भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आगाज 20 नवंबर से, 75 क्रिएटिव माइंड ऑफ टुमॉरो का चयन | International Film Festival of India is all set for it’s 53rd edition | Patrika News
फेस्टिवल में 75 क्रिएटिव माइंड को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसी के चलते 75 क्रिएटिव माइंड ऑफ टुमॉरो का चयन किया गया है। इस बारे में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, 75 क्रिएटिव माइंड ऑफ टुमॉरो यूथ, कलाकारों और क्रिएटिव को मिलाकर एक अनोखा प्लेटफार्म बनाया गया है ताकि गोवा में होने वाले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में भारतीय फिल्म इंडस्ट्री से देश के दूरदराज में रहने वाले लोगों को भी जान-पहचान बनाने का अवसर मिल सके और वे उनके बारे में जान सके।
ठाकुर ने कहा, लखीमपुर, असम के सोनितपुर, उड़ीसा के खोड़ा, कृष्णा और प्रकाशन आंध्र प्रदेश से, थेणी तमिलनाडु से और महाराष्ट्र में भंडारा जिले से भी एंट्रियां आई है। इन जगहों से 75 क्रिएटिव माइंड को चुना गया है। गौरतलब है कि इन विजेताओं को न सिर्फ फिल्म फेस्टिवल में भाग लेने का अवसर मिलेगा बल्कि उन्हें लाने, ले जाने, रहने-खाने-पीने की सुविधा भी दी जाएगी और इसके लिए उनसे कोई शुल्क भी नहीं लिया जाएगा। वे फेस्टिवल में भाग लेने के अलावा इंटरनेशनल सिनेमा पर भी चर्चा कर पाएंगे। सभी क्रिएटिव माइंड 18 से 35 वर्ष के बीच में है।
गीतकार प्रसून जोशी ने कहा, भारत में विविधता में एकता है जो कि हमारी शक्ति भी है। जब हम देश के दूरदराज के इलाकों से कहानियां सुनते हैं तो यह हमारी स्वतंत्रता और एकता को बढ़ाता है। इसी के चलते हम क्रिएटिव माइंड ऑफ टुमॉरो लेकर आए हैं। हमने इसे पिछले वर्ष शुरू किया था।
महोत्सव को हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित किया जा रहा है। इसमें ओटीटी प्लेटफार्म (OTT Platform) भाग लेने जा रहे हैं, जिसके लिए नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, जी5, वूट और सोनी लिव जैसे बड़े ओटीटी प्लेटफार्म को आमंत्रित किया गया है।
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 53वें संस्करण में फ्रांस ‘कंट्री इन फोकस’ देश होगा। महोत्सव में हॉरर फिल्मों को खास जगह दी जाएगी | फिल्म महोत्सव में मैक्सिकन सालसा का रंग देखने को मिलेगा।
1952 में स्थापित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव एशिया के सबसे प्रमुख फिल्म समारोहों में से एक है। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का उद्देश्य फिल्मों, उनके द्वारा बताई गई कहानियों और उन्हें बनाने वाले लोगों को प्रोत्साहित करना है और उनका जश्न मनाना है ..
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है सरकार भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) को आगे बढ़ाने के लिए सतत प्रयास करती रहेगी। हम प्रयास करेंगे कि आजादी के 75वें वर्ष से 100 वर्ष होने तक आईएफएफआई फिल्म जगत के लिए और बड़ा मंच बने और वैश्विक सिनेमा के लिए आदर्श गंतव्य स्थल बने।
फेस्टिवल में 75 क्रिएटिव माइंड को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसी के चलते 75 क्रिएटिव माइंड ऑफ टुमॉरो का चयन किया गया है। इस बारे में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, 75 क्रिएटिव माइंड ऑफ टुमॉरो यूथ, कलाकारों और क्रिएटिव को मिलाकर एक अनोखा प्लेटफार्म बनाया गया है ताकि गोवा में होने वाले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में भारतीय फिल्म इंडस्ट्री से देश के दूरदराज में रहने वाले लोगों को भी जान-पहचान बनाने का अवसर मिल सके और वे उनके बारे में जान सके।
ठाकुर ने कहा, लखीमपुर, असम के सोनितपुर, उड़ीसा के खोड़ा, कृष्णा और प्रकाशन आंध्र प्रदेश से, थेणी तमिलनाडु से और महाराष्ट्र में भंडारा जिले से भी एंट्रियां आई है। इन जगहों से 75 क्रिएटिव माइंड को चुना गया है। गौरतलब है कि इन विजेताओं को न सिर्फ फिल्म फेस्टिवल में भाग लेने का अवसर मिलेगा बल्कि उन्हें लाने, ले जाने, रहने-खाने-पीने की सुविधा भी दी जाएगी और इसके लिए उनसे कोई शुल्क भी नहीं लिया जाएगा। वे फेस्टिवल में भाग लेने के अलावा इंटरनेशनल सिनेमा पर भी चर्चा कर पाएंगे। सभी क्रिएटिव माइंड 18 से 35 वर्ष के बीच में है।
गीतकार प्रसून जोशी ने कहा, भारत में विविधता में एकता है जो कि हमारी शक्ति भी है। जब हम देश के दूरदराज के इलाकों से कहानियां सुनते हैं तो यह हमारी स्वतंत्रता और एकता को बढ़ाता है। इसी के चलते हम क्रिएटिव माइंड ऑफ टुमॉरो लेकर आए हैं। हमने इसे पिछले वर्ष शुरू किया था।
महोत्सव को हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित किया जा रहा है। इसमें ओटीटी प्लेटफार्म (OTT Platform) भाग लेने जा रहे हैं, जिसके लिए नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, जी5, वूट और सोनी लिव जैसे बड़े ओटीटी प्लेटफार्म को आमंत्रित किया गया है।
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 53वें संस्करण में फ्रांस ‘कंट्री इन फोकस’ देश होगा। महोत्सव में हॉरर फिल्मों को खास जगह दी जाएगी | फिल्म महोत्सव में मैक्सिकन सालसा का रंग देखने को मिलेगा।
1952 में स्थापित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव एशिया के सबसे प्रमुख फिल्म समारोहों में से एक है। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का उद्देश्य फिल्मों, उनके द्वारा बताई गई कहानियों और उन्हें बनाने वाले लोगों को प्रोत्साहित करना है और उनका जश्न मनाना है ..
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है सरकार भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) को आगे बढ़ाने के लिए सतत प्रयास करती रहेगी। हम प्रयास करेंगे कि आजादी के 75वें वर्ष से 100 वर्ष होने तक आईएफएफआई फिल्म जगत के लिए और बड़ा मंच बने और वैश्विक सिनेमा के लिए आदर्श गंतव्य स्थल बने।