आप भी जाने कैसे अमिताभ बच्चन ढाई लाख लगाकर बन गए करोड़ों के मालिक

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बिटक्वाइन! आज ये नाम आम है मगर कुछ वक़्त पहले तक लोग इसकी अहमियत से अनजान थे. लेकिन आज के वक़्त में हर कोई लगातार बढ़ते हुए बिटक्वाइन सिक्के को खरीदना चाहता है. इसे  खरीदने के लिए बड़े-बड़े अरबपति भी लाइन में खड़े हैं. कई लोग वक़्त रहते इस पर निवेश कर चुके हैं और कई करना चाहते हैं. निवेश कर चुके सदस्यों में एक नाम बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन का भी है. बिज़नस स्टैण्डर्ड  की खबर के माने तो  बच्चन परिवार ने बिटक्वाइन में ढाई लाख डॉलर (1 करोड़ 60 लाख रुपये) मेरीडियन टेक पीटीई में इन्वेस्ट किए थे. आज ढाई साल में इसकी कीमत 100 गुना से भी ज़्यादा बढ़कर 17.5 मीलियन डॉलर (112 करोड़ रुपये) हो चुकी है.

ये है बिटक्वाइन

दरअसल बिटक्वाइन एक तरह की डिजिटल करंसी है. इसे इलेक्ट्रॉनिक तरीके से बनाया जाता है. ये क्वाइन किसी के हाथ में नहीं बल्कि इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ही रखा जाता है. रुपये की तरह इसकी छपाई नहीं होती. इसे कम्प्यूटर के जरिए ही बनाया जाता है और काफी सुरक्षित तरीक़े से रखा जाता है.

2015 में लिया था पैसे लगाने का फैसला

बिज़नस स्टैण्डर्ड  की रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 में अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन ने ढाई लाख डॉलर (करीब 1.57 करोड़ रुपये) मेरीडियन टेक पीटीई में लगाए थे. लम्बे समय तक कोई मुनाफ़ा न कमाने के बावजूद इस फर्म ने एकदम से इतना अच्छा रिटर्न दिया. दरअसल ये चमत्कार तब हुआ जब मेरीडियन टेक की प्राइम एसेट Ziddu.com को एक विदेशी कंपनी लॉन्गफिन कॉर्प ने खरीद लिया. जब अमिताभ बच्चन ने Ziddu.com  में पैसा लगाया था तब वह एक क्लाउड स्टोरेज और ई-डिस्ट्रिब्यूशन स्टार्टअप हुआ करती थी.

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दो अकाउंट बनाकर किया इन्वेस्ट

मेरीडियन टेक के फाउंडर वेंकट श्रीनिवास मीनावली ने बताया कि “अमिताभ बच्चन ने दो अकाउंट के जरिए कंपनी में इन्वेस्ट किया था. एक अकाउंट अमिताभ बच्चन के नाम का है जिसमें डेढ़ लाख डॉलर थे वहीं दूसरा अमिताभ और अभिषेक का ज्वाइंट अकाउंट था जिसमें 1 लाख डॉलर थे.” लॉन्गफिन कॉर्प ने दावा किया है कि एक्सपोर्टर और इम्पोर्टर Ziddu क्वाइन को बिटक्वाइन में बदल लेते हैं. फिर वर्किंग कैपिटल की तरह इसका इस्तेमाल किया जाता है.