CAA Violence: सीएए हिंसा के आरोपियों से वसूला गया था 03.66 लाख का जुर्माना, अब सरकार घर-घर भेजेगी जुर्माने की राशि

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CAA Violence: सीएए हिंसा के आरोपियों से वसूला गया था 03.66 लाख का जुर्माना, अब सरकार घर-घर भेजेगी जुर्माने की राशि

सुमित शर्मा, कानपुर: यूपी में नागरिकता संसोधन कानून (CAA) के खिलाफ जमकर हिंसा भड़की थी। कानपुर में सीएए के विरोध में हिंसा हुई थी। जिसमें तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी। कानपुर के बाबूपुरवा और यतीम खाने में प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया था। जिसमें पुलिस ने 48 प्रदर्शनकारियों को चिह्नित किया था। इनमें से 33 प्रदर्शनकारियों ने जुर्माना जमा किया था। प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों से 03.66 लाख की जुर्माने की राशि वसूली थी। सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की रिकवरी नोटिस को निरस्त कर दिया गया है।

सीएए हिंसा में प्रदर्शकारियों से वसूला गया जुर्माना सरकार वापस करेगी। जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर जुर्माना राशि घर-घर पहुंचाने का आदेश दिया है। तहसीलदार प्रदर्शनकारियों के घर पर चेक पहुंचाएंगे। सोमवार से चेक पहुंचना भी शुरू हो जाएगा। प्रदर्शनकारियों के अधिवक्ता की तरफ से ब्याज समेत जुर्माने का पैसा देने की भी मांग की गई थी।

48 में से 33 आरोपियों ने जमा किए थे पैसे
सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शकारियों ने जमकर उत्पात मचाया था। शहर के इलाकों में हिंसा भड़की थी, जिसमें लाखों की सावर्जनिक संपत्ति का नुकसान हुआ था। शासन ने इस नुकसान की भरपाई आरोपियों से वसूलने का आदेश दिया था। डीएम के नाम पर बैंकड्राफ्ट बनवाकर 33 आरोपियों से जुर्माना वसूला गया था। बेकनगंज और बाबूपुरवा के 48 आरोपियों को एडीएम सिटी की कोर्ट से रिकवरी नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद 33 लोगों ने जुर्माना राशि जमा की थी। बेकनगंज से 21 लोगों ने 02.83 लाख और बाबूपुरवा से 12 लोगों ने प्रतिव्यक्ति 6970 रुपए जमा किए थे। डीएम के खाते में 03.66 लाख रुपये जमा हुए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने रिकवरी को गलत करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रिकवरी नोटिस को निरस्त कर दिया गया था। जिला प्रशासन ने जुर्माना राशि वापस करने का आदेश जारी कर दिया है। चेक के माध्यम से पैसा वापस करने के बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट जानकारी मुहैया कराई जाएगी।

क्या था मामला
कानपुर में बीते 20 दिसंबर को बाबूपुरवा के ईदगाह में नागरिक संशोधन बिल का विरोध कर रहे लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था। इसके बाद चार पहिया और दो पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। इस हिंसा में तीन उपद्रवियों की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद 21 दिसंबर को परेड के यतीमखाना में भी हिंसा भड़क गई थी। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव और देसी बमों और पेट्रोल बम से हमला किया था। इसके साथ ही यतीमखाना चौकी पर खड़े वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। हिंसा में एक सिपाही के कंधे में गोली लगी थी और एक दारोगा का सिर फट गया था।

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