प्याज कीमत में ‘असाधारण तेजी’ नहीं, निर्यात प्रतिबंधित करने का कोई मामला नहीं: खाद्य सचिव

82

प्याज कीमत में ‘असाधारण तेजी’ नहीं, निर्यात प्रतिबंधित करने का कोई मामला नहीं: खाद्य सचिव

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि खुदरा प्याज की कीमतें ‘असाधारण रूप से ऊंची’ नहीं हैं, जिससे इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की जरुरत हो। उन्होंने कहा कि कीमतों को कम करने के लिए बफर स्टॉक जारी किए जा रहे हैं।

राज्य सरकारों की राय है कि आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में तेज वृद्धि की कोई संभावना नहीं है क्योंकि घरेलू खरीफ प्याज का उत्पादन 2021-22 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में कहीं अधिक यानी 43.88 लाख टन होने का अनुमान है जो एक साल पहले की समान अवधि में 37.38 लाख टन था।

पांडेय ने कहा कि 21 अक्टूबर को प्याज की औसत कीमत 41.5 रुपये प्रति किलो थी, जो एक साल पहले की समान अवधि के 55.6 रुपये प्रति किलो से काफी कम है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमतें 48 रुपये किलो, मुंबई में 43 रुपये किलो, चेन्नई में 37 रुपये किलो और कोलकाता में 57 रुपये किलो थी।

खाद्य सचिव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्याज की कीमतें असाधारण रूप से अधिक नहीं हैं। औसत कीमतें पिछले साल की तुलना में कम हैं।’’

उन्होंने कहा कि प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए बाजार में हस्तक्षेप पहले ही शुरू कर दिया गया है, लेकिन कीमतें उस स्तर के करीब कहीं भी नहीं पहुंची हैं, जिसके लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम के अनुसार तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता हो।

प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की योजना के बारे में पूछे जाने पर सचिव ने कहा, ‘‘ऐसा कोई परिस्थिति नहीं है। निर्यात पिछले साल की तुलना में कम है। अटकल लगाने के बजाय निगरानी करना बेहतर है।’’

उन्होंने कहा कि पहले ही बफर स्टॉक से 81,000 टन से अधिक प्याज उन बाजार में जारी किया जा चुका है, जहां कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। इस पहल का मकसद प्याज की उपलब्धता में सुधार लाना और कीमतों को नियंत्रित करना है।

खाद्य सचिव ने कहा कि सरकार द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड दो लाख टन प्याज के बफर स्टॉक में से लगभग एक लाख टन अभी भी बाजार में हस्तक्षेप के लिए उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि केंद्र आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए रियायती दरों पर राज्यों को प्याज की आपूर्ति भी कर रहा है।

इसके अलावा, खरीफ प्याज का उत्पादन इस साल 7-8 लाख टन अधिक होने की उम्मीद है और इससे आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों को और कम करने में मदद मिलेगी।

खुदरा कीमतों में वृद्धि का कारण हाल ही में हुई बेमौसम बारिश है। इसके कारण महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में लगभग 0.59 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की फसल को मामूली नुकसान हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हमने पिछले सप्ताह राज्य सरकारों के साथ चर्चा की थी। सभी का मानना है कि कीमतों में वृद्धि की कोई संभावना नहीं है।’’

केंद्र बफर प्याज 21 रुपये प्रति किलो के भाव से भंडारण स्थल पर दे रहा है, जबकि 26 रुपये प्रति किलो दिल्ली में मदर डेयरी के सफल बिक्री केन्द्र पर उपलब्ध करा रहा है। अब तक सफल को 400 टन प्याज की आपूर्ति की जा चुकी है।

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News