चौथी सालगिरह से पहले मोदी सरकार ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो को दी मंजूरी, देवघर में बनेगा एम्स

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मोदी सरकार की चौथी सालगिरह 26 मई को है ठीक इस बीच केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम नरेन्द्र मोदी कि अगुवाई में कई बड़े फैसले लिए है. इस बैठक में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच निर्माणाधीन मेट्रो रेल लाइन को आज कैबिनेट द्वारा मंजूरी मिल गई है. आपको बता दें कि इस मेट्रो का निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है. बहरहाल, इस लाइन का 70 फीसदी कार्य पूरा हो गया है. और इसी के साथ यह उम्मीदे है कि आने वाले साल तक यह प्रोजेक्ट तैयार भी हो जाएगा.

आपको बता दें कि पीएम नरेन्द्र मोदी कि अगुवाई में हुई इस मीटिंग में 29.70 किलोमीटर लंबे इस मेट्रो प्रोजेक्ट को कैबिनेट की हामी मिल गई है. बहरहाल, केंद्र सरकार के द्वारा इस प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं प्राप्त हुई थी. इसलिए केंद्र सरकार के हिस्से की की राशि इस प्रोजेक्ट में नहीं लगी है. गौरतलब है कि इस कार्य के लिए यूपी सरकार, नोएडा अथॉरिटी और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड द्वारा मिलने वाली रकम से प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य चल रहा है. इस प्रोजेक्ट में करीब 5503 करोड़ रूपये की लगत लगेगी. जैसे ही इस मेट्रो को शुरू होने की हरी झंडी मिल जाएगीं तब से न सिर्फ नोएडा और ग्रेटर नोएडा आने जाने में सुविधा होगी बल्कि दिल्ली से भी ग्रेटर नोएडा सीधे मेट्रो के जरिए जुड़ जाएगा. इससे लोगों को काफी ज्यादा फायद भी होगा. इससे लोगों को ग्रेटर नोएडा कम समय में पहुंचने को मिलेगा.

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वहीं आज ना सिर्फ इस मेट्रो प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है बल्कि केंद्रीय कैबिनेट ने कई अन्य बड़े फैसले भी किये है. डिफेंस सेक्टर को नेटवर्क स्पेक्ट्रम के लिए 11,330 करोड़ मंजूर किए है. वहीं दिल्ली-मुबंई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में लोजिस्टिक हब को मंजूरी दी गई है. सूक्ष्म सिंचाई योजना के लिए 5000 करोड़ रुपए के फंड को मंजूरी दी है. वहीं झारखंड शहर के देवघर ज़िले में नया एम्स तैयार किया जाएगा. इसमें 750 बेड होंगे. कहा यह भी है कि इसे 45 महीने में तैयार किया जाएगा. इसके लिए 1100 करोड़ रुपए की मंजूर दी गई हैं.

जानकारी से यह भी पता चला है कि कैबिनेट की ओर से इससे पहले करीब 20 नए एम्स अस्पताल को मंजूरी दी गई थी. वहीं कृषि विभाग की अलग-अलग योजनाएं चलती थीं, ऐसी 11 योजनाओं को मिलाकर एक नई योजना शुरू करवाई जाएगीं. इस योजना को ‘हरित क्रांति कृष्णोत्ति योजना’ के रूप में लाया जाना है. इस योजना के लिए 33,273 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है.