हैदराबाद एनकाउंटर टीम के ऑफिसर ने 2008 में 3 आरोपियों को दी थी ऐसी ही सजा, यह था गुनाह

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हैदराबाद एनकाउंटर टीम के ऑफिसर ने 2008 में 3 आरोपियों को दी थी ऐसी ही सजा, यह था गुनाह

हैदराबाद पुलिस कमिश्नर विश्वनाथ सी सज्जनर की टीम ने शुक्रवार को एक महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के लिए पिछले सप्ताह गिरफ्तार चार कथित बलात्कारियों को एनकाउंटर करके उनके किये की सजा दे दी। आरोपियों का एनकाउंटर सेल्फ डिफेन्स के नियम पर किया गया। कुछ उनकी टीम की इस कार्रवाही को सही ठहरा रहें है और कुछ गलत।

आपको जानकार हैरानी होगी कि विश्वनाथ के लिए यह एनकाउंटर कोई पहला मामला नहीं है। आइये इस टीम को लीड करने वाले विश्वनाथ के बारें में विस्तार से जानते हैं।

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विश्वनाथ अविभाजित आंध्र प्रदेश कैडर से 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी है। वह मूल रूप से कर्नाटक में हुबली के रहने वाले हैं। विश्वनाथ आरोपियों को सजा देने में माहिर है।

ऐसा ही एक केस 2008 का है। दिसंबर 2008 में वारंगल जिले की पुलिस ने एसिड अटैक के मामले में पकड़े जाने के कुछ ही घंटों बाद 20 में तीन युवकों को एनकाउंटर में मार गिराया था। मुख्य आरोपी श्रीनिवास राव और उनके दो सहयोगियों पी हरिकृष्ण और बी संजय को पुलिस ने गोली मारकर उन्हें उनके किये की सजा दे दी थी।

तीनों ने वारंगल में काकतीय प्रौद्योगिकी और विज्ञान संस्थान के दो छात्रों पर कथित रूप से एसिड से हमला किया था। जिस तरह से अभी हालिया हैदराबाद बलात्कार और हत्या के बाद के आक्रोश बढ़ा है ठीक उसी तरह 2008 में भी पुलिस पर त्वरित न्याय देने के लिए दबाव बढ़ रहा था।

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हैदराबाद पुलिस कमिश्नर विश्वनाथ सी सज्जनर

विश्वनाथ सी सज्जनर ने तब भी एनकाउंटर को सेल्फ डिफेन्स बताया था। एनकाउंटर में दावा किया गया था कि तीनों आरोपियों ने पुलिस को एक देश-निर्मित बंदूक से हमला करने की कोशिश की थी। उन तीनो आरोपियों को उसी जगह ले जाया गया था जहाँ पर उन तीनो ने लड़की पर तेज़ाब से हमला किया था। हालांकि कुछ दिन बाद यह मुद्दा शांत हो गया था।

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अविभाजित आंध्र प्रदेश में मुठभेड़ों का एक कुख्यात इतिहास है। राज्य ने 1970 से 1990 के दशक तक नक्सल आंदोलन के चरम के दौरान कई एनकाउंटर हुए। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), अदालतों, सिविल सोसाइटी और मीडिया ने हत्याओं पर सवाल उठाने शुरू कर दिए।

पूरा देश महिला डॉक्टर से रेप के बाद गुस्से में था। सभी फांसी की सजा की मांग कर रहे थे। इस एनकाउंटर पर अब भी सवाल उठ रहे हैं। भले ही इस पर सवाल उठ रहे हैं लेकिन उन दरिंदों जैसी सोच वाले इंसानों को जरूर इससे सबक मिलेगा।