संसद सत्र की तर्ज पर जयपुर में जुटेगी ‘किसान संसद’, जानें क्या-क्या रहेगा ख़ास?

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संसद सत्र की तर्ज पर जयपुर में जुटेगी ‘किसान संसद’, जानें क्या-क्या रहेगा ख़ास?

मुज़फ्फरनगर के बाद अब जयपुर में जुटेंगे देश भर के किसान, संयुक्त किसान मोर्चा ने 15 सितंबर को बुलाई है ‘किसान संसद’, संसद सत्र की तर्ज पर होंगे विभिन्न सत्र, प्रश्न काल- शून्य काल- हां पक्ष- ना पक्ष होंगे आकर्षण, कृषि बिलों के अलावा महंगाई और निजीकरण जैसे मुद्दों पर भी होगी चर्चा, राकेश टिकैत सहित देशभर से जुटेंगे किसान प्रतिनिधि

 

नकुल देवर्षि/ जयपुर।

उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में देशभर के किसानों के हुए ‘शक्ति प्रदर्शन’ के बाद अब सभी की नज़रें 15 सितंबर को जयपुर में बुलाई गई किसान संसद पर टिकी हुई हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर होने जा रही इस किसान संसद में किसान नेता राकेश टिकैत के अलावा विभिन्न राज्यों और विभिन्न किसान संगठनों से जुड़े प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। ख़ास बात ये है कि किसान संसद का आयोजन ठीक संसद सत्र की तर्ज़ पर होगा।

 

प्रश्नकाल और शून्य काल भी होगा
संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने बताया कि जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में 15 सितंबर को बुलाई गई किसान संसद की कार्यवाही ठीक संसद सत्र की तरह चलेंगी। इसमें प्रश्न काल से लेकर शून्य काल सहित संसद की तरह विभिन्न सत्र आयोजित किये जायेंगे। फिलहाल इस एक दिवसीय आयोजन की रूपरेखा और अन्य तैयारियों पर काम किया जा रहा है।

 

सांसद की तरह पहुंचेंगे किसान प्रतिनिधि
आयोजनकर्ताओं का कहना है कि किसान संसद में शामिल होने वाले किसान प्रतिनिधि एक सांसद के रूप में जयपुर स्थित बिड़ला ऑडिटोरियम पहुंचेंगे। इसके लिए उनसे बाकायदा एक हाईटेक तरीके से एन्ट्रीज़ मंगाई जा रही हैं। किसान संसद में शामिल होने के लिए सभी प्रतिनिधियों से एक गूगल फॉर्म अनिवार्य रूप से भरवाया जा रहा है।

 

‘हां’ पक्ष और ‘ना’ पक्ष भी होगा
किसान संसद में संसद की तर्ज़ पर दो लॉबी भी दिखाई देंगी। यहां ‘हां’ पक्ष और ‘ना’ पक्ष खासा आकर्षण का केंद्र रहेंगे। हालांकि संसद में पहुंचे किसान सांसदों को इन दो वर्गों में कैसे विभाजित किया जाए फिलहाल इस पर मंथन जारी है। किसान संसद के अंतिम प्रारूप आयोजन के दिन से दो-तीन दिन पहले जारी किया जाएगा।

 

टिकैत सहित विभिन्न राज्यों से जुटेंगे किसान
किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने बताया कि जयपुर में आयोजित हो रही किसान संसद में किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता व किसान नेता राकेश टिकैत भी मौजूद रहेंगे। उनके अलावा देश के विभिन्न राज्यों से किसान प्रतिनिधि संसद में शामिल होने के लिए यहां आएंगे। आयोजन से ठीक एक दिन पहले यानी 14 सितंबर तक सभी राज्यों से ‘किसान सांसद’ जयपुर पहुंच जाएंगे।

 

जनहित से जुड़े मुद्दों पर रहेगा फोकस
जानकारी के अनुसार ‘किसान संसद’ में प्रमुख रूप से केंद्र के तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर तो चर्चा होगी ही, इसके अलावा बढ़ती महंगाई और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण सहित जनहित से जुड़े कई महत्वपूर्ण मसलों पर भी चर्चा होगी। इन अभी मुद्दों पर किसान सांसद अपने पक्ष रखेंगे। एक दिनी संसद के विभिन्न सत्र करीब 8 घंटे तक चलेंगे।

 

लोगों को जागरूक करेंगे ‘किसान सांसद’
किसान संसद के आखिर में संभवतया कई प्रस्ताव भी पारित किये जाएंगे। प्रस्ताव में किसान संसद की ओर से लिए गए फैसले शामिल होंगे। इस आयोजन के बाद ‘किसान सांसद’ गांव-गांव शहर-शहर जाकर लोगों को जागरूक करने की ज़िम्मेदारियाँ संभालेंगे। खासतौर से कृषि बिलों की खामियों को लेकर जनता के बीच जाने पर ज़ोर दिया जाएगा।






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