Byju’s ने 1 रुपये कमाने के लिए खर्च किए 2 रुपये, हो गया है भारी भरकम घाटा, जानिए क्या कह रहे आंकड़े

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Byju’s ने 1 रुपये कमाने के लिए खर्च किए 2 रुपये, हो गया है भारी भरकम घाटा, जानिए क्या कह रहे आंकड़े

Byju’s ने 1 रुपये कमाने के लिए खर्च किए 2 रुपये, हो गया है भारी भरकम घाटा, जानिए क्या कह रहे आंकड़े

नई दिल्ली : देश की दिग्गज एजुटेक कंपनी बायजूस (Byju’s) को वित्त वर्ष 2021 में भारी नुकसान हुआ है। कंपनी ने बुधवार को वित्त वर्ष 2020-21 के अपने ऑडिटेड वित्तीय आंकड़े जारी किये हैं। कंपनी को 2021 में परिचालन से 2280 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। जबकि कंपनी को इस दौरान 4,588 करोड़ रुपये का भारी भरकम घाटा हुआ। यह पिछले वित्त वर्ष से 262 करोड़ रुपये अधिक है। इस तरह हम कह सकते हैं कि बायजूस ने एक रुपया जुटाने के लिए 2 रुपये खर्च किए। हालांकि, कंपनी के सीईओ बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) ने कहा है कि इस घाटे की चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह यह घाटा अकाउंटिंग प्रैक्टिस में हुए कुछ बदलावों के चलते हुआ है। उन्होंने कहा कि राजस्व का कुछ हिस्सा वित्त वर्ष 2022 के आंकड़ों में दिखाई देगा।

वित्त वर्ष 2022 में दिखेगा पिछला राजस्व

कंपनी के फाउंडर और सीईओ ने बीते हफ्ते शेयरधारकों को कई चीजों के बारे में बताया था। उन्होंने बताया था कि कैसे कोविड-19 महामारी के चलते बिजनेस मॉडल में बदलाव आया। बायजू रवींद्रन ने ईटी से एक इंटरव्यू में कहा, ‘वित्त वर्ष 2020 की तुलना में राजस्व में अच्छी ग्रोथ दर्ज हुई थी। लेकिन रेवन्यू रिकग्निशन चेंजेज के चलते इसे अगले वित्त वर्ष में डाल दिया गया।’ रवींद्रन ने जोर देकर कहा, ‘कोई भी रेवेन्यू लॉस नहीं है, जिसे ऑडिट रिपोर्ट में बताया जा रहा है, बल्कि इसके कारण वित्त वर्ष 2022 में और अधिक ग्रोथ होगी।’

डिलॉयट ने की है कंपनी की ऑडिट
रवींद्रन का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान शिपमेंट में देरी हुई। इसके चलते बहुत से यूजर्स को स्ट्रीमिंग एक्सेस दिया और इसे बदलना पड़ा। दूसरी तरफ क्रेडिट सेल्स और ईएमआई सेल्स भी लॉस का एक बड़ा कारण रहा। बता दें कि इस स्टार्टअप का ऑडिटर डिलॉयट है। डिलॉयट ने कहा कि अकाउंटिंग प्रैक्टिस में बदलावों से ऑनलाइन ट्यूटरिंग प्लेटफॉर्म के राजस्व पर भारी असर पड़ा है। इसके परिणामस्वरूप कंपनी को बड़ा नुकसान हुआ है।
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पिछले कुछ महीने रहे चुनौती भरे
रवींद्रन ने कहा कि फर्म को हुए 4,588 करोड़ रुपये के नुकसान को बायजू और व्हाइटहैट जूनियर (Whitehat Jr) के बीच समान रूप से विभाजित किया गया था, जिसका उसने 2020 में अधिग्रहण किया था। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीने “चुनौतीपूर्ण” रहे हैं। कंपनी को ऑडिटेड अकाउंट्स फाइल करने में देरी के चलते सवालों का सामना करना पड़ा। पिछले महीने भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने बायजूज से पूछा था कि उसने अब तक भी वित्त वर्ष 2021 के फाइनेंशियल अकाउंट्स जमा क्यों नहीं किए।

ऑडिट में हुई देरी
रवींद्रन ने कहा, “ऑडिट में देरी हुई थी… धोखाधड़ी की बातें गलत हैं… कोई गलत रिपोर्टिंग नहीं हुई थी। मैं कई निवेशकों के साथ बताचीत कर रहा हूं। किसी को भी कोई चिंता नहीं है, क्योंकि वे वित्त वर्ष 2021 के आंकड़ों की परवाह नहीं कर रहे हैं। इसके बजाय वे वित्त वर्ष 2022 और 2023 के आगामी आंकड़ों को देख रहे हैं।”

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