गांववालों ने काला जादू के शक में मां-बेटी की हत्या कर लाश को जंगल में फेंका

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झारखंड में एक 50 वर्षीय महिला और उसकी बेटी की काला जादू करने के शक में गांववालों ने हत्या कर दी। घटना नक्सल प्रभावित पूर्वी सिंहभूम जिले के गुरुबंधा की है। डीएसपी (मुसाबोनी) अजीत कुमार विमल ने बताया कि घटना रविवार की है। एक शव पुलिस को बुधवार को मिल गया है, जबकि दूसरे शव की तलाश पुलिस कर रही है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को जानकारी मिली थी कि रंगई बोदरा और उसकी 20 वर्षीय बेटी मेजो बोदरा गायब हो गई हैं तो पुलिस ने उनकी तलाशी शुरू कर दी। लेकिन गांव वाले इस मुद्दे पर बोलने को तैयार नहीं थे, उन्होंने चुप्पी साध रखी थी। उन्होंने बताया कि मामला तब सामने आया, जब पुलिस ने छह लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। बुधवार को पूछताछ के दौरान गांव वालों ने पूरी कहानी बताई।

गांव वालों ने पुलिस को बताया कि बागुन बोदरा सहित गांव के छह लोगों ने रंगई और उसकी बेटी की कथित रूप से जादू टोना करने के आरोप में हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने दोनों के शवों को पास के जंगल में फेंक दिया। बागुन के तीन साल के बच्चे की मौत हाल ही में हुई थी, इसके लिए वह रंगई और उसकी बेटी को जिम्मेदार मानती थी। इसके बाद उसने उन दोनों का मार देने का फैसला किया। पुलिस ने साथ ही बताया कि पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और कुछ अन्यों की तलाश की जा रही है। बागुन अभी फरार है। वहीं पुलिस ने मेजो का शव बरामद कर लिया, लेकिन रंगई का शव नहीं मिला है, जिसे पुलिस ढूंढ़ रही है। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

बता दें, अगस्त महीने में ऐसा ही एक मामला राजस्थान से सामने आया था, जहां एक दलित महिला की कथित तौर पर डायन बताकर उसकी नृशंस हत्या कर दी गई थी। वारदात अजमेर जिले की थी, जहां पर महिला के रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने मिलकर उसे मौत के घाट उतार दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक 40 वर्षीय महिला को कथित रूप से कोड़े मारे गए, जबरन मल-मूत्र खिलाया और अंगारों के बिस्तर पर भी लिटाया गया। आखिर में महिला की दोनों आंखे भी अंगारों से फोड़कर उन्हें अंधा कर दिया।