लखनऊ : यूपी में अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए भाजपा सरकार अभी से ही कार्य में जुट गई है. उन्होंने गरीबों खासकर अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों को रिझाने का काम अभी से ही शुरू कर दिया है. यह दांव किया है कि प्रदेश के हर भूमिहीन किसान को निशुल्क देशी नस्ल की दो गायें देने का. वहीं दी जाने वाली गायें कृषि जलवायु क्षेत्र की परंपरा के अनुकूल उन्नत प्रजाति की होंगी.
इस बात की घोषणा योगी ने मथुरा रैली के समय की
कुछ समय पहले योगी आदित्यनाथ मथुरा में एक रैली को संबोधित करने गए थे. उन्होंने इस दौरान इस बात की घोषणा की थी. अगर यह योजना सफल रहीं तो इसका लाभ हर वर्ग के भूमिहीन किसानो को मिलेगा. पर ज्यादा संख्या में होने के कारण इस का मुख्य लाभ अनुसूचित जाति और जनजाति को होगा. इससे योगी सरकार सबका साथ, सबका विकास के नारे से अनुसूचित जाति और जनजाति को एक साथ जोड़ने में सफल हो पाएंगी.
60 फीसद अनुसूचित जाति
आपको बता दें कि कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के माध्यम से प्रदेश में किसान परिवार की संख्या लगभग 2.33 करोड़ है. जिनमे से 27 फीसदी भूमिहीन किसान है. इनमें से 60 फीसदी संख्या अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग की है. इससे साफ होता है कि सरकार की इस योजना का ज्यादातर फायद इस निम्न वर्ग को होगा. भाजपा सरकार के लिए इस योजना को अंजाम तक पहुँचाना थोड़ा मुश्किल भरा हो सकता है. क्योंकि प्रदेश में किसानों की संख्या काफी ज्यादा है.
वहीं अब कुल किसान परिवारों की संख्या के आधार पर भूमिहीन किसान परिवारों की कुल संख्या 64 लाख के करीब आएगी. इस योजना के तहत हर परिवार को दो गाय देने के लिए सरकार को करीब 1.28 करोड़ गायों की व्यवस्था करनी होगी. योजना से करीब 38 लाख अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लोग लाभान्वित होंगे.
वहीं अगर पशु चिकित्सक डा. संजीव श्रीवास्तवकी जानकारी के अनुसार, मौजूदा समय में उन्नत प्रजाति की एक देशी गाय का बाजार भाव 30 से 40 हजार रुपये तक है. इससे देखते हुए सरकार को इस योजना पर करीब चार करोड़ से भी ज्यादा अधिक रुपयों की व्यवस्था करनी होगी. ऐसे में इतनी संख्या में गायों और इतने पैसे की व्यवस्था करना आसान नहीं होगा. अब देखने यह होगा कि योगी सरकार इस योजना का फायद भूमिहीन किसानों को कब तक पहुंचती है. या फिर बस 2019 में आम चुनाव को जीतने की प्लानिंग की जा रहीं है.