बाबा रामदेव के प्रोडक्ट्स अब “हरिद्वार से सीधे आपके द्वार तक”

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योग के ज़रिये अपने करियर की शुरुवात करने वाले बाबा रामदेव ने योगगुरु के रूप में काफी ख्याती प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने पतंजलि के ब्रांड टेल अपने प्रोडक्ट्स लांच किये और धीरे-धीरे एक सफल बिज़नेसमैन के रूप में उभरे. आज उनकी कंपनी करोड़ों का टर्नओवर कर रही है और उन्हें आशा से कहीं ज्यादा प्रॉफिट मिल रहा है.

ई-कॉमर्स से कमाएंगे दोगुना प्रॉफिट

शायद यही वजह है कि रामदेव अब ई-कॉमर्स में आने की तैयारी कर रहे हैं. पतंजलि के उत्पादों को  ऑनलाइन बेचने के लिए उन्होंने प्रमुख ई-रिटेलर अमेज़न और फ्लिपकार्ट के साथ क़रार किया है. मंगलवार को नई दिल्ली में बाबा रामदेव और इन कंपनियों के बीच करार हुआ. इस बॉन्ड के बाद पतंजलि के प्रोडक्ट्स फ्लिपकार्ट, अमेजन, ग्रोफर्स,पेटीएम मॉल, और बिगबास्केट समेत अन्य बड़े ऑनलाइन पोर्टल पर मिलेंगे. इन कंपनियों के अलावा वह शॉपक्लूज व नेटमेड्स के मंच पर भी अपने उत्पाद बेचेंगे.

बता दें कि मौजूदा समय में भी पतंजलि अपने निजी पोर्टल से ऑनलाइन अपने उत्पाद बेचती है. इसके अलावा दूसरे सेलर्स भी पतंजलि के उत्पाद ऑनलाइन बेच रहे हैं, लेकिन अब पतंजलि खुद बड़े स्तर पर ऑनलाइन आकर अपने उत्पाद बेचने की तैयारी कर रही है. इसका मतलब है कि सीधे पतंजलि ही सेलर बनेगी और ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल पर अपने उत्पाद खुद बेचेगी.

Flipkart -

दान का वादा किया

बाबा रामदेव ने कहा कि अब पतंजलि नॉट फॉर प्रोफिट कंपनी बनने की तरफ बढ़ेगी. इसके लिए कंपनी आने वाले समय में 1 लाख करोड़ रुपये की चैरिटी करेगी. उन्होंने कहा कि हम लोगों से दान भी लेंगे.

उन्होंने कहा कि कंपनी महाराष्ट्र में किसानों से संतरे खरीदेगी और उनकी यूनिट लग चुकी है. उन्होंने बताया कि आने वाले दो सालों के भीतर एक लाख करोड़ रुपये की प्रति सालाना कैपिसिटी तैयार कर रहे हैं. आगे 50 सालों में पूरी दुनिया जीत सकें, इस सपने को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं. आने वाले समय में पतंजलि 10 से 12 देशों में नंबर वन होगी. प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने अपने और बालकृष्ण के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि बालकृष्ण और मैंने गांव से अपनी यात्रा शुरू की थी. हम किसान के पुत्र हैं.

FDI का विरोध

इस दौरान बाबा रामदेव ने रिटेल सेक्टर में एफडीआई का विरोध भी किया. उन्होंने कहा कि रिटेल सेक्टर में एफडीआई नहीं आना चाहिए. इससे छोटे दुकानदारों और छोटे स्तर के व्यवसाइयों को नुकसान उठाना पडेगा.

आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2016-17 में पतंजलि का टर्नओवर 10,500 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा. इस वित्त वर्ष में पतंजलि का लक्ष्य इस लाभ को दुगुना करना है. इसी के तहत यह नई साझेदारी करने की योजना है.