विकास दुबे एनकाउंटर के 32 महीने बाद भी नहीं बना मृत्यु प्रमाणपत्र…पत्नी रिचा बोलीं परेशान किया जा रहा है
रिचा का परिवार इन दिनों आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। विकास दुबे के नाम पर कई एलआईसी की पॉलसी थीं। इसके साथ ही खेती और जमीन के पेपर ट्रांसफर कराने के लिए भी विकास दुबे के मृत्यु प्रमाणपत्र की जरूरत पड़ रही है। विकास की मृत्यु के बाद एलआईसी पॉलिसी नॉमिनी के नाम पर ट्रांसफर होने के लिए मृत्यु प्रमाण की आवश्कता पड़ रही है।
दुर्दांत अपराधी विकास दुबे ने बीते 2 जुलाई 2020 की रात अपने गुर्गों के साथ मिलकर सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। बिकरू कांड के बाद यूपी एसटीएफ ने विकास दुबे समेत 6 बदमाशों को एनकांउटर में मार गिराया था। विकास दुबे को एसटीएफ और स्थानीय पुलिस फोर्स मध्य प्रदेश के उज्जैन से पकड़कर कानपुर ला रही थी। इसी दौरान संचेडी थाने से कुछ दूरी पर पुलिस और विकास दुबे के बीच मुठभेड़ हुई थी। जिसमें विकास दुबे को एसटीएफ ने ढ़ेर कर दिया था।
आर्थिक तंगी से गुजर रहा परिवार
विकास दुबे की पत्नी लखनऊ स्थित इंद्रलोक कॉलोनी में बच्चों के साथ रहती हैं। रिचा का परिवार इन दिनों आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। विकास दुबे के नाम पर कई एलआईसी की पॉलसी थीं। विकास की मृत्यु के बाद एलआईसी पॉलिसी नॉमिनी के नाम पर ट्रांसफर होने के लिए मृत्यु प्रमाण की आवश्कता पड़ रही है। इसके साथ ही खेती और जमीन के पेपर ट्रांसफर कराने के लिए भी विकास दुबे के मृत्यु प्रमाणपत्र की जरूरत पड़ रही है। विकास दुबे का मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं बनने के कारण परिवार को दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है।
थाने से रिपोर्ट लाने को कह कर चलता किया
विकास दुबे एनकाउंटर के बाद रिचा दुबे को थाने से किसी तरह के कागजात नहीं मिले थे। जानकारी के मुताबिक पोस्टमॉर्टम से मिलने वाले कागजात में भी कुछ तृटि हुई थी। गुरूवार को जब रिचा दुबे नगर-निगम के जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्यालय पहुंची थीं। जब उन्होने मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया, तो उनसे संचेडी थाने से रिपोर्ट लाने की बात कह कर चलता कर दिया गया।
अस्थियां लेने आई थी रिचा, तब भी नहीं मिला था मृत्यु प्रमाणपत्र
विकास दुबे एनंकाउंटर के बाद 38 दिनों बाद रिचा दुबे भैरोघाट विद्युत शवदाह गृह अस्थियां लेने के पहुंची थीं। उस दौरान उनके साथ बेटा आकाश भी साथ में था। अस्थियां लेने के बाद भैरोघाट में बने नगर-निगम कार्यालय गईं थीं। उस वक्त भी यह कह कर लौटा दिया गया था, उनके पास विकास दुबे कागजात नहीं नहीं पहुंचे हैं। रिचा दुबे को बिना मृत्यु प्रमाण के ही वापस लौटना पड़ा था।
एसटीएफ टीम ने एनकाउंटर में मार गिराया था
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे नाटकीय ढंग से मध्यप्रदेय में महाकालेश्व मंदिर से बीते 09 जुलाई 2020 को गिरफ्तार किया गया था। विकास दुबे को मध्यप्रदेश पुलिस ने यूपी एसटीएफ के हवाले किया था। एसटीएफ और पुलिस की टीमें विकास दुबे को सड़क मार्ग से होते हुए कानपुर लेकर आ रही थी।
जवाबी फायरिंग में विकास दुबे हुआ था ढ़ेर
बीते 10 जुलाई की सुबह भौती हाइवे पर मवेशियों के सामने आ जाने की वजह से एसटीएफ की गाड़ी पलट गई थी। विकास दुबे मौके का फायदा उठाकर इंस्पेक्टर की पिस्टल लेकर भागने का प्रयास कर रहा था। एसटीएफ और पुलिस की टीमों ने उसे रोकने का प्रयास किया था, तो विकास ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी थी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया था।
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