महाभारत के दुर्योधन पुनीत इस्सर बोले- वंश चलाने के लिए लड़का नहीं काबिलियत होना जरूरी

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महाभारत के दुर्योधन पुनीत इस्सर बोले- वंश चलाने के लिए लड़का नहीं काबिलियत होना जरूरी

महाभारत के दुर्योधन पुनीत इस्सर बोले- वंश चलाने के लिए लड़का नहीं काबिलियत होना जरूरी

दिग्गज एक्टर पुनीत इस्सर, जिन्हें बीआर चोपड़ा की ‘महाभारत’ में दुर्योधन की भूमिका के लिए जाना जाता है, अब नए शो ‘वंशज’ में एक कुलपति भानुप्रताप की भूमिका निभा रहे हैं। पुनीत इस्सर कई फिल्मों और टीवी शो का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने ‘चंद्रमुखी’, ‘प्रेम शक्ति’, ‘राम जाने’, ‘बॉर्डर’, ‘रिफ्यूजी’, ‘कृष’, ‘बचना ऐ हसीनों’, ‘रेडी’ जैसी फिल्मों में काम किया। वह ‘परम वीर चक्र’, ‘भारत एक खोज’, ‘जुनून’, ‘नूरजहां’, ‘छोटी सरदारनी’, ‘बिग बॉस 8’ और कई अन्य टीवी शो का भी हिस्सा रहे। वंशज के सेट पर उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश:

आज के जमाने में भी वंश आगे बढ़ाने के लिए लड़के को घर वारिस माना जाता है। आप इस बारे में क्या सोचते हैं?
मेरी राय में, क्षमता विरासत को मात देती है, चाहे वह व्यापारिक साम्राज्य चलाने की हो या जीवन की लड़ाई जीतने की। काबिलियत होनी चाहिए न कि वंश प्रधान। जहां लड़का और लड़की बराबर आगे बढ़ रहे हैं बल्कि कई फील्ड में लड़कियां लड़कों से आगे हैं, वहां यह सोच लेकर चलना केवल बेवकूफी है। योग्यता के आधार पर ही उत्तराधिकारी का चुनाव होना चाहिए। केवल यह सोचकर नहीं कि लड़का है। अयोग्य व्यक्ति के हाथ पर अगर घर की बागडोर जाएगी, तो वह उसे केवल बर्बाद ही करेगा। पुत्र मोह के आधार पर चीजें तय करना केवल अपने घर को बर्बाद करना है।

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अब रील्स जैसी चीजों से पॉपुलर होकर कई तरह के लोग फिल्म इंडस्ट्री में आ रहे हैं। इसके बारे में क्या कहना है?
फिर से बात यहां पर योग्यता की ही आती है। किसी जरिए आप घुस तो जाएंगे लेकिन अगर काबिलियत नहीं होगी, तो आगे नहीं बढ़ पाएंगे। इंडस्ट्री में बहुत बच्चे आ जाते हैं क्योंकि उनके पैरंट्स फिल्म इंडस्ट्री में हैं लेकिन चल वही पाते हैं जिनमें योग्यता होती है। आप डायरेक्टर यश चोपड़ा को ही लीजिए। उनके बेटे आदित्य चोपड़ा उनके साम्राज्य को कहां से कहां ले गए क्योंकि वह योग्य हैं।

आज के दौर में जब ओटीटी आ गया है और कहानियां रियलिटी से जुड़ती जा रही हैं। ऐसे में वंशज जैसी कहानी क्या लोगों को पसंद आएगी?
हर तरह के दर्शक हैं। किसी को कोई चीज पसंद आती है, तो दूसरे को कुछ और। मुझे लगता है कि अगर कहानी सही होगी, तो दर्शक रूकेंगे। इसमें कॉमेडी भी है, इमोशंस भी हैं और समाज के लिए मैसेज भी। क्योंकि यह कहानी लड़का बनाम लड़की के मुद्दे से जुड़ी है जो कि हर घर में होता है, तो जाहिर है कि लोग इसे पसंद करेंगे। प्लेटफॉर्म कोई भी हो, अगर कहानी अच्छी होगी, तो हर कोई देखने के लिए रुकेगा।

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आपको सीरियल में काम करने में ज्यादा मजा आता है या फिल्मों में?
कलाकार का काम है परफॉरमेंस देना और उस पात्र को जीना। ओटीटी करें, फिल्म करें या सीरियल करें, आपका काम अपना बेहतरीन परफॉर्मेंस देना है। वैसे, भी हमारी इंडस्ट्री का यह गोल्डन समय है। आज के दौर में काम करने के कई रास्ते खुल गए हैं। ओटीटी आ गया है, रीजनल फिल्में हैं, नए नए सीरियल्स आ रहे हैं…एक्टिंग करना है, जहां मौका मिलेगा वहां करेंगे।

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आप शो में एक सख्त पिता की भूमिका निभा रहे हैं। वास्तविक जीवन में आप किस तरह के इंसान है?
मेरा किरदार परिवार के मुखिया भानुप्रताप का है, जो बेहद सकारात्मक शख्सियत हैं। वह पूरे व्यापारिक साम्राज्य का भार अपने कंधों पर उठाता है और अत्यधिक सफल होता है। वह अपनी सांस्कृतिक जड़ों से गहराई से जुड़े रहते हुए भी आधुनिक मूल्यों के साथ अपनी शर्तों पर जीवन जीते हैं। भगवद गीता में उनकी गहरी रुचि है, जिसे वे न केवल एक धार्मिक ग्रंथ के रूप में देखते हैं, बल्कि जीवन जीने के लिए एक नियमावली के रूप में देखते हैं। सच कहूं, तो वास्तविक जीवन में भी मैं कुछ इसी तरह का हूं। इस किरदार से मैं गहराई से जुड़ाव महसूस कर रहा हूं। यही वजह है कि मुझे इसमें शूटिंग करने में भी खासा मजा आ रहा है। इसकी कहानी हर घर की कहानी से मेल खाती है इसलिए लोग इनसे अपने आप को आसानी से आइडेंटिफाई कर पाएंगे।

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आपने ‘वंशज’ में अपनी भूमिका के लिए कैसे तैयारी की?
मेरा किरदार मेरे व्यक्तित्व और आवाज से मेल खाता है और मेरा मानना है कि मैं इस भूमिका के लिए स्वाभाविक रूप से फिट हूं। भानु प्रताप की भूमिका निभाने की प्रेरणा मुझे मेरे पिता से मिली, जो कम बोलने वाले और कर्मयोगी थे। मेरे पिता की तरह, भानुप्रताप भी इसी तरह के गुणों वाला एक चरित्र है, जिसने मेरे लिए भूमिका की तैयारी करना आसान बना दिया। मुझे बस अपने पिता की शैली, बात करने के तरीके और व्यक्तित्व की नकल करनी थी। मैंने इन चीजों को अपने प्रदर्शन में शामिल किया है। मेरा चरित्र यह सुनिश्चित करता है कि व्यापारिक साम्राज्य परिवार में सही व्यक्ति को विरासत में मिले।