श्रीराम कथा श्रवण मोक्ष का माध्यम है | dharmik aayonan in jabalpur | Patrika News

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श्रीराम कथा श्रवण मोक्ष का माध्यम है | dharmik aayonan in jabalpur | Patrika News

श्रीराम कथा श्रवण मोक्ष का माध्यम है | dharmik aayonan in jabalpur | Patrika News

श्रीराम मंदिर मदन महल में आयोजन, शहर में जगह-जगह हो रहे धार्मिक आयोजन

जबलपुर। संस्कारधानी में जगह-जगह विविध धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं। इसी ्रक्रम में मदन महल स्थित श्रीराम मंदिर में भगवान श्रीराम कथा के आयोजन का समापन बुधवार को हुआ। समापन दिवस पर कथा व्यास रामजीभाई ने प्रवचन देते हुए कहा कि शुभ-अशुभ कर्मों के फलस्वरूप जीव उत्तम और अधम योनियों में भटकता है। दुख रूप शरीरों को पाकर कष्ट भोगता है। विकारों पर विजय प्राप्त करके ही व्यक्ति जीवन में शांति, भक्ति और मुक्ति प्राप्त कर सकता है।
उन्होंने कहा कि रामायण अद्भुत ग्रंथ है। राम कथा भक्ति सहित श्रवण करने से मनुष्य अमृत तत्व को प्राप्त करता है। बुद्धि से युक्त होकर भगवान श्रीराम को पढऩे वाला ज्ञानी और विज्ञानी बनता है। लेकिन, सब तत्वों का स्रोत है प्रेम तत्व। कथा में स्वामी अशोकानंद, स्वामी पगलानंद, विधायक अशोक रोहाणी,जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र जामदार, चंद्रकुमार भनोत, शरद अग्रवाल, नगर निगम अध्यक्ष ङ्क्षरकू विज, पार्षद निशा राठौर सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।
परमात्मा के प्रति समर्पण में ही सच्चा सुख मिलता है
वहीं अधारताल धनी की कुटिया श्रीराम मैरिज गार्डन में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के तीसरे दिन स्वामी विनेश्वरानंद ने कहा कि भगवान भक्त वत्सल है और वे अपने हर भक्त का ध्यान रखते हैं। परमात्मा के प्रति समपर्ण, विश्वास रखने वाले भक्तों को जीवन में कभी निराशा नहीं होती। परमात्मा के प्रति समपर्ण में ही सच्चा सुख है।
उन्होंने भक्त प्रह्लाद प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि भक्त प्रह्लाद ने माता कयाधु के गर्भ में ही नारायण नाम का मंत्र सुना था। जिसके सुनने मात्र से भक्त प्रह्लाद के कई कष्ट दूर हो गए थे। उन्होंने कहा कि बच्चों को धर्म का ज्ञान बचपन में दिया जाता है, वह जीवन भर उसका ही स्मरण करता है। ऐसे में बच्चों को धर्म व आध्यात्म का ज्ञान दिया जाना चाहिए। माता-पिता की सेवा व प्रेम के साथ समाज में रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल है। अच्छे संस्कारों के कारण ही ध्रुव जी को पांच वर्ष की आयु में भगवान का दर्शन प्राप्त हुआ।
पंचकोशी परिक्रमा की तैयारियां तेज
इसी प्रकार कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित होने वाली नर्मदा पंचकोशी परिक्रमा की तैयारियां तेज हो गई है। सिविक सेंटर स्थित शंकराचार्य मठ सिद्ध पीठ मां बगलामुखी मंदिर में महाकुम्भ के पत्रकों का पूजन बुधवार को प्रात:किया गया। ब्रह्मचारी चैतन्यानंद महाराज ने वेद मंत्रोच्चार के बीच पंचकोशी यात्रा की सफलता के लिए मां बगलामुखी से प्रार्थना की। हरे कृष्णा आश्रम भेड़ाघाट से 8 नवंबर सुबह 8.30 बजे कार्तिक पूर्णिमा को नर्मदा पंचकोशी परिक्रमा आयोजित होगी। इस अवसर पर नर्मदा महाआरती के संस्थापक डॉ. सुधीर अग्रवाल, डॉ. शिवशंकर पटेल, संकीर्तनाचार्य मनमोहन दुबे, कंछेदी पटेल, श्याम मनोहर पटेल, मोहित तिवारी उपस्थित थे।
आचार्यश्री के जीवन पर नाट््य मंचन
वहीं संजीवनी नगर जैन मंदिर परिसर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के जन्मोत्सव पर विविध धार्मिक आयोजन हुए। इसमें बच्चों ने आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के जीवन पर एक नाटक का मंचन किया। इस दौरान मंदिर के अध्यक्ष राजेश जैन, प्रमोद जैन, सुभाष जैन, विदुषी जैन, कमला जैन, सुषमा जैन, आशा जैन सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।



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