Coroanavirus China: अब कोरोना को रोकने के लिए चीन ने खड़ी की मेटल की दीवारें, बेदर्द चीन को तरस ही नहीं आता

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Coroanavirus China: अब कोरोना को रोकने के लिए चीन ने खड़ी की मेटल की दीवारें, बेदर्द चीन को तरस ही नहीं आता

नई दिल्ली: चीन में शंघाई के कई जिलों में कोरोना वायरस भयंकर फैला हुआ है। चीन कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के नाम पर उन पर अत्याचार कर रहा है। अब जो तस्वीरें और जानकारी बाहर आई हैं वो ये हैं कि चीन शंघाई के कई जिलों में धातु की दीवारें बना रहा है। इस कदम का वहां के लोगों ने विरोध किया था। ऊपर से नीचे तक सफेद रंग की पीपीई किट पहने हुए मजदूर सड़कों, सोसाइटियों, अपार्टमेंट्स के दरवाजों तक में मेटल बैरियर लगा रहा है।

चीन में बेशक कोरोना वायरस के कारण हाहाकार मचा है। लेकिन इसके प्रसार को रोकने के लिए चीन जो तरीके अपना रहा है उनसे वहां के लोग नाराज हैं। इसके खिलाफ लोग सड़कों पर भी उतर चुके हैं। मजदूरों ने सड़कों, आवासीय समुदायों और यहां तक कि कुछ अपार्टमेंट इमारतों के एंट्री गेट को बंद करने के लिए जालीदार तार की बाड़ और धातु की चादरें खड़ी कीं हैं। शहर के 25 मिलियन निवासियों में से अधिकांश को पहले ही एक महीने के लॉकडाउन के दौरान अपने घरों को छोड़ने से रोक दिया गया था। यहां पर लोग किसी तरह का विरोध न कर पाएं इसके लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को भी तैनात किया गया है।

शंघाई के लिए नई हैं बंदिशें
ये सारी बंदिशें शंघाई के लिए नई हैं, लेकिन पूरे चीन में अन्य शहरों में महामारी के दौरान पहले भी तैनात की जा चुकी हैं। उदाहरण के लिए साल 2020 की शुरुआत में बीजिंग के कुछ हिस्सों में धातु की चादरें और बाड़ लगाई थी। वुहान शहर, जहां दिसंबर 2019 में कोविड -19 के पहले मामले सामने आए थे वहां भी शहर भर में धातु के बैरियर लगाए। फेन्सिंग के तरीके अलग-अलग होते हैं, ये वहां की अथॉरिटी तय करती हैं। कभी-कभी सरकार केवल एक या दो प्रवेश द्वारों को छोड़कर, पूरे पड़ोस के ब्लॉक के चारों ओर बाड़ लगा देती है। अन्य मामलों में, वे व्यक्तिगत आवासीय परिसरों के सामने बाड़ का निर्माण करते हैं।

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कोरोना से चीन की स्थिति खराब
कोरोना वायरस के कारण चीन (Coronavirus in China) की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। चीन की सरकार कोरोना को कंट्रोल नहीं कर पा रही, जिसके बाद अब उसने अपने नागरिकों पर क्रूरता शुरू कर दी है। शंघाई में अभी भी लॉकडाउन जारी है। सड़कों पर घूमने वाले ज्यादातर लोग सरकारी कर्मचारी हैं, जो सफेद PPE किट पहने हुए दिख जाएंगे। जीरो कोविड स्ट्रेटेजी के चलते चीन ने नागरिकों पर क्रूरता की सारी हदें पार करनी शुरु कर दी है।

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लोगों के साथ जानवरों जैसा सलूक
शायद चीन अपने नागरिकों को जानवरों की तरह समझता है, इसीलिए सरकारी कर्मचारी लोगों के घरों के बाहर हरे रंग के लोहे के जाल लगा रहे हैं, ताकि वे बाहर न निकल सकें और घरों में कैद रहें। बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों में अपने घरों के बाहर पिंजड़े की तरह जाल लगता देख नागरिक भी डरे हुए हैं। शंघाई के पुडोंग जिले को उच्च जोघिम वाला क्षेत्र घोषित किया गया है। सरकार यहां सख्ती कर रही है तो नागरिक कह रहे हैं कि उनके साथ जानवरों की तरह व्यवहार किया जा रहा है। लोगों ने पूछा कि क्या शंघाई में किसी नेता के घर के बाहर इस तरह की फेंसिंग लगाई जा सकती है? शंघाई के अन्य इलाकों का भी यही हाल है।

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रेस्टोरेंट में लोगों को किया कैद
शंघाई में लोगों पर किस तरह अत्याचार हो रहा है उसका एक वीडिया हाल ही में सामने सामने आया है, जिसमें PPE किट पहने कर्मचारी रेस्टोरेंट के गेट को सील कर रहे हैं। ताकि जो लोग अंदर हैं वह बाहर न आ सकें। रेस्टोरेंट में दो बुजुर्गों को कैद कर दिया गया। वहीं, कर्मचारियों ने उन लोगों पर डंडे भी बरसाए जो भोजन की मांग कर रहे थे। इसके साथ ही सर्विलांस के लिए अब टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। ड्रोन के जरिए नजर रखी जा रही है। वहीं रोबोट कुत्तों के जरिए भी लोगों को घरों में ही रहने को कहा जा रहा है।



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