सैनिक फार्म्स के रेगुलराइजेशन पर केंद्र के जवाब के हाई कार्ट नाराज, कहा- कॉलोनी अनधिकृत है तो गिरा दो, हम आड़े नहीं आएंगे

109

सैनिक फार्म्स के रेगुलराइजेशन पर केंद्र के जवाब के हाई कार्ट नाराज, कहा- कॉलोनी अनधिकृत है तो गिरा दो, हम आड़े नहीं आएंगे

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने साउथ दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में शामिल सैनिक फार्म्स जैसे इलाकों के रेगुलराइजेशन के मुद्दे पर फैसला लेने में केंद्र सरकार की ओर से देरी पर नाराजगी जाहिर की। ऐसी स्थिति में भी इलाके में मौजूद इमारतों में जरूरी मरम्मत के कामों पर प्रतिबंध को बरकरार रखा जाना हाई कोर्ट को सही नहीं लगा। कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि कल किसी आपदा के दौरान यहां कोई इमारत मरम्मत न हो पाने की वजह से गिर जाए और उसमें जान- माल की हानि हो तो जवाबदेही किसकी होगी।

SC Sedition Hearing : केंद्र और राज्य 124ए लगाने से परहेज करें… सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर लगाई रोक
केंद्र के जवाब से असंतुष्ट एक्टिंग चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने कहा कि अगर रेगुलराइज नहीं करना है तो आप अपने सारे बुलडोजर के साथ जाइए और सब कुछ गिरा दीजिए। हम आड़े नहीं आएंगे। पर, यदि आप इसे रेगुलराइज करना चाहते हैं तो ऐसा करें। इस मुद्दे को टाले रखने से तो यह सिर्फ भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा मिलेगा। ऐसा कैसे चलेगा। ठीक ऐसी ही स्थिति तब पैदा हुई थी जब सुप्रीम कोर्ट ने अनधिकृत निर्माण के मुद्दे पर सुनवाई शुरू की थी। या तो आप इन्हें गिराएं या रेगुलराइज करें, कानूनों में बदलाव करें। लेकिन आप यह नहीं कर सकते कि एक तरफ आप कहें कि यह अवैध है, पर हम इसे गिराएंगे नहीं। अगर सबकुछ अवैध है तो आप क्यों नहीं गिरा देते। हम इसीलिए आप से कह रहे हैं कि आप फैसला लें।” फैसला लेने की पूरी आजादी सरकार को देते हुए कोर्ट ने कहा कि क्या फैसला लेना है यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है। बेंच ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखें तो हजारों घर वहां बन चुके हैं। वास्तव में वो ‘समृद्ध कॉलोनी’ है। हम भी क्यों न ऐसा कहें। आप (केंद्र) उन्हें रेगुलराइज करना चाहतें है तो इसके लिए जो जरूरी चार्ज बनते हैं, वो उनसे भरवाएं। इलाके को रेगुलराइज करें। हमने कभी नहीं कहा कि इसमें किसी को कोई दिक्कत है। हाई कोर्ट सैनिक फार्म्स एरिए की डिवेलपमेंट कमिटी के कन्वीनर रमेश डुगर की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जो इलाके को रेगुलराइज करने की मांग कर रहे हैं।

navbharat times -Sedition Law News: राजद्रोह कानून से संबंधित सभी कानूनी कार्यवाही पर लगी रोक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- न दर्ज की जाए कोई नई FIR
इन टिप्पणियों के साथ हाई कोर्ट ने आदेश पारित किया। कोर्ट ने कहा कि हमारे पिछले निर्देश के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल किया गया है। दिल्ली सरकार ने भी हलफनामा पेश किया है। हालांकि, वह रिकॉर्ड पर नहीं आ सका। केंद्र के हलफनामे में कहा गया है कि सरकार ने सजगता के साथ फैसला लिया है कि वह ऐसी 69 अवैध कॉलोनियों से जुड़े रेगुलराइजेशन के पहलू पर अभी गौर नहीं करेगी, जिन्हें एफ्लुएंट कॉलोनी के तौर पर वर्गीकृत किया गया है। सरकार इस वक्त 1797 अनधिकृत कॉलोनियों के विकास पर गौर कर रही है, जिन्हें दो उपवर्गों में बांटा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सैनिक फार्म जैसी समृद्ध कॉलोनियों में निर्माण कार्य होता भी है तो वो कानून के तहत 31 दिसंबर 2023 तक सुरक्षित हैं। सैनिक फार्म्स जैसी कॉलोनियों में मौजूद ढांचों और इमारतों में मरम्मत के कामों पर भी प्रतिबंध को लेकर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने सरकार से पूछा कि किसी आपदा के दौरान यहां कोई इमारत मरम्मत न हो पाने की वजह से गिर जाती है और उसमें जान-माल की हानि भी हो सकती है, इसीलिए प्रतिवादियों को इस पहलू पर विचार करना चाहिए कि ऐसे कामों पर यथास्थिति बरकरार रखे जाने से वहां रहने वालों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। कोर्ट का मानना है कि सरकार इलाके में विजिलेंस के लिए कोई ऐसा तंत्र बनाए जिसके जरिए मरम्मत के कामों की मंजूरी दी जा सके और संबंधित काम की निगरानी भी की जा सके। यह सुझाव तब तक के लिए है, जब तक समृद्ध कॉलोनियों के रेगुलराइजेशन के मुद्दे पर सरकार कोई फैसला नहीं ले लेती है। एएसजी ने इस पहलू पर जवाब देने के लिए कोर्ट से समय लिया है। मामले में अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी।

दिल्ली की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News

Source link