BrahMos Accidental Firing: पाकिस्तान में भूलवश मिसाइल दागे जाने के मामले में एयर फोर्स की जांच पूरी…एक से अधिक अधिकारी दोषी, होगी कार्रवाई
नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) ने पाकिस्तान (Pakistan) में गलती से सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस (Supersonic Missile BrahMos) दागे जाने के मामले में जांच पूरी कर ली है। एयर फोर्स की ओर से सुपरसोनिक मिसाइल की फाइरिंग को पहले ही भूलवश हुई घटना करार दिया गया था। इस मामले में पाकिस्तान की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई थी। अब एयर फोर्स ने अपनी जांच पूरी कर दोषी पदाधिकारियों की पहचान कर ली है। सूत्रों के अनुसार, दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इंडियन एयर फोर्स के एयर वाइस मार्शल आरके सिन्हा इस बात की जांच कर रहे हैं कि नियमित रखरखाव कार्य के दौरान मिसाइल कैसे दागी गई? पाकिस्तान की तरफ मिसाइल फायर होने के बाद माहौल गरमा गया था। मंत्रालय ने इस मामले में कहा था कि 9 मार्च को नियमित रखरखाव के दौरान एक तकनीकी खराबी के कारण भूलवश मिसाइल चली गई। केंद्र सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया। मंत्रालय की ओर से पहले ही कहा गया है कि मिसाइल पाकिस्तान में जाकर गिरी। यह घटना बेहद खेदजनक है। राहत की बात यह रही कि इस दुर्घटना में किसी की जान नहीं गई।
एक माह से भी कम समय में पूरी हुई जांच
एक महीने से भी कम समय में एयर फोर्स ने ब्रह्मोस दुर्घटनावश फायरिंग मामले में अपनी जांच पूरी कर ली है। इस मामले में मिसाइल स्क्वाड्रन के एक से अधिक अधिकारियों को दोषी ठहराया है। कहा गया है कि उनके खिलाफ तेज कार्रवाई होगी और कड़ी सजा दी जाएगी। 9 मार्च को पाकिस्तान की तरफ ब्रह्मोस मिसाइल गलती से दागी गई। यह मिसाइल पाकिस्तान के मियां चुन्नू इलाके में गिर गई। सरकारी सूत्रों की ओर से कहा गया है कि इस घटना के लिए एक से अधिक अधिकारियों को दोषी पाया गया है।
सूत्रों के अनुसार, इस दुर्घटना में दोषी अधिकारियों को त्वरित और कड़ी सजा दी जाएगी। कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने संबंधित अधिकारियों की ओर से मानक संचालन प्रक्रियाओं का स्पष्ट उल्लंघन भी पाया। सूत्रों ने कहा कि सरकार और भारतीय वायु सेना के शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि सजा जल्द से जल्द होनी चाहिए और इसे लंबे समय तक नहीं चलने दिया जाना चाहिए, जो पहले कई मामलों में हुआ है।
एक अधिकारी ने किया स्थिति को नियंत्रित
जांच में गलती से मिसाइल के लॉन्च होने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने में एक अधिकारी की भूमिका भी सामने आई है। घटना की जांच कर रहे भारतीय वायु सेना के अधिकारी को जांच जल्द से जल्द पूरी करने के लिए कहा गया था, क्योंकि दुर्घटना के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय की जानी थी। इस दुर्घटना के बाद अधिक नुकसान हो सकता था। मामले को एयरफोर्स ने काफी गंभीरता से लिया है। एयर फोर्स यह सुनिश्चित करने के लिए आंतरिक रूप से हर कदम उठा रही है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। विभिन्न मानक संचालन प्रक्रियाओं की समीक्षा की जा रही है कि क्या चीजों को आसान बनाने के लिए किसी बदलाव की आवश्यकता है?
रक्षा मंत्रालय को दी गई है जानकारी
सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्रालय को जांच समिति की रिपोर्ट के बारे में भी बता दिया गया है। अगले कुछ हफ्तों में आगे की कार्रवाई की उम्मीद है। घटना के बाद पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद को आश्वासन दिया है कि मिसाइल प्रणाली बहुत विश्वसनीय और सुरक्षित है। इसके अलावा हमारी सुरक्षा प्रक्रियाएं और प्रोटोकॉल उच्चतम स्तर के हैं और समय-समय पर समीक्षा की जाती है। रक्षा मंत्री ने कहा है कि हमारे सशस्त्र बल अच्छी तरह से प्रशिक्षित और अनुशासित हैं। ऐसी प्रणालियों को संभालने में अच्छी तरह से अनुभवी हैं।
एक माह से भी कम समय में पूरी हुई जांच
एक महीने से भी कम समय में एयर फोर्स ने ब्रह्मोस दुर्घटनावश फायरिंग मामले में अपनी जांच पूरी कर ली है। इस मामले में मिसाइल स्क्वाड्रन के एक से अधिक अधिकारियों को दोषी ठहराया है। कहा गया है कि उनके खिलाफ तेज कार्रवाई होगी और कड़ी सजा दी जाएगी। 9 मार्च को पाकिस्तान की तरफ ब्रह्मोस मिसाइल गलती से दागी गई। यह मिसाइल पाकिस्तान के मियां चुन्नू इलाके में गिर गई। सरकारी सूत्रों की ओर से कहा गया है कि इस घटना के लिए एक से अधिक अधिकारियों को दोषी पाया गया है।
सूत्रों के अनुसार, इस दुर्घटना में दोषी अधिकारियों को त्वरित और कड़ी सजा दी जाएगी। कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने संबंधित अधिकारियों की ओर से मानक संचालन प्रक्रियाओं का स्पष्ट उल्लंघन भी पाया। सूत्रों ने कहा कि सरकार और भारतीय वायु सेना के शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि सजा जल्द से जल्द होनी चाहिए और इसे लंबे समय तक नहीं चलने दिया जाना चाहिए, जो पहले कई मामलों में हुआ है।
एक अधिकारी ने किया स्थिति को नियंत्रित
जांच में गलती से मिसाइल के लॉन्च होने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने में एक अधिकारी की भूमिका भी सामने आई है। घटना की जांच कर रहे भारतीय वायु सेना के अधिकारी को जांच जल्द से जल्द पूरी करने के लिए कहा गया था, क्योंकि दुर्घटना के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय की जानी थी। इस दुर्घटना के बाद अधिक नुकसान हो सकता था। मामले को एयरफोर्स ने काफी गंभीरता से लिया है। एयर फोर्स यह सुनिश्चित करने के लिए आंतरिक रूप से हर कदम उठा रही है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। विभिन्न मानक संचालन प्रक्रियाओं की समीक्षा की जा रही है कि क्या चीजों को आसान बनाने के लिए किसी बदलाव की आवश्यकता है?
रक्षा मंत्रालय को दी गई है जानकारी
सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्रालय को जांच समिति की रिपोर्ट के बारे में भी बता दिया गया है। अगले कुछ हफ्तों में आगे की कार्रवाई की उम्मीद है। घटना के बाद पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद को आश्वासन दिया है कि मिसाइल प्रणाली बहुत विश्वसनीय और सुरक्षित है। इसके अलावा हमारी सुरक्षा प्रक्रियाएं और प्रोटोकॉल उच्चतम स्तर के हैं और समय-समय पर समीक्षा की जाती है। रक्षा मंत्री ने कहा है कि हमारे सशस्त्र बल अच्छी तरह से प्रशिक्षित और अनुशासित हैं। ऐसी प्रणालियों को संभालने में अच्छी तरह से अनुभवी हैं।