बीजेपी विधायक के कॉलेज के सेंटर से टॉप टेन में सात अभ्यर्थी, अब पटवारी भर्ती पर मचा बवाल

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बीजेपी  विधायक के कॉलेज के सेंटर से टॉप टेन में सात अभ्यर्थी, अब पटवारी भर्ती पर मचा बवाल

बीजेपी विधायक के कॉलेज के सेंटर से टॉप टेन में सात अभ्यर्थी, अब पटवारी भर्ती पर मचा बवाल

भोपाल: मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (पूर्व नाम व्यापमं) में हुई संयुक्त भर्ती परीक्षा (पटवारी) परीक्षा घोटाले (MP Patwari Bharti Result) के घेरे में घिर गई है। परिणाम आने की कुछ दिन बाद ही इस भर्ती पर विवाद शुरू हो गया। विवाद की वजह ग्वालियर का एक परीक्षा सेंटर बना है। टॉप टेन में आए सभी आवेदकों का सेंटर (एनआरआई) यही कॉलेज था। एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट बीजेपी विधायक संजीव सिंह कुशवाहा का है। रिजल्ट आने के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। यह एक संयोग है या प्रयोग।
टॉप 10 में आए पटवारियों में से 7 आवेदकों ने इसी सेंटर में परीक्षा दी है। उनके रोल नंबर की सीरीज भी एक जैसी ही है। दिलचस्प बात यह है कि इस केंद्र में परीक्षा देने वाले आवेदकों में से 100 से अधिक आवेदक पटवारी पद के लिए चयनित हुए हैं। इस भर्ती में घोटाला का शक इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि यहां परीक्षा देने वाले आवेदकों ने 200 में से 183 नंबर तक हासिल किए हैं।

भर्ती परीक्षाओं की कोचिंग देने वाले विशेषज्ञों ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम को बताया कि इस बार हुई संयुक्त परीक्षा भर्ती में 183 नंबर कोई भी अभ्यर्थी ला पाए ऐसा संभव ही नहीं है। जो बच्चे टॉप टेन में आए हैं, उन्हें दोबारा किसी ऑब्जरवेशन में परीक्षा दिलाई जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

संयोग या प्रयोग

इस परीक्षा में एक और संयोग नजर आ रहा है। टॉप टेन में आए अधिकांश उम्मीदवारों ने हिंदी में एकदम सीधे सपाट हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें उनके सरनेम भी नहीं दिख रहे हैं। परीक्षा देने वाले मध्य प्रदेश के युवाओं और कांग्रेस के नेताओं ने इस परीक्षा को रद्द करके फिर से पारदर्शी तरीके से परीक्षा कराए जाने की मांग की है।

पहले भी परीक्षा हो चुकी रद्द

दरअसल, वर्ष 2020 में कर्मचारी चयन मंडल (ESB) ने कृषि विस्तार अधिकारी और वरिष्ठ विस्तार अधिकारी की भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। उसमें भी पेपर लीक हुआ था और आवेदकों ने 195 नंबर तक हासिल कर लिए थे बाद में जांच में सामने आया था कि इस परीक्षा का पेपर बाहर किसी अन्य कंप्यूटर सेंटर में लीक हुआ था। विवाद सामने आने के बाद मंडल ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया था।
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प्रदेश में विवादित रही हैं भर्ती परीक्षाएं

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में साल 2010 के बाद से ही व्यावसायिक परीक्षा मंडल की प्रवेश परीक्षाएं विवादों में घिरी रही हैं। बाद में सरकार ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल (VYAPAM) का नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेश बोर्ड यानि (PEB) कर दिया था। विवाद उसके बाद भी समाप्त नहीं हुआ तो संगठन का स्वरूप ही बदलकर कर्मचारी चयन मंडल (ESB) कर दिया।

युवा कांग्रेस की प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम से कहा कि भर्ती परीक्षा में घोटाले की आशंका है। सरकार इस भर्ती परीक्षा को रद्द करे और इसे ऑफलाइन कराया जाए।

पूर्व सीएम कमलनाथ का हमला

वहीं, पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के समाचार सामने आ रहे हैं। कई टॉपर एक ही सेंटर पर परीक्षा देकर सफल हुए बताए जा रहे हैं। एक बार फिर फर्जीवाड़े के तार बीजेपी से जुड़े दिख रहे हैं।
(रिपोर्ट : दीपक राय)

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