉर्चर करता है और आखिर में वह उसकी ही जान ले लेती है। ‘प्रोवोक्ड’ की कहानी पंजाबी महिला किरनजीत अहलूवालिया की लाइफ से इंस्पायर्ड बताई जाती है, जो मारपीट से तंग आकर अपने पति की ही जान ले लेती है। ऐश्वर्या का किरदार पति की क्रूरता से इस हद तक तंग आ जाता है कि वह उसे आग के हवाले कर देती है। हालांकि इस मामले में किरणजीत को जेल हो जाती है। लेकिन जेल में उसकी मुलाकात एक अंग्रेज दोस्त से होती है, जो उसके साथ सहानुभूति दिखाता है। धीरे-धीरे यह मामला एक एनजीओ के सामने आता है, जो किरणजीत की रिहाई की मांग करता है। बाद में किरणजीत को रिहाई मिल जाती है।

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3. अग्नि साक्षी (Agni Sakshi)

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नाना पाटेकर, मनीषा कोइराला और जैकी श्रॉफ स्टारर फिल्म ‘अग्नि साक्षी’ (Agni Sakshi) को कैसे भूला जा सकता है? इस फिल्म में नाना पाटेकर ने एक ऐसा किरदार निभाया जो पत्नी को लेकर बेहद पजेसिव है। बेतहाशा प्यार करता है। लेकिन धीरे-धीरे वह प्यार और पजेसिवनेस गुस्से में बदल जाती है और फिर शुरुआत होती है पत्नी संग मारपीट की।

4. खून भरी मांग (Khoon Bhari Maang)


1998 में आई राकेश रोशन की फिल्म ‘खून भरी मांग’ (Khoon Bhari Maang) तो याद ही होगी? रेखा, कबीर बेदी और सोनू वालिया स्टारर इस फिल्म में न सिर्फ एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर को दिखाया गया, बल्कि यह भी दिखाया गया कि कबीर बेदी का किरदार (संजय) किस तरह रेखा (Rekha) के किरदार यानी को टॉर्चर करता है। वह आरती की प्रॉपर्टी हथियाने के लिए उससे शादी करता है और फिर मौका देखकर उसे मगरमच्छों के आगे धकेल देता है। संजय को लगता है कि आरती मर गई है। वह उसकी प्रॉपर्टी पर कब्जा करके बैठ जाता है। लेकिन आरती वापस आती है और फिर संजय को उसके किए की सजा देती है। साथ ही वह अपनी प्रॉपर्टी और घर भी वापस पा लेती है।

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5. लज्जा (Lajja)

lajja


2001 में आई राजकुमार संतोषी की फिल्म ‘लज्जा’ (Lajja) में चार ऐसी महिलाओं की कहानी दिखाई गई, जिन पर उनके ही पतियों द्वारा खूब जुल्म किए जाते हैं। लेकिन ये चारों, पतियों के खिलाफ आवाज उठाती हैं और अपने हक की लड़ाई लड़ती हैं। इन चार महिलाओं के किरदार रेखा, माधुरी दीक्षित, मनीषा कोइराला और महिमा चौधरी ने निभाए थे। महिलाओं की दुर्दशा और फेमिनिज्म पर बेस्ड यह फिल्म महिलाओं पर लगाए गए प्रतिबंधों के साथ-साथ उस सम्मान पर भी व्यंग्य करती है, जिसके साथ समाज में महिलाओं को रखा जाता है।

6. मेहंदी (Mehndi)

Rani Mukerji in Mehndi movie

मेहंदी में रानी मुखर्जी


रानी मुखर्जी (Rani Mukerji) स्टारर फिल्म ‘मेहंदी’ (Mehndi) को कैसे भुलाया जा सकता है? फिल्म में रानी मुखर्जी के किरदार (पूजा) को उसके पति के साथ-साथ ससुराल वाले दहेज के लिए प्रताड़ित करते हैं। यहां तक कि वो लोग उसे मारने की भी प्लान बनाते हैं। लेकिन पूजा अपने साथ हुए हर अत्याचार का बदला लेती है। 1998 में आई इस फिल्म में रानी मुखर्जी के ऑपोजिट ऐक्टर फराज खान थे।

7. दामन (Daman)


रवीना टंडन (Raveena Tandon) स्टारर ‘दामन’ (Daman) मैरिटल रेप और घरेलू हिंसा पर आधारित थी, जिसमें रवीना टंडन लीड रोल में दिखीं। फिल्म में रवीना टंडन के किरदार को कई तरह का शोषण झेलते हुए दिखाया गया था। 2001 में आई इस फिल्म को कल्पना लाजमी ने डायरेक्ट किया था।

movies on domestic violence, photo: YouTube

मारपीट और एब्यूसिव रिलेशनशिप पर फिल्में



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