Captain Amarinder meets Doval : पाकिस्तानी ड्रोन, डोभाल और कैप्टन… समझें क्या है आपस में कनेक्शन
हाइलाइट्स
- कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से की मुलाकात
- उन्होंने इस मुलाकात का मकसद बताते हुए पंजाब के सुरक्षा हालात का जिक्र किया
- ‘पाकिस्तान से लगे होने के कारण पंजाब राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बहुत संवेदनशील’
नई दिल्ली
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के अगले दिन पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। आजकल कैप्टन की हर मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। लिहाजा डोभाल से उनकी मुलाकात को लेकर भी अटकलबाजी शुरू हो गई। आखिर क्यों मुलाकात हुई, क्या बात हुई? इस तरह के सवाल फिजा में तैरने लगे। लेकिन कैप्टन ने खुद ही इन सवालों का जवाब देकर अटकलों पर विराम लगा दिया। कैप्टन ने बताया कि उनकी मुलाकात राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर हुई है खासकर पंजाब में पाकिस्तानी ड्रोन के खतरों पर।
सीएम नहीं हूं, लेकिन पंजाब तो हमारा है: अमरिंदर
कैप्टन अमरिंदर इन दिनों इस बात को जोर देकर कह रहे हैं कि पंजाब सरहदी सूबा है, लिहाजा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बहुत ही संवेदनशील है। उन्होंने सिद्धू के सीएम बनने से रोकने के लिए भी इसी तर्क का इस्तेमाल किया कि सरहदी सूबे में ऐसे किसी शख्स को कमान देना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा होगा। एनएसए डोभाल से मुलाकात के बाद कैप्टन ने न्यूज चैनल एनडीटीवी से बातचीत में कहा, ‘मैं आम तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर मिलता रहता हूं। अब चाहे मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं, लेकिन पंजाब तो हमारा है। जो कुछ भी हो रहा है उससे हम चिंतित हैं। ड्रोन आ रहे हैं, हथियार आ रहे हैं।’
जो ड्रोन हाथ नहीं लग रहे, उनकी चिंता: कैप्टन
कैप्टन ने आगे कहा, ‘मैं पिछले साढ़े 4 सालों से देख रहा हूं। जो ड्रोन हमको मिल जाते हैं, उसमें तो हम देख लेते हैं कि क्या आ गया। जो नहीं मिलते वे कहां गए, किसके हाथ लगे? क्या उद्देश्य है उन हथियारों का, विस्फोटकों का? अब तो बच्चों के टिफिन में भी आरडीएक्स डालने लगे हैं। यह निश्चित तौर पर चिंता की बात है। मैंने तो पंजाब का सबसे बुरा दौर भी देखा है। ब्लू स्टार से पहले और ब्लू स्टार के बाद में जो कुछ हुआ मैं नहीं चाहता कि वह सब हो। 35 हजार पंजाबी मरे, 1700 पुलिसकर्मी मिले। यही वजह है कि राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर बात की।’
पंजाब में परेशानी खड़ा कर रहा है पाकिस्तान
पाकिस्तान से सटे पंजाब के इलाकों में भारत के लिए एक नई तरह ही सुरक्षा चुनौती पैदा हो गई है। यह चुनौती है ड्रोन्स के जरिए हथियारों और ड्रग्स की सप्लाई की। 2019 से ही पाकिस्तान ड्रोन के जरिए खतरनाक हथियारों और विस्फोटकों की सप्लाई कर रहा है। पंजाब की 553 किलोमीटर सीमा पाकिस्तान के साथ सटी हुई है। पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फाजिल्का और फिरोजपुर जिलों की सीमा पाकिस्तान से लगती है। 149 किलोमीटर की सीमा तो ड्रोन घुसपैठ के लिहाज से अति संवेदनशील है।
कांग्रेस नेतृत्व पर सिब्बल के सवालों से भड़के कांग्रेस कार्यकर्ता, घर के बाहर किया प्रदर्शन, बताया बीजेपी का दलाल
ड्रग्स से हथियार तक की हो रही तस्करी
पाकिस्तान छोटे ड्रोन की मदद से एके-47 जैसे खतरनाक हथियारों, विस्फोटकों, ग्रेनेड और नशीले पदार्थों की सप्लाई करता है। आईएसआई, खालिस्तान समर्थकों और आतंकवादियों का खतरनाक कॉकटेल अवैध हथियारों और ड्रग्स की बदौलत भारत में अस्थिरता फैलाने की नापाक कोशिश में लगा है। ज्यादातर मामलों में ये ड्रोन हथियार या मादक पदार्थ गिराकर भागने में कामयाब हो जाते हैं।
हाइलाइट्स
- कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से की मुलाकात
- उन्होंने इस मुलाकात का मकसद बताते हुए पंजाब के सुरक्षा हालात का जिक्र किया
- ‘पाकिस्तान से लगे होने के कारण पंजाब राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बहुत संवेदनशील’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के अगले दिन पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। आजकल कैप्टन की हर मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। लिहाजा डोभाल से उनकी मुलाकात को लेकर भी अटकलबाजी शुरू हो गई। आखिर क्यों मुलाकात हुई, क्या बात हुई? इस तरह के सवाल फिजा में तैरने लगे। लेकिन कैप्टन ने खुद ही इन सवालों का जवाब देकर अटकलों पर विराम लगा दिया। कैप्टन ने बताया कि उनकी मुलाकात राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर हुई है खासकर पंजाब में पाकिस्तानी ड्रोन के खतरों पर।
सीएम नहीं हूं, लेकिन पंजाब तो हमारा है: अमरिंदर
कैप्टन अमरिंदर इन दिनों इस बात को जोर देकर कह रहे हैं कि पंजाब सरहदी सूबा है, लिहाजा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बहुत ही संवेदनशील है। उन्होंने सिद्धू के सीएम बनने से रोकने के लिए भी इसी तर्क का इस्तेमाल किया कि सरहदी सूबे में ऐसे किसी शख्स को कमान देना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा होगा। एनएसए डोभाल से मुलाकात के बाद कैप्टन ने न्यूज चैनल एनडीटीवी से बातचीत में कहा, ‘मैं आम तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर मिलता रहता हूं। अब चाहे मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं, लेकिन पंजाब तो हमारा है। जो कुछ भी हो रहा है उससे हम चिंतित हैं। ड्रोन आ रहे हैं, हथियार आ रहे हैं।’
जो ड्रोन हाथ नहीं लग रहे, उनकी चिंता: कैप्टन
कैप्टन ने आगे कहा, ‘मैं पिछले साढ़े 4 सालों से देख रहा हूं। जो ड्रोन हमको मिल जाते हैं, उसमें तो हम देख लेते हैं कि क्या आ गया। जो नहीं मिलते वे कहां गए, किसके हाथ लगे? क्या उद्देश्य है उन हथियारों का, विस्फोटकों का? अब तो बच्चों के टिफिन में भी आरडीएक्स डालने लगे हैं। यह निश्चित तौर पर चिंता की बात है। मैंने तो पंजाब का सबसे बुरा दौर भी देखा है। ब्लू स्टार से पहले और ब्लू स्टार के बाद में जो कुछ हुआ मैं नहीं चाहता कि वह सब हो। 35 हजार पंजाबी मरे, 1700 पुलिसकर्मी मिले। यही वजह है कि राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर बात की।’
पंजाब में परेशानी खड़ा कर रहा है पाकिस्तान
पाकिस्तान से सटे पंजाब के इलाकों में भारत के लिए एक नई तरह ही सुरक्षा चुनौती पैदा हो गई है। यह चुनौती है ड्रोन्स के जरिए हथियारों और ड्रग्स की सप्लाई की। 2019 से ही पाकिस्तान ड्रोन के जरिए खतरनाक हथियारों और विस्फोटकों की सप्लाई कर रहा है। पंजाब की 553 किलोमीटर सीमा पाकिस्तान के साथ सटी हुई है। पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फाजिल्का और फिरोजपुर जिलों की सीमा पाकिस्तान से लगती है। 149 किलोमीटर की सीमा तो ड्रोन घुसपैठ के लिहाज से अति संवेदनशील है।
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ड्रग्स से हथियार तक की हो रही तस्करी
पाकिस्तान छोटे ड्रोन की मदद से एके-47 जैसे खतरनाक हथियारों, विस्फोटकों, ग्रेनेड और नशीले पदार्थों की सप्लाई करता है। आईएसआई, खालिस्तान समर्थकों और आतंकवादियों का खतरनाक कॉकटेल अवैध हथियारों और ड्रग्स की बदौलत भारत में अस्थिरता फैलाने की नापाक कोशिश में लगा है। ज्यादातर मामलों में ये ड्रोन हथियार या मादक पदार्थ गिराकर भागने में कामयाब हो जाते हैं।