हनी ट्रैप मामले की एक और मुख्य आरोपी छतरपुर से गिरफ़्तार, 3 साल से STF को दे रही थी चकमा

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हाइलाइट्स:

  • हनी ट्रैप आरोपी रूपा एवं उसके भाई को छतरपुर से गिरफ्तार कर ले गई STF
  • एक देशी कट्टा और तीन जिंदा कारतूस भी STF ने किए जब्त
  • पिछले 3 सालों से फरार चल रही थी रूपा

छतरपुर
मध्य प्रदेश के चर्चित हनी ट्रैप मामले में मंगलवार को STF ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक मुख्य आरोपी युवती को गिरफ्तार कर लिया। STF की टीम ने छतरपुर जिले के पनोठा गांव में छापा मार कर रूपा अहिरवार को गिरफ्तार किया। रूपा पिछले 3 सालों से फरार थी और उसको पकड़ने के लिए कई टीमें लगातार कोशिश कर रही थी।

पिछले 3 सालों से रूपा एसटीएफ को चकमा देकर छतरपुर जिले में अपनी फरारी काट रही थी। मंगलवार सुबह एसटीएफ की टीम रूपा के गांव पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ ने रूपा के छोटे भाई को भी गिरफ्तार किया है। रूपा के घर से तीन जिंदा कारतूस, एक देसी कट्टा और कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

कौन है रूपा अहिरवार
रूपा अहिरवार छतरपुर जिले के नोखा गांव की रहने वाली है। 2017 में वह पढ़ाई करने के लिए भोपाल गई थी। उसकी मुलाकात आरती दयाल से हुई।आरती ने उसे अपने साथ रखा और नौकरी देने का वादा किया। रूपा की मां का कहना है कि वह अक्सर आरती दयाल का जिक्र घर में करती थी। यह भी बताया था कि आरती की भोपाल में कई फैक्ट्रियां हैं। रूपा ने घरवालों को बताया था कि आरती ने उसे फैक्ट्री में नौकरी देने का वादा किया है और उसे अपने साथ भोपाल में रखना चाहती हैं। मां का कहना है कि उनकी बेटी बेकसूर है, उसे आरती दयाल ने फंसाया है।

भोपाल में पढ़ाई के दौरान आरती दयाल से मुलाकात
रूपा की शादी मध्य प्रदेश के इटारसी में हुई थी लेकिन कुछ दिनों बाद ही उसका तलाक हो गया। इसके बाद वह वापस अपने गांव आ गई। कुछ दिनों बाद उसने भोपाल जाकर फिर से पढ़ाई करने की इच्छा जताई तो घरवालों ने भेज दिया। इसके बाद उसका संपर्क आरती दयाल से हुआ। पुलिस ने जब आरती को गिरफ़्तार किया तब पूछताछ के दौरान रूपा का नाम सामने आया था। एक होटल के कमरे में रूपा और आरती साथ रुकी थी।

3 साल से थी फरार
रूपा 2019 से ही फरार चल रही थी। हनी ट्रैप मामले के लगभग सभी मुख्य आरोपी अब गिरफ्तार हो चुके हैं लेकिन रूपा बार-बार एसटीएफ को चकमा देती रही। पिछले 3 सालों में एसटीएफ रूपा के घर पर भी कई बार दबिश दे चुकी थी, लेकिन वह बच निकलती थी। इस बार एसटीएफ जब उसके घर पहुंची तो टीम में महिलाएं भी शामिल थीं। STF ने परिवार के लोगों से सख्ती से पूछताछ की और पूरे मकान की तलाशी ली। रूपा नहीं मिली, लेकिन उसके छोटे भाई की कॉल डिटेल से पुलिस को उसका सुराग मिल गया। और वह गिरफ्तार हो गई।

STF ने भाई को लिया कब्जे में तब किया सरेंडर
एसटीएफ ने रूपा के भाई को पहले हिरासत में लिया और उससे सख्ती के साथ पूछताछ शुरू कर दी। रूपा भाई के साथ सख्ती नहीं देख पाई और उसने आत्मसमर्पण कर दिया। जिस वक्त एसटीएफ की टीम रूपा के माता-पिता के साथ सख्ती से पेश आ रही थी, तब रूपा छतरपुर जिले में कहीं पर छुपी हुई थी। रूपा की मां का कहना है कि उन्हें इस बात का कोई गम नहीं है कि उनकी बेटी के साथ क्या हो रहा है लेकिन उन्हें अपने बेटे की चिंता है जो बिना किसी अपराध के परेशान हो रहा है।



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