मुख्यमंत्री गहलोत का प्रधानमंत्री को पत्र, ‘राज्यों को मिलने वाले करो के हिस्से में कमी वित्तीय संघवाद की भावना के खिलाफ’

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मुख्यमंत्री गहलोत का प्रधानमंत्री को पत्र, ‘राज्यों को मिलने वाले करो के हिस्से में कमी वित्तीय संघवाद की भावना के खिलाफ’

मुख्यमंत्री ने कहा है कि तेल कंपनियों की ओर से रोज-रोज की जा रही बढ़ोतरी से केंद्र और राज्य सरकार द्वारा आमजन को दी गई राहत का लाभ शून्य हो जाएगा।

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि जनता को पूर्ण राहत देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और विशेष एक्साइज ड्यूटी को और कम किया जाए ताकि आमजन को एक्साइज ड्यूटी और वेट में कमी का लाभ एक साथ मिल सके। साथ ही उन्होंने तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल के मूल्य में लगातार वृद्धि पर रोक लगाने के लिए पाबंद करने का भी आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि तेल कंपनियों की ओर से रोज-रोज की जा रही बढ़ोतरी से केंद्र और राज्य सरकार द्वारा आमजन को दी गई राहत का लाभ शून्य हो जाएगा।

राज्य सरकार जनता के लिए घाटा सहने को तैयार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पत्र में लिखा है कि हमारी केंद्र सरकार से आशा है कि केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी में पेट्रोल पर अतिरिक्त 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर अतिरिक्त 15 रुपए प्रति लीटर की कमी करें। केंद्र की ओर से एक्साइज ड्यूटी कम करने पर प्रदेश के वेट में भी 3.4 रुपए प्रति लीटर और पेट्रोल पर 3.9 रुपए प्रति लीटर डीजल पर आनुपातिक रूप से स्वतः ही कम हो जाएंगे। इसके परिणाम स्वरूप राज्य के राजस्व में 3500 करोड़ रुपए प्रति वर्ष की अतिरिक्त हानि होगी जिसे जनहित में राज्य सरकार वहन करने के लिए तैयार हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में निर्वाचित सरकारों को प्रदेश के विकास और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन जुटाने होते हैं। आम जनता की विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाने में राज्यों की भौगोलिक स्थिति आर्थिक परिदृश्य एवं स्थानीय परिस्थितियों का भी प्रभाव पड़ता है। इन परिस्थितियों में विभिन्न विकास योजनाओं के लिए आवश्यक राजस्व संग्रहण के लिए करारोपण करना राज्य को संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार है ।

उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी एवं विशेष एक्साइज ड्यूटी को पहले अत्यधिक बढ़ाना और बाद में कम कर राज्यों से वेट कम कराने के लिए परस्पर प्रतिस्पर्धात्मक माहौल बनाना सहकारी संघवाद की भावना के विपरीत है।

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोविड-19 में लॉकडाउन के दौरान 6 मई 2020 को केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 10 और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी। 4 नवंबर 2021 से पेट्रोल पर 5 और डीजल पर 10 कम कर जनता को राहत देने की बात कही जा रही है जबकि हकीकत यह है कि साल 2021 में ही पेट्रोल की कीमत में 27 और डीजल की कीमत में 25 रुपए की बढ़ोतरी हुई थी। अत्यधिक बढ़ाई गई अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी में से केवल कुछ छोटी दी गई है।

ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से एक्साइज ड्यूटी में की गई कटौती अपर्याप्त प्रतीत होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान राज्य के कुल राजस्व राजस्व का 22% से अधिक पेट्रोल डीजल के वैट से आता है। वैट में कमी के रूप में राजस्थान सरकार 29 जनवरी 2021 से अब तक लगभग 3 प्रति लीटर पेट्रोल पर तथा 3.38 रुपए प्रति लीटर डीजल पर कम कर चुके हैं। इससे राजस्व में 2800 करोड़ रुपए वर्ष की हानि हो रही है।

कोविड-19 काल की परिस्थितियों के कारण इस वित्तीय वर्ष में राज्य के राजस्व में माह अक्टूबर तक 20 हजार करोड़ रुपए की कमी आई है। केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को 5963 करोड रुपए का जीएसटी पुनर्भरण उपलब्ध नहीं कराना अब इसका एक बड़ा कारण है।



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