प्रशासन और किसानों के बीच बातचीत फेल, 7 सितंबर को करनाल में महापंचायत का ऐलान,धारा 144 लागू, इंटरनेट बंद
हाइलाइट्स
- 7 सितंबर को करनाल में महापंचायत का ऐलान किया गया है
- कोई बड़ी घटना न हो इसीलिए प्रशासन अभी से अलर्ट मोड पर है
- प्रशासन से किसानों की बातचीत का नहीं निकला नतीजा
करनाल
करनाल (Karnal) में किसानों की महापंचायत (Mahapanchayat) और ‘मिनी सेक्रेटेरिएट’ का घेराव करने के ऐलान के बाद पुलिस पहले से ही सतर्क हो गई है। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने ऐलान किया है कि 7 सितंबर को करनाल में महापंचायत (Mahapanchayat) का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मुजफ्फनगर की तरह ही पूरे देश से किसान भाई हिस्सा लेने के लिए जुटेंगे। इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
एहतियात के तौर पर इलाके में धारा 144 लगा दी है। वहीं किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए इंटरनेट भी बंद (Internet Close) करने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही सुरक्षा के तौर पर हरियाणा पुलिस के साथ ही पैरामिलिट्री फोर्सेज को करनाल में तैनात कर दिया गया है।
करनाल में कल होने वाली महापंचायत को लेकर प्रशासन से बातचीत पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, “प्रशासन ने बात करने के लिए बुलाया था लेकिन हल नहीं निकला है। हमने कहा है कि हम पंचायत करेंगे और उसके बाद हमारा सचिवालय के घेराव का कार्यक्रम है। प्रशासन ने कहा है कि हम रोकेंगे।”
हम सचिवालय और हाईवे को जाम नहीं होने देंगे- DM निशांत यादव
करनाल के ज़िलाधिकारी निशांत यादव ने कहा है कि कल करनाल में किसान मंडी में किसानों ने महापंचायत बुलाई है। मैं लोगों से अपील करना चाहता हूं कि कल के दिन अगर ज़रूरी ना हो तो राष्ट्रीय राजमार्ग-44 (करनाल की सीमा) में यात्रा करने से बचे। हम सचिवालय और हाईवे को जाम नहीं होने देंगे।
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जायज नहीं थीं किसानों की मांग– DM निशांत यादव
करनाल के DM निशांत कुमार यादव ने कहा, “हमने किसानों के साथ बातचीत की। उनकी मांग जायज नहीं थी। कानून का उल्लंघन करने वालों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा और हमारे अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। हम उन्हें कल हाईवे जाम और मिनी सचिवालय का घेराव नहीं करने देंगे।”
प्रशासन से किसानों की बातचीत का नहीं निकला नतीजा
28 अगस्त को सीएम खट्टर का विरोध कर रहे किसानों पर बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज किया गया था। जिसके बाद किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया था। किसान नेताओं ने कहा था कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर अगर कोई फैसला नहीं लिया तो वह 7 सितंबर को करनाल की अनाज मंडी में बड़ी महापंचायत आयोजित करेंगे। इसके साथ ही किसानों ने करनाल मिनी सचिवालय का घेराव करने की भी चेतावनी दी थी।
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सभी को अपनी बात कहने और प्रदर्शन का अधिकार-गृह मंत्री अनिल विज
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि सभी को अपनी बात कहने और प्रदर्शन का अधिकार है। कल किसान भी कर रहे हैं तो करें लेकिन शांतिपूर्वक करें। हमने सारे इंतज़ाम किए हैं। लोगों की सुविधा के लिए कुछ रास्ते बदले भी हैं। ADGP (कानून व्यवस्था) को मैंने खुद वहां रहने का आदेश दिया है।
किसानों ने प्रशासन के सामने क्या रखी थी मांग
नाराज किसानों ने मृतक किसान के बेटे के लिए सरकार की तरफ से नौकरी देने और पीड़ित परिवार को 25 लाख का मुआवजा देने की मांग की थी। वहीं लाठीचार्ज में घायल किसानों के परिवारों के लिए 2-2 लाख के मुआवजे की भी मांग की गई थी। सात ही किसानों ने अल्टीमेटम दिया था कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो वह करनाल में 7 सितंबर को महापंचायत करेंगे।
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करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
- 7 सितंबर को करनाल में महापंचायत का ऐलान किया गया है
- कोई बड़ी घटना न हो इसीलिए प्रशासन अभी से अलर्ट मोड पर है
- प्रशासन से किसानों की बातचीत का नहीं निकला नतीजा
करनाल
करनाल (Karnal) में किसानों की महापंचायत (Mahapanchayat) और ‘मिनी सेक्रेटेरिएट’ का घेराव करने के ऐलान के बाद पुलिस पहले से ही सतर्क हो गई है। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने ऐलान किया है कि 7 सितंबर को करनाल में महापंचायत (Mahapanchayat) का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मुजफ्फनगर की तरह ही पूरे देश से किसान भाई हिस्सा लेने के लिए जुटेंगे। इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
एहतियात के तौर पर इलाके में धारा 144 लगा दी है। वहीं किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए इंटरनेट भी बंद (Internet Close) करने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही सुरक्षा के तौर पर हरियाणा पुलिस के साथ ही पैरामिलिट्री फोर्सेज को करनाल में तैनात कर दिया गया है।
करनाल में कल होने वाली महापंचायत को लेकर प्रशासन से बातचीत पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, “प्रशासन ने बात करने के लिए बुलाया था लेकिन हल नहीं निकला है। हमने कहा है कि हम पंचायत करेंगे और उसके बाद हमारा सचिवालय के घेराव का कार्यक्रम है। प्रशासन ने कहा है कि हम रोकेंगे।”
हम सचिवालय और हाईवे को जाम नहीं होने देंगे- DM निशांत यादव
करनाल के ज़िलाधिकारी निशांत यादव ने कहा है कि कल करनाल में किसान मंडी में किसानों ने महापंचायत बुलाई है। मैं लोगों से अपील करना चाहता हूं कि कल के दिन अगर ज़रूरी ना हो तो राष्ट्रीय राजमार्ग-44 (करनाल की सीमा) में यात्रा करने से बचे। हम सचिवालय और हाईवे को जाम नहीं होने देंगे।
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जायज नहीं थीं किसानों की मांग– DM निशांत यादव
करनाल के DM निशांत कुमार यादव ने कहा, “हमने किसानों के साथ बातचीत की। उनकी मांग जायज नहीं थी। कानून का उल्लंघन करने वालों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा और हमारे अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। हम उन्हें कल हाईवे जाम और मिनी सचिवालय का घेराव नहीं करने देंगे।”
प्रशासन से किसानों की बातचीत का नहीं निकला नतीजा
28 अगस्त को सीएम खट्टर का विरोध कर रहे किसानों पर बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज किया गया था। जिसके बाद किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया था। किसान नेताओं ने कहा था कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर अगर कोई फैसला नहीं लिया तो वह 7 सितंबर को करनाल की अनाज मंडी में बड़ी महापंचायत आयोजित करेंगे। इसके साथ ही किसानों ने करनाल मिनी सचिवालय का घेराव करने की भी चेतावनी दी थी।
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सभी को अपनी बात कहने और प्रदर्शन का अधिकार-गृह मंत्री अनिल विज
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि सभी को अपनी बात कहने और प्रदर्शन का अधिकार है। कल किसान भी कर रहे हैं तो करें लेकिन शांतिपूर्वक करें। हमने सारे इंतज़ाम किए हैं। लोगों की सुविधा के लिए कुछ रास्ते बदले भी हैं। ADGP (कानून व्यवस्था) को मैंने खुद वहां रहने का आदेश दिया है।
किसानों ने प्रशासन के सामने क्या रखी थी मांग
नाराज किसानों ने मृतक किसान के बेटे के लिए सरकार की तरफ से नौकरी देने और पीड़ित परिवार को 25 लाख का मुआवजा देने की मांग की थी। वहीं लाठीचार्ज में घायल किसानों के परिवारों के लिए 2-2 लाख के मुआवजे की भी मांग की गई थी। सात ही किसानों ने अल्टीमेटम दिया था कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो वह करनाल में 7 सितंबर को महापंचायत करेंगे।
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करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज (फाइल फोटो)