15 नवंबर: आज का शुभ मुहुर्त और राहुकाल
पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि और दिन सोमवार है। आज उत्तर भाद्रपद नक्षत्र रहने के साथ ही चंद्र का गोचर मीन राशि पर होगा। इस साल प्रबोधिनी एकादशी 14 और 15 नवंबर दोनों दिन लग रही है। ऐसे में ज्यादातर लोग एकादशी तिथि को लेकर असमंजस में है जबकि तुलसी विवाह को लेकर भी यह सोच रहे हैं कि 14 नवंबर को करें या 15 नवंबर को।
लखनऊ. पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि और दिन सोमवार है। आज उत्तर भाद्रपद नक्षत्र रहने के साथ ही चंद्र का गोचर मीन राशि पर होगा। इस साल प्रबोधिनी एकादशी 14 और 15 नवंबर दोनों दिन लग रही है। ऐसे में ज्यादातर लोग एकादशी तिथि को लेकर असमंजस में है जबकि तुलसी विवाह को लेकर भी यह सोच रहे हैं कि 14 नवंबर को करें या 15 नवंबर को। धर्मसिंधु ग्रंथ के अनुसार यदि जब एकादशी तिथि के साथ द्वादशी लग रही हो तो उस दिन तुलसी विवाह प्रदोष काल में कराना चाहिए।
सोमवार, नवम्बर 15, 2021 को
द्वादशी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 15, 2021 को सुबह 06:39 बजे
द्वादशी तिथि समाप्त – नवम्बर 16, 2021 को सुबह 08:01 बजे
तुलसी विवाह सबसे शुभ मुहूर्त
15 नवंबर शाम 6 बजे से 7 बजकर 39 मिनट तक प्रदोष काल में तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त है।
आज के शुभ मुहूर्त-
अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11.29 बजे से दोपहर 12.12 बजे तक
अमृत काल – दोपहर 01.02 बजे से दोपहर 02.44 बजे तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 1.39 बजे से दोपहर 02.22 बजे तक
गोधूलि बेला – शाम 05.05 बजे से शाम 05.29 बजे तक
निशीथ काल – रात 11.25 बजे से मध्यरात्रि 00.18 (16 नवंबर) बजे तक
शुभ योग
रवि योग – नहीं
सर्वार्थ सिद्धि योग – नहीं
अमृत सिद्धि योग – नहीं
द्विपुष्कर योग – नहीं
त्रिपुष्कर योग – नहीं
आज के अशुभ मुहूर्त-
यमगंड – सुबह 10.30 बजे से दोपहर 11.51 बजे तक
गुलिक काल – दोपहर 01.12 बजे से दोपहर 02.33 बजे तक
दुर्मुहूर्त – दोपहर 12.12 बजे से दोपहर 12.56 बजे तक
दोपहर 2.22 बजे से दोपहर 03.06 बजे तक
पंचक – पूरे दिन
भद्रा – नहीं
आज का राहुकाल
लखनऊ- सुबह 07.47 बजे से सुबह 09.08 बजे तक
वाराणसी – सुबह 07.37 बजे से सुबह 08.59 बजे तक
गोरखपुर – सुबह 07.37 बजे से सुबह 08.58 बजे तक
प्रयागराज – सुबह 07.42 बजे से सुबह 09.03 बजे तक
कानपुर – सुबह 07.49 बजे से सुबह 09.10 बजे तक
आगरा – सुबह 07.59 बजे से सुबह 09.20 बजे तक
मथुरा – सुबह 08.01 बजे से सुबह 09.22 बजे तक
दिल्ली- सुबह 08.04 बजे से सुबह 09.25 बजे तक
चंड़ीगढ़- सुबह 08.09 बजे से सुबह 09.28 बजे तक
भोपाल- सुबह 07.57 बजे से सुबह 09.20 बजे तक
राहु काल क्या है?
राहु काल या राहु कलाम दिन का सबसे प्रतिकूल समय है, जब कुछ भी शुभ करते हैं, तो कभी भी अनुकूल परिणाम नहीं देते हैं। ज्योतिषी हमेशा शुभ मुहूर्त की गणना करते हुए, दिन के इन 90 मिनटों को छोड़ देते हैं।
यमगंडम का क्या अर्थ है या यमगंड काल?
यमगंडम का अर्थ है मृत्यु का समय, या मौत का समय। यमगंडम मुहूर्त के दौरान केवल मृत्यु अनुष्ठान और समारोह किए जाते हैं। इस समय में शुरू की गई कोई भी गतिविधि कार्य या उससे जुड़े अन्य पहलुओं को निराश करती है। इसलिए, यमगंडम मुहूर्त के दौरान की गई गतिविधियाँ विफलता में समाप्त होती हैं या अंतिम परिणाम अक्सर बहुत अनुकूल नहीं होता है। हमेशा सलाह दी जाती है कि इस दौरान धन या यात्रा से संबंधित महत्वपूर्ण गतिविधियाँ शुरू न करें।
राहु काल समय में क्या करें?
नया व्यवसाय या आयोजन शुरू करने के लिए राहु काल को शुभ नहीं माना जाता है। हालांकि, शुभ मुहूर्त में पहले से शुरू होने वाली दैनिक गतिविधियों को जारी रखने में कोई समस्या नहीं है। राहु काल में नहीं की जाने वाली चीजों में शामिल हैं- विवाह संस्कार, गृहप्रवेश, पूजा और अनुष्ठान, एक नया व्यवसाय शुरू करना, और अन्य शुभ कार्य।
जब आप राहु काल के दौरान किसी शुभ घटना से बच नहीं सकते तो क्या करें?
ऐसी स्थितियों में जब आप राहु काल के दौरान महत्वपूर्ण कार्यों को करने से बच नहीं सकते हैं, तो यह सलाह दी जाती है कि भगवान हनुमान को पंचामृत और गुड़ अर्पित करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें। शुभ काम शुरू करने से पहले इस प्रसाद का सेवन करने से राहु के हानिकारक प्रभाव दूर रहेंगे।
पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि और दिन सोमवार है। आज उत्तर भाद्रपद नक्षत्र रहने के साथ ही चंद्र का गोचर मीन राशि पर होगा। इस साल प्रबोधिनी एकादशी 14 और 15 नवंबर दोनों दिन लग रही है। ऐसे में ज्यादातर लोग एकादशी तिथि को लेकर असमंजस में है जबकि तुलसी विवाह को लेकर भी यह सोच रहे हैं कि 14 नवंबर को करें या 15 नवंबर को।
लखनऊ. पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि और दिन सोमवार है। आज उत्तर भाद्रपद नक्षत्र रहने के साथ ही चंद्र का गोचर मीन राशि पर होगा। इस साल प्रबोधिनी एकादशी 14 और 15 नवंबर दोनों दिन लग रही है। ऐसे में ज्यादातर लोग एकादशी तिथि को लेकर असमंजस में है जबकि तुलसी विवाह को लेकर भी यह सोच रहे हैं कि 14 नवंबर को करें या 15 नवंबर को। धर्मसिंधु ग्रंथ के अनुसार यदि जब एकादशी तिथि के साथ द्वादशी लग रही हो तो उस दिन तुलसी विवाह प्रदोष काल में कराना चाहिए।
सोमवार, नवम्बर 15, 2021 को
द्वादशी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 15, 2021 को सुबह 06:39 बजे
द्वादशी तिथि समाप्त – नवम्बर 16, 2021 को सुबह 08:01 बजे
तुलसी विवाह सबसे शुभ मुहूर्त
15 नवंबर शाम 6 बजे से 7 बजकर 39 मिनट तक प्रदोष काल में तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त है।
आज के शुभ मुहूर्त-
अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11.29 बजे से दोपहर 12.12 बजे तक
अमृत काल – दोपहर 01.02 बजे से दोपहर 02.44 बजे तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 1.39 बजे से दोपहर 02.22 बजे तक
गोधूलि बेला – शाम 05.05 बजे से शाम 05.29 बजे तक
निशीथ काल – रात 11.25 बजे से मध्यरात्रि 00.18 (16 नवंबर) बजे तक
शुभ योग
रवि योग – नहीं
सर्वार्थ सिद्धि योग – नहीं
अमृत सिद्धि योग – नहीं
द्विपुष्कर योग – नहीं
त्रिपुष्कर योग – नहीं
आज के अशुभ मुहूर्त-
यमगंड – सुबह 10.30 बजे से दोपहर 11.51 बजे तक
गुलिक काल – दोपहर 01.12 बजे से दोपहर 02.33 बजे तक
दुर्मुहूर्त – दोपहर 12.12 बजे से दोपहर 12.56 बजे तक
दोपहर 2.22 बजे से दोपहर 03.06 बजे तक
पंचक – पूरे दिन
भद्रा – नहीं
आज का राहुकाल
लखनऊ- सुबह 07.47 बजे से सुबह 09.08 बजे तक
वाराणसी – सुबह 07.37 बजे से सुबह 08.59 बजे तक
गोरखपुर – सुबह 07.37 बजे से सुबह 08.58 बजे तक
प्रयागराज – सुबह 07.42 बजे से सुबह 09.03 बजे तक
कानपुर – सुबह 07.49 बजे से सुबह 09.10 बजे तक
आगरा – सुबह 07.59 बजे से सुबह 09.20 बजे तक
मथुरा – सुबह 08.01 बजे से सुबह 09.22 बजे तक
दिल्ली- सुबह 08.04 बजे से सुबह 09.25 बजे तक
चंड़ीगढ़- सुबह 08.09 बजे से सुबह 09.28 बजे तक
भोपाल- सुबह 07.57 बजे से सुबह 09.20 बजे तक
राहु काल क्या है?
राहु काल या राहु कलाम दिन का सबसे प्रतिकूल समय है, जब कुछ भी शुभ करते हैं, तो कभी भी अनुकूल परिणाम नहीं देते हैं। ज्योतिषी हमेशा शुभ मुहूर्त की गणना करते हुए, दिन के इन 90 मिनटों को छोड़ देते हैं।
यमगंडम का क्या अर्थ है या यमगंड काल?
यमगंडम का अर्थ है मृत्यु का समय, या मौत का समय। यमगंडम मुहूर्त के दौरान केवल मृत्यु अनुष्ठान और समारोह किए जाते हैं। इस समय में शुरू की गई कोई भी गतिविधि कार्य या उससे जुड़े अन्य पहलुओं को निराश करती है। इसलिए, यमगंडम मुहूर्त के दौरान की गई गतिविधियाँ विफलता में समाप्त होती हैं या अंतिम परिणाम अक्सर बहुत अनुकूल नहीं होता है। हमेशा सलाह दी जाती है कि इस दौरान धन या यात्रा से संबंधित महत्वपूर्ण गतिविधियाँ शुरू न करें।
राहु काल समय में क्या करें?
नया व्यवसाय या आयोजन शुरू करने के लिए राहु काल को शुभ नहीं माना जाता है। हालांकि, शुभ मुहूर्त में पहले से शुरू होने वाली दैनिक गतिविधियों को जारी रखने में कोई समस्या नहीं है। राहु काल में नहीं की जाने वाली चीजों में शामिल हैं- विवाह संस्कार, गृहप्रवेश, पूजा और अनुष्ठान, एक नया व्यवसाय शुरू करना, और अन्य शुभ कार्य।
जब आप राहु काल के दौरान किसी शुभ घटना से बच नहीं सकते तो क्या करें?
ऐसी स्थितियों में जब आप राहु काल के दौरान महत्वपूर्ण कार्यों को करने से बच नहीं सकते हैं, तो यह सलाह दी जाती है कि भगवान हनुमान को पंचामृत और गुड़ अर्पित करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें। शुभ काम शुरू करने से पहले इस प्रसाद का सेवन करने से राहु के हानिकारक प्रभाव दूर रहेंगे।