भारत का अगले 25 साल में ऊर्जा क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनने का लक्ष्यः मोदी

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भारत का अगले 25 साल में ऊर्जा क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनने का लक्ष्यः मोदी

भारत का अगले 25 साल में ऊर्जा क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनने का लक्ष्यः मोदी

गांधीनगर, 28 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत ने अगले 25 वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनने का लक्ष्य रखा है जिसे हासिल करने में ‘‘मौन क्रांति’’ की अगुवाई कर रहे बिजली चालित वाहनों की अहम भूमिका है।

प्रधानमंत्री ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ऊर्जा के बड़े हिस्से की खपत परिवहन क्षेत्र में होती है लिहाजा इस क्षेत्र में नवोन्मेष को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अगले 25 साल के ‘अमृत काल’ में ऊर्जा क्षेत्र में आत्म-निर्भरता हासिल करना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘ऊर्जा क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनने के सफर में परिवहन एक अहम क्षेत्र है।’’

जापानी वाहन विनिर्माता सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के भारतीय परिचालन के चार दशक पूरा होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ऊर्जा की बड़ी खपत परिवहन क्षेत्र में होती है ऐसे में इस क्षेत्र में नवोन्मेष एवं शोध प्रयास हमारी प्राथमिकता होने चाहिए। हमें भरोसा है कि हम इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे।’’

प्रधानमंत्री ने गुजरात में सुजुकी मोटर के नए ईवी बैटरी संयंत्र और हरियाणा के सोनीपत में मारुति सुजुकी के नए संयंत्र की आधारशिला रखने के बाद कहा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक दोपहिया एवं चार-पहिया वाहन पूरी तरह शांत होते हैं और थोड़ा भी शोर नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इलेक्ट्रिक वाहनों का एकदम शांत रहना देश में एक नई तरह की क्रांति लेकर आ रहा है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘एकदम शांति से मतलब सिर्फ इंजीनियरिंग से नहीं है बल्कि यह देश में एक मौन क्रांति की शुरुआत भी है।’’ उन्होंने कहा कि आज देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार जिस रफ्तार से बढ़ रहा है उसकी कुछ वर्ष पहले तक कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।

उन्होंने कहा कि आयकर में छूट और सरल कर्ज प्रक्रिया जैसे विभिन्न प्रोत्साहन इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों को दिए जा रहे हैं जो इलेक्ट्रिक वाहनों की पारिस्थितिकी को मजबूत करने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आपूर्ति बढ़ाने के लिए वाहनों और वाहनों के कलपुर्जों के विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना लाने की तैयारी तेजी से चल रही है।’’ इसके अलावा ईवी चार्जिंग अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए भी कई नीतिगत निर्णय लिए गए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मारुति सुजुकी की सफलता भारत और जापान के बीच मजबूत साझेदारी को दिखाती है। उन्होंने कहा, ‘‘बीते आठ साल में दोनों देशों के बीच संबंध नई ऊंचाईयों पर पहुंचे हैं। ’’

उन्होंने गुजरात-महाराष्ट्र बुलेट ट्रेन परियोजना, वाराणसी स्थित रुद्राक्ष केंद्र और कई अन्य विकास परियोजनाओं को भारत-जापान मैत्री की मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भारत और जापान को करीब लाने के लिए काफी काम किया था और मौजूदा प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा भी इसे आगे बढ़ा रहे हैं।

जापानी प्रधानमंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा कि बीते चार दशक में मारुति सुजुकी की वृद्धि ने भारत और जापान के आर्थिक संबंधों को अपने साथ बढ़ाया है।

इस अवसर पर सुजुकी मोटर के अध्यक्ष तोशिहिरो सुजुकी ने नई कंपनी सुजुकी आरएंडडी सेंटर इंडिया की स्थापना की घोषणा की। यह सुजुकी जापान के पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी होगी।

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