भाग्‍यश्री की जिंदगी में भी आया था वो डरावना दौर, ऐक्‍ट्रेस बोलीं- हिमालय ने तब मेरा दोस्त बनकर साथ दिया

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भाग्‍यश्री की जिंदगी में भी आया था वो डरावना दौर, ऐक्‍ट्रेस बोलीं- हिमालय ने तब मेरा दोस्त बनकर साथ दिया

सुपरहिट डेब्‍यू फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ से रातोंरात स्टार बन चुकीं ऐक्ट्रेस भाग्यश्री (Bhagyashree) ने अपने प्यार हिमालय दासानी (Himalaya Dasani) से शादी और उसके बाद सिर्फ उनके साथ ही फिल्में करने के फैसले से सबको चौंका दिया था। उन्होंने अपने शानदार करियर के ऊपर प्यार और परिवार को चुना। लेकिन अब 33 साल बाद ये जोड़ी फिर स्क्रीन पर नजर आ रही है। इन दिनों छोटे पर्दे के रिएलिटी शो ‘स्मार्ट जोड़ी’ (Smart Jodi) में खूब प्यार बटोर रही भाग्यश्री-हिमालय की जोड़ी से नवभारत टाइम्‍स ने प्यार, परिवार, रिश्तों और शादी को लेकर खास बातचीत की।

आपके हिसाब से एक स्मार्ट जोड़ी की परिभाषा क्या है और आप खुद को स्मार्ट जोड़ी क्यों मानते हैं?
भाग्यश्री: स्मार्ट जोड़ी वही है, जो सारी मुसीबतें एक साथ झेल सके और एक-दूसरे का मनोबल बढ़ा सके। शादी का मतलब यही है कि अगर आप एक दूसरे की खामियों को समझ सको, उससे तालमेल बिठा सको कि भई, जिंदगी अलग-अलग समस्याएं देती रहती है, जिंदगी में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं पर जिसमें उसे सहने की, उससे लड़ने की क्षमता होती है। जो सुख दुख में एक-दूसरे के साथ हों, वही स्मार्ट जोड़ी है। हमने एक साथ ये पड़ाव पार करते-करते 33 साल बिता दिए, तो हम स्मार्ट जोड़ी हैं।

हिमालय: आजकल आप आसपास देखें तो अलगाव और तलाक इतने ज्यादा होने लगे हैं कि डर लगता है। हर जोड़ी को कुछ समझौते करने पड़ते हैं, उतार-चढ़ाव देखने पड़ते हैं, परिवार को भी संभालना होता है, तो जो जोड़ी ये कर सकती है, वही स्मार्ट जोड़ी है। वरना आप चाहे जितने अच्छे स्टूडेंट हैं, आपको हर विषय में नब्बे पर्सेंट मिले, पर आप एक विषय में फेल हो जाते हैं, तो ओवरऑल फेल ही हो जाते हैं न। पर अगर हर विषय में भी साठ-पैसठ पर्सेंट मिल रहे हैं, तो आप फर्स्ट डिविजन पास हो जाते हैं, तो काम भी जरूरी है, रिश्ते भी जरूरी है, अपनी चाहतें भी हैं, बच्चे हैं, इन सबको जो संभालकर आगे चल सकता है, वही स्मार्ट जोड़ी है।


आपकी शादी को 33 साल हो गए। इस दौरान उतार चढ़ाव भी आए होंगे। कोई ऐसा मुश्किल दौर था, जिससे आप स्मार्टली उबरे?
भाग्यश्री: हां। एक दौर था, जब मैं एंपटीनेस सिंड्रोम यानी खालीपन से गुजर रही थी। मैंने अपना पूरा समय परिवार और बच्चों को दिया। जब बच्चे छोटे होते हैं, तब आपका पूरा ध्यान बच्चों पर होता है। तब आपको और किसी की जरूरत नहीं होती, न वक्त होता है कुछ और सोचने का। उनकी पढ़ाई-लिखाई, रोजमर्रा की जिंदगी में आप खो जाते हैं, पर जब बच्चे बड़े हो जाते हैं। उन्हें आपकी इतनी जरूरत नहीं रहती। बाकी चीजें भी सेटल हो जाती हैं। तब खालीपन महसूस होता है। औरतें जब अपना वजूद ढूंढ़ती हैं कि मैं कौन हूं, मेरी क्या इच्छाएं हैं? और उसका जवाब नहीं मिलता, तब खालीपन लगता है, जो बहुत डरावना होता है। तब लगता है कि पूरा परिवार साथ तो है, लेकिन आप बिल्कुल अकेले हैं। मैं भी इस खालीपन के दौर से गुजरी हूं। तब हिमालय जी का बिजनेस बहुत अच्छा चल रहा था, तो वो बहुत बिजी थे। बच्चे बड़े हो गए थे, तो वो अपनी जिंदगी में मस्त थे। मैंने करियर छोड़ दिया था, तो मैं घर पर थी। मैं पूरे वक्त हाउसवाइफ ही थी और जब घर को आपकी जरूरत नहीं होती, तो औरत को लगता है कि सिर्फ घर ही उसका वजूद है या कुछ और भी है। इसे चीज से उबरना बहुत मुश्किल होता है। तब आपको एक दोस्त की जरूरत होती है और खुशकिस्मती से शादी के वक्त हिमालय मेरे दोस्त थे। शादी के बाद दोस्त से पति बन गए और मैंने अपने दोस्त को खो दिया। लेकिन जब ये समय आया तब मुझे एक दोस्त की जरूरत थी और मैंने उनसे कहा कि मुझे ऐसा खालीपन महसूस हो रहा है और हमें अपने रिश्ते की तरफ और ज्यादा ध्यान देना चाहिए। वो कहते हैं न कि बात कहने से बात बनती है, मेरे साथ यही हुआ। अगर मैं उन्हें नहीं बताती, खुद में घुटती रहती तो वे नहीं बदल पाते, लेकिन मैंने उनसे बात की, तो एक बदलाव हुआ और मुझे मेरा दोस्त वापस मिल गया। इससे हमारी जिंदगी में रोमांस भी वापस आ गया, क्योंकि कहीं न कहीं इतनी लंबी शादी में रोमांस पीछे रह जाता है।

हिमालय: जब भाग्यश्री ने ये बताया तब मैंने कहा कि तुम कुछ काम शुरू करो, क्योंकि अब तक बच्चे भी बड़े हो गए। फिर उसने बोला कि मैं ऐक्टिंग दोबारा शुरू करना चाहती हूं। तब उसने अपने एक-दो दोस्तों को कॉल करके बोला कि अब वो काम के लिए रेडी हैं और उसने वापस काम शुरू कर दिया, तो हमने बातचीत करके इस दिक्कत को आसानी से सुलझा लिया।


भाग्यश्री, आपने इतने सुपरहिट करियर को छोड़कर परिवार और प्यार को चुना, कभी इस बात का अफसोस हुआ? हिमालय क्या आपको कभी ये गिल्ट आया कि आपके प्यार में उनके इतने शानदार करियर पर ब्रेक लग गया?
भाग्यश्री: जब मैं उस खालीपन से गुजर रही थी, तब वो एक वक्त था, जब लगा कि मैंने करियर छोड़कर गलत किया क्या? वरना मुझे तो पता नहीं कि मुझे क्या अच्छा लगता है। ये कमी पहले महसूस नहीं होती, पर जब वो लोग जिन्हें आप चाहते हैं, वे आपके पास नहीं होते, तब लगता है कि ये भी छूट गया, वो भी छूट गया, मेरा क्या है, मैं कौन हूं, सिर्फ वो एक वक्त था जब आप बहुत अकेला महसूस करते हैं। वरना हम सिर्फ 20 साल के थे, जब हमने शादी की। तब आपको खुद को पता नहीं होता कि आप क्या चाहते हैं। तब तो मैं वैसी बनना चाहती थी, जो उनको अच्छा लगता है, तब वह फैसला आसान था।

हिमालय: पहले ये अहसास नहीं हुआ, क्योंकि बच्चे भी छोटे थे। मैं भी बहुत छोटा था, लेकिन जब मैच्योरिटी आई, तब लगा कि यार, इतनी बड़ी सक्सेस को यूं छोड़ना बहुत बड़ी कुर्बानी थी। आप सोचो, पूरी दुनिया आपके कदमों में हो, आप सबसे बड़ी हिट की हीरोइन और उस सक्सेस का पूरा श्रेय आपको था, पर उसने एक मिनट भी नहीं लगाया, वो सब छोड़ने में, तो मुझे बाद में अहसास हुआ कि उसने कितनी बड़ी कुर्बानी दी।

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आपके हिसाब से एक सफल शादी के लिए क्या मूल मंत्र होता है?
भाग्यश्री: देखिए, आप पैरंट्स या बच्चे चुन नहीं सकते, पर आप अपनी जिंदगी का साथीदार हमेशा चुन सकते हैं तो साथ में रहना या अलग होना, ये पति-पत्नी दोनों पर निर्भर करता है। अगर एक केवल देता जाए और दूसरा केवल लेता जाए, तो वह कभी सफल पारी या लंबी पारी नहीं हो सकती। जैसे, क्रिकेट में भी जब खेलते हैं, तो दोनों रनर को भागना पड़ता है। दोनों को तालमेल बनाना पड़ता है, तभी वो पारी लंबी बनती है। मेरे हिसाब से यही जरूरी है कि दोनों हाथ पकड़कर साथ में चले।

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हिमालय: मेरे हिसाब से सबसे जरूरी है, एक दूसरे के साथ रहने की चाहत कि चलो कम ज्यादा जो भी है, उससे फर्क नहीं पड़ता। मेरे लिए मेरे प्यार के साथ रहना सबसे जरूरी है। हमारी तो लव मैरिज हुई थी तो निभाने वाली बात ही नहीं आती थी। हमारे बीच प्यार ही इतना था कि आप खुशी-खुशी हर काम करते हैं। मेरे हिसाब से रिश्ते में प्यार और सम्मान हो, तो आप सारी लड़ाइयां जीत जाएंगे। उसके बाद धैर्य, अडजस्ट करना, ईगो न रखना ये सब आता है। जैसे, ऐसा नहीं है कि हमारे झगड़े नहीं होते, लेकिन हम ईगो नहीं रखते। मना लेते हैं एक-दूसरे को। हालांकि, मैं ही मनाता हूं पर मना लेता हूं और वो मान जाती है। (हंसते हैं)





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