Amit Shah Interview : यूपी चुनाव में क्या पहले दो चरण में हो गया खेला? इतने जोश में क्यों अमित शाह

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Amit Shah Interview : यूपी चुनाव में क्या पहले दो चरण में हो गया खेला? इतने जोश में क्यों अमित शाह

वाराणसी/लखनऊ: पांच साल पहले उत्तर प्रदेश में ‘कमल’ खिलाकर बीजेपी (BJP UP Election) को सत्ता दिलाने वाले गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah BJP) तब पार्टी के अध्यक्ष हुआ करते थे। इस बार भी वह पूरी तरह आश्वस्त हैं कि भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलेगा और वह सत्ता में लौट रही है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में शाह ने यह दावा ऐसे समय में किया है जब यूपी विधानसभा चुनाव में चार चरणों के मतदान हो गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की नीतियों और उसका सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से पूरी दक्षता और पारदर्शी तरीके से क्रियान्वयन होने के कारण जनता खुश है। शाह ने उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी भाजपा की जीत की भविष्यवाणी की।

चार चरणों के मतदान पूरे, कैसे हैं रुझान?
जब उनसे पूछा गया कि यूपी में चार चरणों के चुनाव हो गए, क्या लग रहा है? शाह ने कहा कि बीजेपी बेहतर स्थिति में है और वह बहुमत के साथ फिर से सरकार बनाने जा रही है। बुधवार 23 फरवरी तक राज्य की 403 सीटों में से 231 पर मतदान पूरे हो गए हैं। शाह ने ही 2017 विधानसभा चुनावों में पार्टी के जीत की पटकथा लिखी थी। इतना ही नहीं, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में शानदार जीत का श्रेय भी शाह को दिया जाता है।

हमने यूपी के पहले दो चरणों में शानदार प्रदर्शन किया है और पश्चिमी यूपी में एक बड़ी लीड ले चुके हैं। कंसोलिडेशन एकतरफा नहीं होता है। अल्पसंख्यकों के कंसोलिडेशन से बहुसंख्यक वोट भी कंसोलिडेट होते हैं। इस तरह की राजनीति करने वाले अपना संकट समझ लें।

अमित शाह, गृह मंत्री

पश्चिमी यूपी में नुकसान होगा?
पश्चिम उत्तर प्रदेश को लेकर जब शाह से पूछा गया कि ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा को इस क्षेत्र में नुकसान हो सकता है। शाह ने इसे खारिज करते हुए दावा किया, ‘हमें क्षेत्र (पश्चिमी यूपी) में शानदार बढ़त मिलेगी। मेरे शब्द याद रखिएगा।’ शाह ने इसकी वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन कल्याणकारी नीतियों को यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने शानदार तरीके से पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किया है।


उस मीटिंग ने सब सेट कर दिया?
आपको याद होगा, शाह ने चुनाव से ठीक पहले पश्चिमी यूपी के जाट नेताओं से मुलाकात की थी। समझा जा रहा था कि तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के बाद पश्चिमी यूपी के लोगों खासकर किसानों की नाराजगी दूर करने की कोशिश की गई थी। दिल्ली से भाजपा के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के आवास पर हुई इस बैठक को ‘सामाजिक भाईचारा बैठक’ का नाम दिया गया था। बैठक में जाट समुदाय के 250 से अधिक प्रबुद्ध वर्ग के लोग और अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभुत्व रखने वाले नेता शामिल हुए थे।

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तब शाह का एक बयान काफी चर्चा में रहा था। उन्होंने जाट नेताओं से बातचीत में दावा किया था कि जाट समुदाय के साथ रिश्ता 650 साल पुराना है। शाह ने कहा था कि जाट समुदाय ने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और भाजपा भी लड़ रही है। उन्होंने इस बात को समझाते हुए कहा कि भाजपा और जाट समुदाय की सोच एक जैसी ही है। मुद्दा चाहे किसानों का हो या देश की सुरक्षा का, दोनों ही महत्वपूर्ण मुद्दों पर भाजपा और जाट समुदाय की सोच एक जैसी ही है। तब माना गया था कि शाह ने सब सेट कर दिया। अब TOI को दिए इंटरव्यू में दोनों चरणों में जबरदस्त प्रदर्शन का उन्होंने दावा किया है।

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मुस्लिम वोट सपा के साथ? शाह ने दिया जवाब
इंटरव्यू में शाह ने यूपी में कानून-व्यवस्था के हालात पर सीएम की प्रशंसा की। शाह ने कहा, ‘राजनीति का अपराधीकरण और ब्यूरोक्रेसी का राजनीतिकरण, यूपी की राह में ये दो बड़ी बाधाएं थीं, जो दशकों से चली आ रही थीं।’ सपा के समर्थन में कथित तौर पर मुस्लिम वोटों के एकजुट होने की बात पर शाह बेफिक्र दिखे। दरअसल, यूपी में भाजपा और सपा के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। उन्होंने कहा, ‘कंसोलिडेशन एकतरफा नहीं होता है। अल्पसंख्यकों की एकजुटता से आगे चलकर बहुसंख्यक कंसोलिडेशन भी होता है। ऐसी राजनीति करने वालों को यह भी याद रखना चाहिए।’

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