पांच आरोपियों ने जेल के बाहर गुजारी रात

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पांच आरोपियों ने जेल के बाहर गुजारी रात

सुबह होने पर जेल दाखिल किए गए आरोपी,पुन: मेडिकल परीक्षण कराने में हुई थी देरी, डकैती की योजना बनाते पकड़े गए थे आरोपी

सतना. पेट्रोल पंप में डकैती डालने की योजना बनाते गिरफ्तार किए गए छह आरोपियों में पांच को जेल के बाहर ही राज बुजारनी पड़ी। शनिवार की सुबह करीब ६ बजे जब जेल अपने समय पर खुली तो आरोपियों को दाखिल कराया जा सका। जबकि छठवें नाबालिग आरोपी के बारे में बताया जा रहा है कि बाल न्यायालय में पेश करने के बाद उसे शुक्रवार को ही बाल संपे्रक्षण गृह रीवा में दाखिल करा दिया था।
गौरतलब है कि कोलगवां थाना पुलिस ने शुक्रवार को बताया था कि उन्होंने डकैती की योजना बना रहे जिला बदर के आरोपी विपिन जायसवाल पुत्र बद्री प्रसाद जायसवाल (27), प्रिन्स जायसवाल उर्फ आनन्द पुत्र बद्री प्रसाद जायसवाल (23), राहुल जायसवाल पुत्र बद्री प्रसाद जायसवाल (19), दीपक चौधरी उर्फ फुल्लू पुत्र त्रिलोकी प्रसाद चौधरी (20) सभी निवासी दुर्गा नगर गहरा नाला के पास, वंशराज सिंह उर्फ वंश बघेल पुत्र स्व. रामपंचम सिंह बघेल (29) निवासी बाईपास रोड उतैली व एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है। इनमें जिला बदर आरोपी विपिन के पास 315 बोर का कट्टा, प्रिन्स के पास पिस्टल, नाबालिग के पास चाकू, दीपक के पास रॉड, राहुल के पास से रॉड, वंशराज सिंह के कब्जे से रॉड मिला था। इन आरोपियों के खिलाफ आइपीसी की धारा 399, 402 एवं 25,27 आम्र्स एक्ट का अपराध कायम कर कार्रवाही की गई है।
मेउिकल परीक्षण में हुई देरी
कोलगवां थाना पुलिस ने आरोपियों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया तो वहां बात बिगड़ गई। आरोपियों ने अदालत में कहा कि उन्हें झूठे प्रकरण में फंसाकर बेदम मारपीट की गई है। पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए गए। आरोपियों ने कपड़े उतार कर मारपीट के निशान दिखाए। जिसे संज्ञान लेकर कोर्ट ने फिर से मेडिकल परीक्षण के आदेश पुलिस के दिए। इसके बाद कोलगवां थाना प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह चौहान खुद पुलिस बल के साथ जिला अस्पताल में आरोपियों का पुन: मेडिकल परीक्षण कराने पहुंचे थे।
थाने लेकर नहीं आई पुलिस
मेडिकल परीक्षण के बाद आरोपियों को जेल दाखिल करने की कार्यवाही की गई। लेकिन समय ज्यादा होने पर जेल प्रबंधन ने आरोपियों को लेने से मना कर दिया। एेसे में पुलिस पार्टी पांचों आरोपियों को लेकर जेल के बाहर ही सुबह होने का इंतजार करती रही। पुलिस चाहती तो आरोपियों को थाने लाकर रखा जा सकता था। लेकिन आरोपी थाने में कोई हरकत ना कर दें इस डर से जेल के बाहर ही रात कटी गई।











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