हज यात्रा 2023 की मेजबानी के लिए जिला प्रशासन और एयरपोर्ट ऑथिरिटी तैयार
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हज के मुकद्दस सफर पर गया हवाई अड्डा से जाने का सिलसिला 21 मई से शुरू हो जाएगा। इस साल बिहार से 5638 आजमीन-ए-हज मदीना के लिए रवाना होंगे। इसमें पुरुष हज यात्रियों की संख्या 3237 है, जबकि महिला हज यात्रियों की संख्या 2401 है। गो फर्स्ट एयरलाइंस की हरदिन दो फ्लाइट हज यात्रियों को लेकर मदीना के लिए उड़ेगी। गो फर्स्ट एयरलाइंस की करीब 34 फ्लाइट ऑपरेट करेगा। एक जत्थे में 150 यात्री रवाना होंगे। हज यात्रियों की यात्रा 45 दिन की होगी। गया से मदीना के लिए आखिरी विमान 6 जून को उड़ेगा। वहीं इनकी वापसी वापसी 6 जुलाई से अगस्त तक होगी। हालांकि अबतक टाइम शिड्यूल जारी नहीं किया है। हज पर जानेवाले लोगों की मेजबानी के लिए गया एयरपोर्ट ऑथिरिटी और जिला प्रशासन तैयारी में जोर शोर से जुट गई है। एयरपोर्ट निदेशक बंगजीत साहा ने बताया कि हज यात्रियों की रवानगी से लेकर उनकी वपासी तक चाक-चौबंद व्यवस्था रहेगी। उनकी खिदमत में किसी तरह की कमी यहां नहीं हो इसपर पूरा ध्यान है। यात्रियों के ठहरने के लिए एयरपोर्ट पर 10 हजार से ज्यादा वर्ग फुट में जर्मन वाटर प्रूफ पंडाल बनाने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। पंडाल में आराम फरमाने के लिए बेड, बजुखाना, शौचालय तथा साफ सफाई की मुकम्मल व्यवस्था होगी। पंडाल में नमाज अदा करने की विशेष व्यवस्था होगी। महिला व पुरुष की अलग अलग व्यवस्था की जा रही है। सुरक्षा के मद्देनजर भी खास इंतजाम होंगे। एयरपोर्ट ग्राउंड के अंदर और बाहर सुरक्षा जवानों की तैनाती के साथ सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जायेगी। बतादें कि कोरोना के कारण हज की उड़ान बंद थी। तीन साल बाद एक बार फिर से गया एयरपोर्ट पर हज यात्रा की रौनक लौटेगी। बिहार के जायरीन गया से काबा की उड़ान भरेंगे।
गया 2012 से कर रही है हज यात्रा की मेजबानी
गया हवाई अड्डा ऑथिरिटी और जिला प्रशासन वर्ष 2012 से हज यात्रा की सफल मेजबानी कर रही है। इस बीच काफी उतार चढ़ाव आया। पीछले छह साल पहले की सुविधा और बेहतर हुई है। वर्ष 2002 और 2003 में गया हवाई अडा से पहली दफे मक्का मदीना के लिए एयर इंडिया की विमान उड़ान भरी थी। इसके बाद 17 सितंबर 2012 में आठ वर्ष बाद फिर गया से हज यात्रा के लिए उड़ानें शुरू हुई थी। 2012 से यह उड़ान गया से लगातार 2019 तक जारी रहा। लेजिन वैश्विक कोरोना महामारी को देखते हुए 2019 के बाद गया हवाई अड्डा से हज यात्रा का ऑपरेशन बंद हो गया था। तीन साल बाद फिर 2023 में गया को हज यात्रा की मेजबानी करने की अवसर मिला है। जो 21 मई से शुरू होगा।
हज यात्रियों के लिए तैनात रहेंगे 150 से ज्यादा रजाकार
आजमीने ए हज की खिदमद में करीब 150 से अधिक स्थानीय रजाकार एयरपोर्ट पर मुस्तैद रहेंगे। इनका काम रहेगा कि हाजियों का इमीग्रेशन, टिकट एवं टर्मिनल तक जाने में मदद करेंगे। विमान उड़ने तक हाजियों को किसी तरह की कठिनाई नहीं हो रजाकारों को इसका ख्याल रखना हैं।
रजाकारों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
गया एयरपोर्ट पर हज यात्रियों की सेवा व सहयोग के लिए तैनात रहने वाले रजाकारों को प्रशक्षिण दिया जाएगा। इन्हें एयरपोर्ट के रूल और कायदों से अवगत कराया जाएगा। गया एयरपोर्ट के अधिकारी और सीआइएसएफ के कर्मी रजाकारों को सुरक्षा नियमों को पालन करने का तरीका बताएंगे। रजाकारों को पहचान पत्र दिया जाएगा। जिसे वे हमेशा साथ रखेंगे।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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हज के मुकद्दस सफर पर गया हवाई अड्डा से जाने का सिलसिला 21 मई से शुरू हो जाएगा। इस साल बिहार से 5638 आजमीन-ए-हज मदीना के लिए रवाना होंगे। इसमें पुरुष हज यात्रियों की संख्या 3237 है, जबकि महिला हज यात्रियों की संख्या 2401 है। गो फर्स्ट एयरलाइंस की हरदिन दो फ्लाइट हज यात्रियों को लेकर मदीना के लिए उड़ेगी। गो फर्स्ट एयरलाइंस की करीब 34 फ्लाइट ऑपरेट करेगा। एक जत्थे में 150 यात्री रवाना होंगे। हज यात्रियों की यात्रा 45 दिन की होगी। गया से मदीना के लिए आखिरी विमान 6 जून को उड़ेगा। वहीं इनकी वापसी वापसी 6 जुलाई से अगस्त तक होगी। हालांकि अबतक टाइम शिड्यूल जारी नहीं किया है। हज पर जानेवाले लोगों की मेजबानी के लिए गया एयरपोर्ट ऑथिरिटी और जिला प्रशासन तैयारी में जोर शोर से जुट गई है। एयरपोर्ट निदेशक बंगजीत साहा ने बताया कि हज यात्रियों की रवानगी से लेकर उनकी वपासी तक चाक-चौबंद व्यवस्था रहेगी। उनकी खिदमत में किसी तरह की कमी यहां नहीं हो इसपर पूरा ध्यान है। यात्रियों के ठहरने के लिए एयरपोर्ट पर 10 हजार से ज्यादा वर्ग फुट में जर्मन वाटर प्रूफ पंडाल बनाने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। पंडाल में आराम फरमाने के लिए बेड, बजुखाना, शौचालय तथा साफ सफाई की मुकम्मल व्यवस्था होगी। पंडाल में नमाज अदा करने की विशेष व्यवस्था होगी। महिला व पुरुष की अलग अलग व्यवस्था की जा रही है। सुरक्षा के मद्देनजर भी खास इंतजाम होंगे। एयरपोर्ट ग्राउंड के अंदर और बाहर सुरक्षा जवानों की तैनाती के साथ सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जायेगी। बतादें कि कोरोना के कारण हज की उड़ान बंद थी। तीन साल बाद एक बार फिर से गया एयरपोर्ट पर हज यात्रा की रौनक लौटेगी। बिहार के जायरीन गया से काबा की उड़ान भरेंगे।
गया 2012 से कर रही है हज यात्रा की मेजबानी
गया हवाई अड्डा ऑथिरिटी और जिला प्रशासन वर्ष 2012 से हज यात्रा की सफल मेजबानी कर रही है। इस बीच काफी उतार चढ़ाव आया। पीछले छह साल पहले की सुविधा और बेहतर हुई है। वर्ष 2002 और 2003 में गया हवाई अडा से पहली दफे मक्का मदीना के लिए एयर इंडिया की विमान उड़ान भरी थी। इसके बाद 17 सितंबर 2012 में आठ वर्ष बाद फिर गया से हज यात्रा के लिए उड़ानें शुरू हुई थी। 2012 से यह उड़ान गया से लगातार 2019 तक जारी रहा। लेजिन वैश्विक कोरोना महामारी को देखते हुए 2019 के बाद गया हवाई अड्डा से हज यात्रा का ऑपरेशन बंद हो गया था। तीन साल बाद फिर 2023 में गया को हज यात्रा की मेजबानी करने की अवसर मिला है। जो 21 मई से शुरू होगा।
हज यात्रियों के लिए तैनात रहेंगे 150 से ज्यादा रजाकार
आजमीने ए हज की खिदमद में करीब 150 से अधिक स्थानीय रजाकार एयरपोर्ट पर मुस्तैद रहेंगे। इनका काम रहेगा कि हाजियों का इमीग्रेशन, टिकट एवं टर्मिनल तक जाने में मदद करेंगे। विमान उड़ने तक हाजियों को किसी तरह की कठिनाई नहीं हो रजाकारों को इसका ख्याल रखना हैं।
रजाकारों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
गया एयरपोर्ट पर हज यात्रियों की सेवा व सहयोग के लिए तैनात रहने वाले रजाकारों को प्रशक्षिण दिया जाएगा। इन्हें एयरपोर्ट के रूल और कायदों से अवगत कराया जाएगा। गया एयरपोर्ट के अधिकारी और सीआइएसएफ के कर्मी रजाकारों को सुरक्षा नियमों को पालन करने का तरीका बताएंगे। रजाकारों को पहचान पत्र दिया जाएगा। जिसे वे हमेशा साथ रखेंगे।
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