भूपेंद्र यादव की जन आशीर्वाद यात्रा…कार्यकर्ता निकाल रहे हैं सियासी मायने

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भूपेंद्र यादव की जन आशीर्वाद यात्रा…कार्यकर्ता निकाल रहे हैं सियासी मायने

केंद्र की मोदी सरकार के 39 नए मंत्रियों की जन आशीर्वाद यात्रा शुरू हो चुकी है। अचानक इस तरह की यात्रा क्यों निकाली जा रही है ? इसे अलग—अलग चर्चाएं सामने आ रही हैं। मगर कई राज्यों में मंत्रियों की यात्रा के अलग ही सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। इन राज्यों में राजस्थान भी शामिल हैं, जहां भाजपा में वर्चस्व लड़ाई चल रही है।

जयपुर।

केंद्र की मोदी सरकार के 39 नए मंत्रियों की जन आशीर्वाद यात्रा शुरू हो चुकी है। अचानक इस तरह की यात्रा क्यों निकाली जा रही है ? इसे अलग—अलग चर्चाएं सामने आ रही हैं। कोई इसे जनता का मन टटोलने की कवायद बता रहा है तो कोई इसे पार्टी का जनाधार बढ़ाने का नया तरीका। मगर कई राज्यों में मंत्रियों की यात्रा के अलग ही सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। इन राज्यों में राजस्थान भी शामिल हैं, जहां भाजपा में वर्चस्व लड़ाई चल रही है।

राजस्थान में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य सरकार का ढाई साल से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है। कांग्रेस में अंदरूनी लड़ाई किसी से छुपी नहीं है। मगर कमोबेश भाजपा में भी यही हाल है। यहां भी पार्टी कई गुटों में बंटी हुई है। इस गुटबाजी को दूर करना आलाकमान के लिए सिरदर्द बन गया है। इसी गुटबाजी के बीच केंद्र में राजस्थान कोटे से मंत्री बने भूपेंद्र यादव जन आशीर्वाद यात्रा करने निकले चुके हैं। तीन दिवसीय इस यात्रा का कार्यक्रम पार्टी ने इस तरह तय किया है जैसे यादव का शक्ति प्रदर्शन हो। ज्ञात रहे कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की परिवर्तन यात्रा मॉडल पर ही यह जन आशीर्वाद यात्रा राजस्थान में निकाली जा रही है। खास बात यह है कि उस परिवर्तन यात्रा के सूत्रधार भूपेंद्र यादव ही थे।

यादव का चयन अलग संकेत

राजस्थान भाजपा में चल रही वर्चस्व की लड़ाई के बीच भूपेंद्र यादव का यात्रा के लिए चयन अलग ही संकेत दे रहा है। कार्यकर्ताओं ने तो इसे भविष्य से जोड़कर भी देख लिया। हालांकि यादव ने साफ इनकार किया है कि वो मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं है। मगर उनके इस शक्ति प्रदर्शन से संकेत कुछ और ही मिल रहे हैं।

बढ़ता जा रहा है यादव का कद

यादव का कद पिछले कई सालों में बढ़ता ही चला जा रहा है। कई राज्यों का प्रभारी बनाने के बाद पार्टी को उन राज्यों में मिली सफलता के बाद यादव को इस समय पीएम मोदी व गृहमंत्री अमित शाह का नजदीकी माना जाता है। पार्टी के बड़े रणनीतिकारों में एक यादव राजस्थान के अजमेर जिले से आते हैं, ऐसे में इन संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वो सीएम की दौड़ में नहीं हैं। खास बात यह है कि उनकी जन आशीर्वाद यात्रा में केंद्रीय मंत्री से लेकर सभी बड़े नेता शामिल हैं।



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