Corona Cases In India: क्या भारत में आने वाली है चौथी लहर? विशेषज्ञों ने बताया क्यों बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले

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Corona Cases In India: क्या भारत में आने वाली है चौथी लहर? विशेषज्ञों ने बताया क्यों बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले

नई दिल्ली: बीते दिनों में दिल्ली समेत कुछ राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ने (Covid Cases Rise) लगे हैं। ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि कहीं यह कोरोना की चौथी लहर (Fourth Wave Of Corona) के संकेत तो नहीं हैं। इस बीच विशेषज्ञों नें उन तमाम आशंकाओं पर विराम लगाते हुए कहा कि कोविड के मामलों में वृद्धि का मतलब चौथी लहर नहीं है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि दिल्ली और इसके आसपास के शहरों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बीच अस्पतालों में भर्ती होने संबंधी व्यवस्था पर ध्यान दिया जाना चाहिए जो पहले जैसी ही है या फिर इसमें मामूली बदलाव हुआ है।

‘कोरोना प्रतिबंधों को हटाने और स्कूल खोलने से शायद बढ़े मामले’
विशेषज्ञों ने कहा कि राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में संक्रमण के मामलों में वृद्धि का कारण कोविड के चलते लगाए गए प्रतिबंध हटाए जाने, सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि तथा स्कूलों के फिर से खुलने (School Reopen) जैसी चीजें हो सकती हैं। चिकित्सक एवं महामारी विज्ञानी चंद्रकांत लहरिया ने कहा, ‘‘कोविड-19 रोधी सभी प्रतिबंधों को हटाए हुए दो सप्ताह से अधिक समय हो गया है। यह छुट्टी का समय है और लोग आपस में घुल-मिल रहे हैं। यह सामाजिक गतिशीलता और आर्थिक गतिविधियों में भी परिलक्षित होता है जो महामारी से पहले के समय से अधिक हैं।’’

‘दिल्ली में मामलों में वृद्धि चौथी लहर के संकेत नहीं’
चंद्रकांत लहरिया ने कहा, “केवल मामलों की गिनती का कोई मतलब नहीं है, हालांकि दिल्ली में मामले बढ़ रहे हैं। अस्पताल में भर्ती होने संबंधी व्यवस्था अपरिवर्तित है या मामूली रूप से बदली है।” लहरिया ने कहा कि महामारी विज्ञान और वैज्ञानिक साक्ष्यों को देखते हुए दिल्ली में मामलों में मौजूदा वृद्धि चौथी लहर की शुरुआत नहीं है। उन्होंने कहा, “सार्स कोव-2 (SARS Cov-2) लंबे समय तक हमारे साथ रहने वाला है और इसलिए ऐसा कोई समय नहीं आने वाला है जब नए मामले शून्य होंगे।” लहरिया ने कहा कि दुनिया में अभी भी महामारी खत्म नहीं हुई है और यह अनुमान लगाना कठिन है कि नए स्वरूप कब सामने आएंगे तथा उनकी संक्रामकता इत्यादि कैसी होगी।

देश में एक हफ्ते में 21% बढ़े केस, दिल्ली के साउथ डिस्ट्रिक्ट में संक्रमण दर 6% से ऊपर
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में संक्रमण दर सोमवार को 501 नए मामलों के साथ बढ़कर 7.72 प्रतिशत हो गई। अधिकारियों ने कहा कि पिछली बार शहर में संक्रमण दर सात प्रतिशत से अधिक 29 जनवरी (7.4 प्रतिशत) और 28 जनवरी (8.6 प्रतिशत) को थी। यह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को दर्ज की गई भारत की समग्र संक्रमण दर 0.31 प्रतिशत के ठीक विपरीत है जब कोरोना वायरस संक्रमण के 1,247 नए मामले सामने आए।

अमेरिका की संक्रामक रोग विशेषज्ञ अमिता गुप्ता ने कहा कि दिल्ली और कुछ अन्य राज्यों में मामलों में वृद्धि प्रतिबंधों में ढील, महामारी रोधी नियमों का पालन करते-करते हुई ऊब तथा वायरस की उच्च संचरण क्षमता का परिणाम हो सकती है।

‘भारत ने टीकाकरण में अविश्वसनीय काम किया है’
जॉन्स हॉपकिन्स स्कूल ऑफ मेडिसिन में संक्रामक रोग विभाग की प्रमुख और मेडिसिन की प्रोफेसर गुप्ता ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि इससे अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता वाले गंभीर मामलों में बड़ी वृद्धि नहीं होगी।’’ उन्होंने कहा, “इससे वास्तव में मदद मिली है कि भारत ने अपनी आबादी का टीकाकरण (Vaccination In India) करने में एक अविश्वसनीय काम किया है और अब इसे जारी रखना तथा योग्य लोगों को बूस्टर खुराक देना महत्वपूर्ण है।” महामारी की शुरुआत से ही भारत में कोविड-19 के मामलों में उतार-चढ़ाव पर नजर रख रहे मनिंद्र अग्रवाल ने इस बात से सहमति व्यक्त की।

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‘एहतियात बरतने में कमी और मास्क पहनने की अनिवार्या खत्म करना हो सकते हैं कारण’
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (IIT Kanpur) के प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा, “सामाजिक गतिशीलता में वृद्धि, एहतियात बरतने में कमी और मास्क पहनने की अनिवार्यता को खत्म करना कोविड के मामलों में वृद्धि के संभावित कारण हैं।” अग्रवाल ने कहा, “अभी चौथी लहर का भी कोई संकेत नहीं है। इसके लिए कोई नया उत्परिवर्तित स्वरूप चाहिए।” अग्रवाल ने कहा कि मास्क पहनने के निर्देश को वापस लाना एक अच्छा कदम होगा, लेकिन अभी डेटा यह अनुमान जताने के लिए अपर्याप्त है कि भविष्य में देश में कोविड-19 महामारी के मामलों की स्थिति क्या होगी।

‘कोरोना टेस्टिंग में आई गिरावट’
महामारी विज्ञानी रामनन लक्ष्मीनारायण ने कहा कि जैसा कि परीक्षण दर (Covid Testing) में गिरावट आई है, इसलिए यह ज्ञात नहीं है कि बताए जा रहे मामले स्थिति का सही संकेत हैं या नहीं। वाशिंगटन और नई दिल्ली में सेंटर फॉर डिजीज डायनेमिक्स, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी के निदेशक लक्ष्मीनारायण ने कहा, “परीक्षण दर कम हो गई है और हम संभावित रूप से मामलों का पता करने से चूक रहे हैं लेकिन जहां हम महामारी की स्थिति में हैं, वहां मामलों की संख्या के बजाय मैं अस्पताल में भर्ती होने संबंधी व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करूंगा।”



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