बम ब्लास्ट के आरोपियों के बरी होने के 12 दिन बाद BJP ने कांग्रेस पर लगाया तुष्टिकरण का आरोप, घेराबंदी के लिए बनाया अब ये प्लान

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बम ब्लास्ट के आरोपियों के बरी होने के 12 दिन बाद  BJP ने कांग्रेस पर लगाया तुष्टिकरण का आरोप, घेराबंदी के लिए बनाया अब ये प्लान

बम ब्लास्ट के आरोपियों के बरी होने के 12 दिन बाद BJP ने कांग्रेस पर लगाया तुष्टिकरण का आरोप, घेराबंदी के लिए बनाया अब ये प्लान


जयपुर: मई 2008 में जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले के सभी आरोपियों को हाईकोर्ट की ओर से बरी कर दिए जाने मामले में राज्य सरकार ने अभी तक ऊपरी अदालत में अपील नहीं की है। इस मामले को लेकर बीजेपी लगातार सरकार पर आरोप लगाती रही है। बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा है कि आतंकी घटना को कारित करने वाले आरोपियों के बरी होने के 12 दिन बाद भी राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर नहीं करना राज्य सरकार की तुष्टीकरण की नीति का सबसे बड़ा उदाहरण है। दोषियों के खिलाफ अभी तक कोई कठोर कदम नहीं उठाना हैरान जनक है। चतुर्वेदी ने कहा कि जयपुर सहित पूरे राजस्थान को दहला देने वाले जयपुर बम ब्लास्ट कांड के प्रति कांग्रेस सरकार का रवैया असंवेदनशील रहा है।

बीजेपी निकालेगी कैंडल मार्च

अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि 12 अप्रेल को प्रदेश भाजपा की ओर से बम ब्लास्ट कांड के शिकार हुए लोगों परिजनों के साथ कैंडल मार्च निकाला जाएगा। शाम 4 बजे रामलीला मैदान से लेकर सांगानेरी गेट स्थित हनुमान मंदिर तक कैंडल मार्च निकालेंगे। इसी हनुमान मंदिर के मुख्य द्वार पर पहला धमाका हुआ था जिसके निशान आज भी बने हुए हैं। भाजपा नेताओं ने राज्य सरकार से बम ब्लास्ट कांड के आरोपियों को शीघ्र सजा दिलाने की मांग की है। पीड़ित परिवार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

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पीड़ित परिवारों के की ओर से हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी, जिसमें भाजपा पूर्ण रूप से सहयोग करेगी। अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि बम ब्लास्ट के दोषियों को सजा दिलाना सरकार की प्राथमिकता नहीं है जबकि भाजपा को पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं हैं।

एनआईए को ट्रांसफर क्यों नहीं की गई जांच – चतुर्वेदी

अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि जयपुर में बम ब्लास्ट की घटना वर्ष 2008 में हुई थी। उसी साल देश में चार और आतंकी घटनाएं हुई जिनमें समझौता एक्सप्रेस, मालेगांव कांड, हैदराबाद की मक्का मस्जिद और अजमेर दरगाह बम कांड शामिल है। इन चारों आतंकी घटनाओं की जांच नेशनल जांच एजेंसी (एनआईए) को ट्रांसफर कर दी जाती है लेकिन जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट की जांच एनआईए को ट्रांसफर नहीं की गई। जयपुर बम ब्लास्ट मामले में दोषियों के बरी होने से समाज के प्रत्येक वर्ग को पीड़ा हुई है। इतनी बड़ी विभीषिका में 80 लोगों की जानें गई और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। ऐसी आतंकी घटना के दोषियों का बरी हो जाना पीड़ित परिवारों के साथ-साथ समाज के प्रत्येक वर्ग को आहत करने वाला है। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

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