शर्मिष्ठा मुखर्जी ने राजनीति से संन्यास लिया, कांग्रेस में प्रणब दा के परिवार की आखिरी सदस्य
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी है। इसी के साथ वह मुखर्जी परिवार की आखिरी सदस्य हैं जिन्होंने कांग्रेस पार्टी से दूरी बना ली है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता नहीं छोड़ रही हैं। बता दें कि इससे पहले प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी भी कांग्रेस छोड़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।
शर्मिष्ठा ने एक ट्विटर यूजर को जवाब देते हुए अपने संन्यास की घोषणा की। शर्मिष्ठा ने लिखा, ‘बहुत शुक्रिया, लेकिन मैं अब पॉलिटिशियन नहीं हूं। मैंने राजनीति छोड़ दी है। मैं कांग्रेस की प्राथमिक सदस्य बनी रहूंगी लेकिन अब सक्रिय राजनीति नहीं करूंगी। देश की सेवा कई तरीकों से की जा सकती है।’
Thanks so much, but no more a ‘politician’. I’ve quit politics. I remain & will continue to remain a primary member of Congress, but no more active politics for me. One can serve the nation in many other ways….😊🙏 https://t.co/PjQAcnB39S
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) September 25, 2021
एक अन्य यूजर के ट्वीट पर शर्मिष्ठा ने जवाब दिया, ‘मैंने बचपन से ही पर्याप्त सत्ता देखी है। मुझे यह लुभाता नहीं है। मैं एक शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहती हूं और ऐसी चीजें करना चाहती हूं जो मेरे स्वभाव के अनुकूल हो।’
Sir,I’m quitting politics! If I’ve to continue in politics why should I leave Congress which is my home territory & join any other party? I’ve seen enuf power since my childhood. It doesn’t lure me. I want to lead a peaceful life & do things which are closer to my nature. Simple! https://t.co/38HiO5npMt
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) September 26, 2021
इसी साल जुलाई माह में शर्मिष्ठा के भाई और प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की महासचिव और प्रणब मुखर्जी की साली सुव्रा घोष भी अगस्त माह में टीएमसी में शामिल हो गई थीं।
बता दें कि साल 2014 में कांग्रेस जॉइन करने के बाद शर्मिष्ठा मुखर्जी सिर्फ साल 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ी थीं। इस चुनाव में वह आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सौरभ भारद्वाज से हार गई थीं।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी है। इसी के साथ वह मुखर्जी परिवार की आखिरी सदस्य हैं जिन्होंने कांग्रेस पार्टी से दूरी बना ली है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता नहीं छोड़ रही हैं। बता दें कि इससे पहले प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी भी कांग्रेस छोड़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।
शर्मिष्ठा ने एक ट्विटर यूजर को जवाब देते हुए अपने संन्यास की घोषणा की। शर्मिष्ठा ने लिखा, ‘बहुत शुक्रिया, लेकिन मैं अब पॉलिटिशियन नहीं हूं। मैंने राजनीति छोड़ दी है। मैं कांग्रेस की प्राथमिक सदस्य बनी रहूंगी लेकिन अब सक्रिय राजनीति नहीं करूंगी। देश की सेवा कई तरीकों से की जा सकती है।’
Thanks so much, but no more a ‘politician’. I’ve quit politics. I remain & will continue to remain a primary member of Congress, but no more active politics for me. One can serve the nation in many other ways….😊🙏 https://t.co/PjQAcnB39S
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) September 25, 2021
एक अन्य यूजर के ट्वीट पर शर्मिष्ठा ने जवाब दिया, ‘मैंने बचपन से ही पर्याप्त सत्ता देखी है। मुझे यह लुभाता नहीं है। मैं एक शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहती हूं और ऐसी चीजें करना चाहती हूं जो मेरे स्वभाव के अनुकूल हो।’
Sir,I’m quitting politics! If I’ve to continue in politics why should I leave Congress which is my home territory & join any other party? I’ve seen enuf power since my childhood. It doesn’t lure me. I want to lead a peaceful life & do things which are closer to my nature. Simple! https://t.co/38HiO5npMt
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) September 26, 2021
इसी साल जुलाई माह में शर्मिष्ठा के भाई और प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की महासचिव और प्रणब मुखर्जी की साली सुव्रा घोष भी अगस्त माह में टीएमसी में शामिल हो गई थीं।
बता दें कि साल 2014 में कांग्रेस जॉइन करने के बाद शर्मिष्ठा मुखर्जी सिर्फ साल 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ी थीं। इस चुनाव में वह आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सौरभ भारद्वाज से हार गई थीं।