महाराष्‍ट्र के पूर्व गृह मंत्री देशमुख ने बना रखी थीं 18 मुखौटा कंपनियां, ब्लैक मनी को व्‍हाइट बनाने में होता था इस्‍तेमाल

72


महाराष्‍ट्र के पूर्व गृह मंत्री देशमुख ने बना रखी थीं 18 मुखौटा कंपनियां, ब्लैक मनी को व्‍हाइट बनाने में होता था इस्‍तेमाल

हाइलाइट्स

  • करीबियों की मदद से परिवार के सदस्‍यों का था कंट्रोल
  • 18 कंपनियों का मुख्‍यालय कोलकाता में दिखाया गया
  • कंपनियों के जरिये 9.8 करोड़ से ज्‍यादा की रकम घुमाई गई

नई दिल्‍ली
महाराष्‍ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने 18 मुखौटा कंपनियां (शेल कंपनीज) बना रखी थीं। इनका पता कोलकाता का था। इन कंपनियों के जरिये 9.8 करोड़ रुपये के कालेधन को व्‍हाइट में बदला गया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी जांच में इस बात का पता लगाया है। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के केस में देशमुख के संदेहास्‍पद फाइनेंशियल ट्रांजैक्‍शन की जांच कर रहा है। ये फाइनेंशियल ट्रांजैक्‍शन एक दशक के दौरान किए गए। उस वक्‍त देशमुख महाराष्‍ट्र में कांग्रेस के नेतृत्‍व वाली सरकार में मंत्री थे।

ईडी ने यह भी खुलासा किया है देशमुख कालेधन को ठिकाने लगाने के लिए 2013 से सुरेंद्र के जैन और वीरेंद्र जैन की मदद ले रहे थे। ये दोनों भाई हैं और हवाला ऑपरेटर्स हैं। मामले में जैन बंधु भी आरोपी हैं।

Opinion: ‘कांग्रेस वो जमींदार जो हवेली तक न बचा सकी’, सोनिया-राहुल को चुभ जाएगी शरद पवार की यह बात

एक सीए ने ईडी को बताया कि उसने जैन बंधु की मुलाकात देशमुख के बेटे ऋषिकेश से कराई। वह ऐसे किसी व्‍यक्ति को चाहता था जो परिवार के स्‍वामित्‍व वाले श्री साईं शिक्षा संस्‍थान को कैश के बदले डोनेशन दे। सीए ने बताया कि उसने इस बंदोबस्‍त में गारंटर और कॉर्डिनेटर की भूमिका निभाई थी।

डोनेशन के नाम पर रकम ट्रांसफर
ईडी के मुताबिक, 2013 से मार्च 2021 के बीच देशमुख के ट्रस्‍ट में डोनेशन के नाम पर 4 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की रकम ट्रांसफर की गई। जैन बंधु ने उस पैसे को भी व्‍हाइट बनाने में देशमुख की मदद की जिसे पुलिस अफसर (अब बर्खास्‍त) सचिन वाजे ने बार मालिकों से गैर-कानूनी तरीके से जुटाया था।

प्रवर्तन निदेशालय ने बताया है कि देशमुख का परिवार कई कंपनियों का प्रबंधन कर रहा था। इन्‍हें करीबियों के जरिये चलाया जाता था। इन सभी कंपनियों का इस्‍तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए होता था। इसके लिए लेनदेन का बेहद जटिल जाल फैलाया गया था।

navbharat times -Sachin Waze News: अनिल परब और अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप, ट्रांसफर रुकवाने के लिए दस डीसीपी में दिए थे 40 करोड़, ईडी की चार्जशीट में खुलासा
हाल में दाखिल की गई चार्जशीट
हाल में ईडी ने देशमुख के नियंत्रण वाले ट्रस्‍ट और उसके दो स्‍टाफर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें उसने बताया है कि देशमुख के स्‍वामित्‍व वाली फर्म जोडिएक डीलकॉम प्राइवेट ने करीब एक दशक पहले 18 शेल कंपनियों से फर्जी शेयर कैपिटल के जरिये 9.8 करोड़ रुपये जुटाए।

इस रकम के एक हिस्‍से का इस्‍तेमाल दो कंपनियों में वेयरहाउसिंग बिजनेस स्‍थापित करने के लिए किया गया। इन कंपनियों में राबिया लॉजिस्टिक्‍स और ब्लैकस्‍टोन लॉजिस्टिक्‍स शामिल हैं। बाद में वेयरहाउसिंग बिजनेस से जेनरेट हुई इनकम को देशमुख के परिवार वाली तमाम कंपनियों में घुमा दिया गया।

deshmukh



Source link