Assembly Elections : बीजेपी के लिए 2024 का सेमीफाइनल होंगे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव

81


Assembly Elections : बीजेपी के लिए 2024 का सेमीफाइनल होंगे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव

हाइलाइट्स

  • उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीखें तय
  • चुनाव आयोग ने बताया कि 10 मार्च को इन चुनावों के रिजल्ट आएंगे
  • इन पांच में से चार राज्यों में बीजेपी का शासन है जबकि पंजाब में कांग्रेस सत्ता में है
  • इन राज्यों के चुनाव परिणाम से 2024 के लोकसभा चुनाव की झलक मिल सकती है

नई दिल्ली
पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है। 10 मार्च को जब चुनाव नतीजे आएंगे और बीजेपी चाहेगी कि उसे उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर के साथ-साथ सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में फिर से सत्ता हासिल हो। अगर ऐसा हुआ तो निश्चित रूप से 2024 के आम चुनाव में उसकी जीत की दावेदारी बढ़ जाएगी। पिछले साल 2 मई को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के आए नतीजे ने बीजेपी को झटका दिया था। उसके बाद हुए हालिया विधानसभा और संसदीय उप-चुनावों में भी बीजेपी कुछ खास दमखम नहीं दिखा सकी थी।

यूपी में 34 वर्ष की परंपरा तोड़ने की चुनौती

केंद्र की सत्ता में आसीन देश के इस सबसे बड़े राजनीतिक दल का ध्यान उत्तर प्रदेश पर कुछ ज्यादा होगी क्योंकि उसे वहां बीते 34 वर्षों की परंपरा को तोड़ने की चुनौती से जूझना है। उत्तर प्रदेश में तीन दशकों से कोई भी राजनीतिक दल लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी नहीं कर सका है। यहां बीजेपी की सत्तावापसी इस लिहाज से बहुत मायने रखती है क्योंकि उसे इस प्रदेश से 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उसे अपार समर्थन मिला था। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में इस बार भी बाजी मार ली तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की राजनीतिक पूंजी में इस लिहाज से पर्याप्त इजाफा हो जाएगा कि वो दोबारा बड़े सामाजिक-आर्थिक सुधारों की तरफ कदम बढ़ा सके। इस चुनाव में कृषि कानूनों की वापसी यूपी चुनाव का प्रमुख मुद्दा भले न हो, लेकिन यह बैकग्राउंड में तो जरूर रहेगा।

Kahani Uttar Pradesh ki: जब योगी आदित्यनाथ को जेल ले जा रही थी पुलिस, 2 किमी की दूरी तय करने में 8 घंटे लग गए

UP Election 2022 Dates का ऐलान, जानिए आपकी सीट पर कब है वोटिंग

यूपी चुनाव में हिंदुत्व पर जनादेश की जांच
उत्तर प्रदेश में बीजेपी अपनी प्रतिस्पर्धी पार्टियों के मुकाबले काफी मजबूत दिख रही है। शासन-व्यवस्था और हिंदुत्व के मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ सरकार की छवि से राज्य विधानसभा चुनाव काफी ध्रुवीकृत (Polarised) हो गया है। ऐसे में अगर बीजेपी की सीटें घटेंगी तो माना जाएगा कि हिंदुत्व का मुद्दा थोड़ा कमजोर पड़ रहा है। यूपी में बीजेपी योगी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और ओबीसी जैसे बड़े जातीय समूहों तक पहुंच बढ़ाने के साथ-साथ राम मंदिर निर्माण जैसे भावनात्मक मुद्दे पर भरोसा कर रही है। वर्ष 2017 के पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने वहां अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवार का चेहरा सामने नहीं लाया था, लेकिन इस बार योगी आदित्यनाथ के रूप में उसके पास एक दमदार चेहरा है।

navbharat times -UP Election 2022: सहारा प्रमुख को भिजवाया जेल, चिदंबरम को पिलाया पानी… बीजेपी के टिकट पर राजेश्‍वर सिंह लड़ने वाले हैं चुनाव!

राष्ट्रीय असर राज्यों के नजरिए से
दो बड़े चुनावी राज्यों- यूपी और पंजाब में किसान आंदोलन का असर देखना दिलचस्प होगा। बीजेपी को चुनावी झटका लगा तो वह सुधारों पर आगे बढ़ने से घबराएगी। उत्तर प्रदेश में यह चुनाव बीजेपी-योगी की विकास और गुंडागर्दी के खिलाफ कड़े एक्शन के साथ-साथ हिंदुत्व की राजनीति पर भी जनता के समर्थन को आंका जाएगा। मथुरा कृष्ण जन्मभूमि के मुद्दे का भी भविष्य तय होगा।
गरमागरम सांप्रदायिक माहौल में चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में खासकर यूपी का रिजल्ट सांप्रदायिक समीकरण पर भी असर पड़ेगा। एसपी और बीएसपी का चुनावी प्रदर्शन 2014 से खराब रहा है। यूपी में बीजेपी के मुकाबले कौन की लड़ाई के लिहाज से यह चुनाव बड़ा संदेश देने वाला है। पंजाब में किसान आंदोलन का असर देखा जाएगा। वहां कुछ किसान यूनियन भी चुनाव लड़ने वाले हैं। पंजाब में कांग्रेस का बहुत कुछ दांव पर लगा है। वहीं, आप भी वहां से बहुत उम्मीदें लगाए हैं।
बंगाल में झटका लगने के बाद बीजेपी अगर चार राज्यों में अपनी सत्ता बचा लेती है तो पीएम मोदी की सत्तावापसी भी तय मानी जाएगी। रिजल्ट अगर मिले-जुले आए तो अटकलों का बाजार गरम रहेगा। उत्तराखंड में आप की मौजूदगी के बावजूद यहां दो ध्रुवीय चुनाव ही हो सकते हैं। यहां कांग्रेस की सांसें अटकी होंगी। अगर उसने पंजाब बचाकर उत्तराखंड में भी बाजी मार ली तो उसके लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी।
आप और तृणमूल कांग्रेस अपने-अपने राज्यों से बाहर प्रभाव जमाने की फिराक में हैं। आप के पास पंजाब में कुछ कर दिखाने का मौका दूसरी बार मिल रहा है जबकि टीएमसी, बीजेपी के मुकाबले में कांग्रेस की जगह लेने को बेकरार है। गोवा में आप और टीएमसी दोनों, बीजेपी और कांग्रेस के लिए कड़ी चुनौती बन गए हैं। टीएमसी ने विधायकों को तोड़कर कांग्रेस को लहूलुहान कर दिया है। वहीं, बीजेपी पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर की गैर-मौजूदगी में पहला चुनाव लड़ने जा रही है।
पंजाब कांग्रेस में आंतरिक कलह ने पार्टी को झकझोर दिया है। उसे बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में बने रहने के लिए पंजाब की सत्ता में लौटना होगा और उत्तराखंड को बीजेपी से छीनना होगा। यह कांग्रेसियों में गांधी परिवार के प्रति विश्वास बनाए रखने के लिहाज से भी बहुत जरूरी है। मणिपुर में बीजेपी सरकार ने पहला कार्यकाल पूर किया और अब वो वहां सत्ता बनाए रखना चाहेगी। वहीं, प्रदेश की राजनीति के सूरमाओं में एक ईबोबी सिंह पर कांग्रेस का बड़ा दारोमदार है।

पंजाब में बीजेपी की यह ‘छोटी सी उम्मीद’
मुफ्त एलपीजी को 2017 विधानसभा चुनावों में बीजेपी के लिए बूस्टर माना गया था। ऐसे में संभव है कि कोविड महामारी में बीपीएल परिवारों को मुफ्त अनाज देने की योजना इस बार बीजेपी को बढ़त दिला सकती है। जहां तक बात पंजाब की है तो बीजेपी वहां पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और शिरोमणि अकाली दल संयुक्त (SAD-S) लीडर सुखदेव सिंह ढींढसा के साथ त्रीदलीय गठबंधन में शामिल है। वह पंजाब के शहरी हिंदू मतदाताओं से समर्थन की उम्मीद लगाए बैठी है। खासकर, 5 जनवरी को एक रैली को संबोधित करने जा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में लगी सेंध के मुद्दे से उसकी यह उम्मीद बढ़ गई है। आखिर में बीजेपी की उम्मीद इस बात पर टिकी है कि भले ही उसे इस चुनाव में बहुत सीटें नहीं आ जाएं, लेकिन कृषि कानूनों को लेकर उससे दूर हुआ सिख समुदाय कुछ हद ही सही, नजदीक आएगा।

UP Elections: 10 मार्च के बाद बीजेपी के होगा सफाया, चुनाव की तारीखों के बाद क्या बोले अखिलेश?


उत्तराखंड में धमाका कर पाएंगे धामी?

वहीं, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा जैसे छोटे राज्यों के चुनाव थोड़े पेचीदा हैं। उत्तराखंड में बीजेपी ने लगातार मुख्यमंत्री बदले जिससे कांग्रेस को मजबूती मिली। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों में भारी जनसमूह के उमड़ने से बीजेपी राहत की सांस ले रही है। उसे लग रहा है कि उसके ताजातरीन सीएम पुष्कर सिंह धामी भ्रमित हो रहे मतदाताओं में पार्टी के प्रति फिर से विश्वास बहाली में सफलता पाई है। उधर, गोवा में राजनीतिक अस्थिरता ने इस चुनाव को मजेदार बना दिया है।

election

20224 का सेमी फाइनल होंगे 5 राज्यों के चुनाव



Source link