सुशांत केस के ड्रग्स पेडलर्स से जुड़े थे अशफाक, रईस और अनवर

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सुशांत केस के ड्रग्स पेडलर्स से जुड़े थे अशफाक, रईस और अनवर

अभिनेता की आत्महत्या के बाद भूमिगत हो गए थे आरोपी, हर राज्य के लिए अलग मोबाइल नंबर, हर महीने बदलते थे सिम

इंदौर. पुलिस की गिरफ्त में आए मुंबई के ड्रग सप्लायर अनवर लाला और मेहजबीन का संबंध अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत केस के बाद सामने आए बॉलीवुड के ड्रग पेडलर्स से साबित हो गया है। इंदौर के आरोपी अशफाक खान उर्फ एसी और रईस के जरिये बॉलीवुड में ड्रग सप्लाई करने वाले पेडलर्स से अनवर लाला और मेहजबीन जुड़े थे। सुशांत केस के बाद एनीसबी सक्रिय हुई तो अनवर भूमिगत हो गया। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) आईजी हरिनारायणचारी मिश्रा और डीआइजी मनीष कपूरिया के संपर्क में है।

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इंदौर में भले ही आंटी उर्फ प्रीति जैन, सैंडी उर्फ सागर जैन युवाओं को नशे का आदी बना रहा था, लेकिन इनके पीछे लिंक कोई और ही है। अशफाक उर्फ एसी निवासी आजादनगर और रईस उर्फ रइसुद्दीन के देशभर में ड्रग कनेक्शन हैं। मुंबई के अंडरवल्र्ड से भी इनका संपर्क रहा है।

इंदौर से मंदसौर, राजस्थान होकर बढ़ा नेटवर्क
पुलिस के मुताबिक, रईस व एसी ने ड्रग का नेटवर्क इंदौर में खड़ा किया। आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने वाले बदमाश इसमें शामिल हुए। देह व्यापार में ड्रग्स की शुरुआत हुई। पब-बारों, जिम में रईस परिवारों के युवाओं को युवतियों की मदद से निशाना बनाकर जेबें भरीं।

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इंदौर में शुरू करने वाले थे फैक्टरी
एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर के मुताबिक वेदप्रकाश व्यास, दिनदेा अग्रवाल एमडी ड्रग के निर्माण से जुड़े थे। देशभर में सप्लाई अशफाक उर्फ एसी और रईस के जरिये थी। हालांकि वेदप्रकाश का कहना है कि हैदराबाद के कारोबारी खेमचंद ने एमडी ड्रग का निर्माण किया, लेकिन उसकी पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस का दावा है कि वेदप्रकाश व्यास अपने फॉर्मूले से एमडी ड्रग बना रहा था। परिवहन के काम में दिनेश अग्रवाल शामिल हुआ। वेदप्रकाश व्यास ड्रग बनाने के लिए इंदौर में फार्मा फैक्टरी शुरू करने वाला था, पर इससे पहले भंडाफोड़ हो गया।

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ड्रग नेटवर्क से कौन कैसे जुड़ा
पहले मंदसौर और प्रतापगढ़ के लाला गिरोह, फिर राजस्थान के खुर्शीद उर्फ कुड़ी बाबा, रज्जाक अहमद और मंदसौर के सरदार खान के जरिये नेटवर्क आगे बढ़ा। मुंबई के इब्राहिम कुरैशी और वसीमा खान के साथ मिलकर अंडरवल्र्ड को इस ड्रग नेटवर्क में शामिल किया। अशफाक उर्फ एसी व रईस ने मुंबई के अनवर लाला को जोड़ा। अनवर एनसीबी व मुंबई क्राइम ब्रांच का कथित मुखबिर था इसलिए आसानी से कारोबार फैलाता रहा। अनवर मेहजबीन से जुड़ा। महिला होने पर आसानी से शंका नहीं होती, इसलिए मेहजबीन उर्फ पापा उर्फ बाजी को ड्रग की डिलेवरी के लिए इंदौर भेजा जाता था। मेहजबीन ने बाद में खुद का नेटवर्क खड़ा कर लिया, युवतियों को जोड़कर मुंबई व आसपास के पब-बारों में युवाओं को ड्रग बेचने लगी।



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