मनोज बाजपेयी का छलका दर्द- कोई परफॉर्मेंस की बात नहीं करता, सब 1000 करोड़, 400 करोड़ में फंसे हैं

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मनोज बाजपेयी का छलका दर्द- कोई परफॉर्मेंस की बात नहीं करता, सब 1000 करोड़, 400 करोड़ में फंसे हैं

फिल्मों में दमदार परफॉर्मेंस के लिए 3 बार नैशनल अवॉर्ड जीत चुके ऐक्टर मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) पिछले 28 साल से बॉलिवुड का हिस्सा हैं। इतने लंबे वक्त में मनोज बाजपेयी ने एक से बढ़कर एक किरदार निभाकर दर्शकों का दिल जीता। उन्होंने हमेशा उन फिल्मों को तरजीह दी, जिनमें कॉन्टेंट ‘असली किंग’ बनकर उभरा। लेकिन मनोज बाजपेयी को इस बात की हैरानी होती है कि लोग आजकल कॉन्टेंट या परफॉर्मेंस के बारे में बात करने के बजाय सिर्फ इस बात पर ध्यान देते हैं कि फिल्म ने कितनी कमाई की। बॉक्स ऑफिस पर क्या आंकड़ा रहा। मनोज बाजपेयी ने कहा कि हर कोई नंबरों में फंसा हुआ है।

RRR, KGF Chapter 2 एक हजार करोड़ क्लब में शामिल
मनोज बाजपेयी ने ये बातें हाल ही दिए एक इंटरव्यू में कहीं। बता दें कि हाल ही के दिनों में रिलीज हुईं एसएस राजामौली (SS Rajamouli) की फिल्म RRR और यश (Yash) स्टारर KGF: Chapter 2 ने बॉक्स ऑफिस पर छप्परफाड़ कमाई की। जहां ‘केजीएफ 2’ (KGF 2) वर्ल्डवाइड 1100 करोड़ का आंकड़ा भी पार कर गई है, वहीं ‘आरआरआर’ ने 1 हजार करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया। कुछ ऐसा ही हाल विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) का भी रहा। मात्र 15 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 250 करोड़ का आंकड़ा भी पार कर लिया।

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मनोज बाजपेयी बोले- सब 1 हजार करोड़, 300-400 करोड़ में फंसे
‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, मनोज बाजपेयी ने कहा, ‘कोई बात ही नहीं कर रहा है कि फिल्म कैसी है? कोई बात करने को राजी ही नहीं है कि परफॉर्मेंसेस कैसी हैं। बाकी डिपार्टमेंट्स का क्या सहयोग है? क्या है ना, हम सब 1 हजार करोड़, 300 करोड़ और 400 करोड़ में फंसे हुए हैं। ये झगड़ा कई साल से चल रहा है और मुझे लगता है कि ये खत्म होने वाला है नहीं।’

‘1 हजार करोड़ क्लब के कारण फिल्म रिलीज करना मुश्किल’
मनोज बाजपेयी ने आगे कहा, ‘अब क्रिटिक्स कह रहे हैं कि आप उनके जैसी फिल्में क्यों नहीं बनाते हैं? आपकी फिल्म क्यों नहीं चल रही है? यह मेनस्ट्रीम में काम करने वालों से पूछा जा रहा है। मेनस्ट्रीम सिनेमा वालों को उनके ही मेनस्ट्रीम क्रिटिक्स कटघरे में खड़ा करके सवाल पूछते हैं। जहां तक मेरी बात है तो मैं तो कभी इस दुनिया का हिस्सा नहीं था। मैं उस दुनिया में कभी-कभी किसी वजह से जाता था और फिर वापस आ जाता था। पहले हमारी फिल्मों को थिएटर्स में रिलीज करवाना ही बहुत मुश्किल होता था। अब यह 1 हजार करोड़ वाली फिल्मों के कारण और मुश्किल हो गया है।’

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मनोज बाजपेयी ने कहा- ओटीटी मेरे जैसों के लिए वरदान

ऐसी घड़ी में मनोज बाजपेयी ने ओटीटी को ‘वरदान’ माना और कहा कि यह उनके जैसे ऐक्टरों के लिए सच में एक वरदान है। वह बोले, ‘ओटीटी बहुत से अन्य टैलेंट्स के लिए वरदान है। बहुत सारी फेकल्टीज़ के लिए अच्छा है। यह देखकर बहुत अच्छा लगता है कि वो सभी बिजी हैं और बहुत ही कमाल का काम कर रहे हैं।’

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साउथ फिल्मों की सक्सेस पर यह बोले थे मनोज बाजपेयी
वहीं मनोज बाजपेयी ने कुछ दिन पहले एक अन्य इंटरव्यू में साउथ फिल्मों की ब्लॉकबस्टर सफलता पर बात की थी। उन्होंने कहा था कि साउथ की फिल्मों की सफलता देख बॉलिवुड कांप उठा है। फिल्ममेकर्स अगल-बगल झांक रहे हैं। मनोज बाजपेयी ने यह भी कहा था कि साउथ फिल्मों की सफलता, बॉलिवुड के लिए एक सीख है। यहां फिल्ममेकर्स को साउथ से सीखना चाहिए कि मेनस्ट्रीम सिनेमा कैसे बनाना है।

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इन दो फिल्मों में दिखेंगे मनोज बाजपेयी
प्रफेशनल फ्रंट की बात करें तो मनोज बाजपेयी Dispatch और ‘गुलमोहर’ नाम की फिल्मों में नजर आएंगे। बीते साल वह दो फिल्मों में दिखे, जो ओटीटी पर रिलीज हुई थीं। ‘गुलमोहर’ के जरिए शर्मिला टैगोर करीब 11 साल बाद सिल्वर स्क्रीन पर वापसी कर रही हैं।



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