राज्यसभा की तीन सीटें हो रहीं खाली, रेस में बीजेपी के दो बड़े दिग्गज, कांग्रेस के कद्दावर दिल्ली दौड़ रहे

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राज्यसभा की तीन सीटें हो रहीं खाली, रेस में बीजेपी के दो बड़े दिग्गज, कांग्रेस के कद्दावर दिल्ली दौड़ रहे

भोपाल : जून में एमपी से राज्यसभा के तीन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त (Rajya Sabha three seats vacant in mp) हो रहा है। हमेशा की तरह इन तीनों सीटों पर दावेदार बहुत (big stalwarts of BJP in rajya sabha race) हैं। दावेदारों ने अभी से लॉबिंग शुरू कर दी है। बीजेपी और कांग्रेस के दावेदार आलाकमान के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं। इसके साथ ही फोन के जरिए भी लॉबिंग में जुटे हैं। वहीं, 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में आने के बाद राज्यसभा की एक अकेली सीट के कारण एमपी में कमलनाथ की सरकार गिर गई थी।


वहीं, इस बार बीजेपी से एमजे अकबर और संपतिया उइके और कांग्रेस से विवेक तन्खा का कार्यकाल तीन महीने में समाप्त हो रहा है। बीजेपी की तरफ दावेदारों में कई बड़े नामों की चर्चा है। वहीं, कांग्रेस में राज्य के दो वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने एमपी में पार्टी की स्थिति पर चर्चा करने के लिए हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है। दावेदारों की लंबी भीड़ को देखते हुए बीजेपी और कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व का कहना है कि अंतिम फैसला केंद्रीय पार्टी नेतृत्व करेगा। हालांकि इन सीटों के लिए दावेदारी काफी तेज है।

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बीजेपी से इन बड़े नामों की चर्चा

वहीं, बीजेपी से राज्यसभा सीटों के लिए जिन बड़े नामों की चर्चा हो रही है, उनमें पूर्व सीएम उमा भारती और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय शामिल हैं। दोनों हाल के दिनों में प्रदेश की सियासत में काफी एक्टिव हैं। अगर एससी फॉर्म्युले पर गौर करें तो बीजेपी एससी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य भी रेस में आगे हैं। कहा जा रहा है कि किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बंसीलाल गुर्जर भी दौड़ में हैं। इसके साथ ही कुछ पूर्व मंत्री और संगठन के दिग्गज नेता भी शामिल हैं। बीजेपी कोटे से इस बार दो सीटें खाली हो रही हैं।

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दरअसल, उमा भारती, कैलाश विजयवर्गीय और लाल सिंह आर्य के नाम पिछले साल सितंबर में राज्यसभा सीट के लिए सामने आए थे, लेकिन केंद्रीय आलाकमान ने इसे केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ एल मुरुगन को सौंप दिया, जो तमिलनाडु राज्य पार्टी के पूर्व प्रमुख थे। उन्होंने निर्विरोध जीत हासिल की थी।

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कांग्रेस में इन नामों की चर्चा
वहीं, कांग्रेस के कोटे से एक सीट खाली हो रही है। दो वरिष्ठ नेता इस रेस में सबसे आगे हैं। पिछले दिनों वरिष्ठ नेता अरुण यादव और अजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है। 23 मार्च को दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद से कई कयास निकाले जा रहे हैं। अरुण यादव मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री रहे हैं। साथ ही जनवरी 2014 से अप्रैल 2018 तक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान ने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भेजा था।

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वहीं, अरुण यादव के बाद सोनिया गांधी से अजय सिंह भी मिले हैं। अजय सिंह पूर्व सीएम अर्जुन सिंह के बेटे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार यह पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद एक मंथन का हिस्सा था। एआईसीसी ने असंतुष्ट नेताओं के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं, जो पिछले तीन वर्षों से खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं।

गौरतलब है कि एमपी में राज्यसभा की 11 सीटें हैं। आठ पर अभी बीजेपी और तीन पर कांग्रेस का कब्जा है। जून में एमपी में खाली हो रहे सीटों पर चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो सकती है। इससे पहले दावेदारों ने फील्डिंग शुरू कर दी है।

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