Coronavirus In Maharashtra: केस कम होने के साथ महाराष्ट्र में अब नई टेंशन, मरीजों की हड्डियां तक गला रहा ब्लैक फंगस

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Coronavirus In Maharashtra: केस कम होने के साथ महाराष्ट्र में अब नई टेंशन, मरीजों की हड्डियां तक गला रहा ब्लैक फंगस

हाइलाइट्स:

  • महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का संक्रमण कम होने के बीच कई तरह के फंगस बने परेशानी का सबब
  • वायरस की तरह फंगस भी कोविड मरीजों पर हावी हे रहे हैं, ब्लैक फंगस सबसे ज्यादा हो रहा खतरनाक
  • म्युकर माइकोसिस तो कैंसर की तरह मरीजों की हड्डियां तक गला रहा, आसपास की कोशिकाएं भी कर सकता है नष्ट

मुंबई
कोरोना वायरस का संक्रमण महाराष्ट्र में कम होने लगा है। वहीं कोरोना संक्रमितों के लिए कई तरह के फंगस भी परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं। वायरस की तरह फंगस भी कोविड मरीजों पर हावी हे रहे हैं। ब्लैक फंगस (म्युकर माइकोसिस) तो कैंसर की तरह मरीजों की हड्डियां तक गला रहा है। यह अपने आसपास की कोशिकाएं भी नष्ट कर सकता है। इसी तरह एसपरजिलोसिस फंगस भी कोविड मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। महाराष्ट्र में इससे कई मौतें हो चुकी हैं।

जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के पुणे समेत राज्य के अन्य हिस्सों में हर दिन औसतन दो या तीन मरीज म्यूकरमायकोसिस के सामने आ रहे हैं। जबकि कोरोना की पहली लहर में ऐसे मामले न के बराबर रहे थे। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने सोमवार को कहा कि म्यूकोरमाइकोसिस के मरीजों का इलाज राज्य सरकार की प्रमुख चिकित्सा बीमा योजना के तहत मुफ्त में किया जाएगा। म्यूकोरमाइकोसिस एक दुर्लभ कवक (फंगल) संक्रमण होता है जो अब कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियाों में सामने आ रहा है।

महाराष्ट्र में फ्री में होगा इलाज

एक आधिकारिक बयान में टोपे के हवाले से कहा गया है कि म्यूकोरमाइकोसिस रोगियों को महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के तहत कवर किया जाएगा क्योंकि इस कवक संक्रमण से निपटने के लिए जरूरी दवाएं महंगी हैं। बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य योजना के तहत शामिल 1,000 अस्पतालों में ऐसे मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाएगा।

किसमें दिख रहे बीमारी के लक्षण
मंत्री ने कहा कि इस बीमारी के लक्षण उन कोविड-19 रोगियों में देखे जा रहे हैं जो डायबिटीज से पीड़ित हैं और जिनका डायबिटीज नियंत्रण में नहीं है। बयान में कहा गया कि टोपे ने मध्य महाराष्ट्र के जालना में मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत करते हुए यह टिप्पणी की। मंत्री ने कहा कि म्यूकोरमाइकोसिस रोगियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इंजेक्शनों के बारे में शिकायतें हैं कि उन्हें वास्तविक कीमत से अधिक पर बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी दरों पर सीमा तय की जाएगी।

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कैंसर की तरह हड्डियां गला रहा ब्लैक फंगस
म्युकर माइकोसिस फंगस असल में हवा में होता है, जो लकड़ी आदि से निकलता है। सामान्य लोगों की इम्युनिटी सही होती है, जबकि कोविड मरीजों की इम्युनिटी काफी कमजोर हो जाती है। ऐसे में यह फंगस उनके शरीर के किसी भी हिस्से में बढ़ने लगता है। गंभीर संक्रमित बढ़ने से फंगस के मरीज भी बढ़ रहे हैं। इसके अलावा एसपरजिलोसिस के मरीज भी आ रहे हैं, लेकिन यह फंगस इतना जानलेवा नहीं है।

दिमाग तक पहुंच सकता है

डॉक्टरों की माने तो ब्लैक फंगस शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। ज्यादातर यह नाक कान, गले और फेफड़ों में पाया जाता है। फेफड़े में यह गांठ के रूप में विकसित होता है। इससे निपटने के लिए शुरुआत में एंटीफंगल दवाएं दी जाती हैं। इसके बाद भी नियंत्रित न होने पर ऑपरेशन कर गांठ निकाली जाती है। यह फंगस दिमाग तक फंगस पहुंच सकता है। ऐसे स्थिति में मरीज की हालत गंभीर हो जाती है।

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महाराष्ट्र में कोरोना के 37,236 नए मामले, 31 मार्च को आए थे इससे ज्यादा केस
महाराष्ट्र में 31 मार्च के बाद सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सबसे कम 37,236 नए मामले सामने आए, जिससे संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 51,38,973 हो गई। राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, इसी अवधि में 549 रोगियों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 76,398 तक पहुंच गई है। विभाग के मुताबिक, महाराष्ट्र में 31 मार्च को 39,544 नए मामले सामने आए थे। दूसरी तरफ महाराष्ट्र में सोमवार को 61,607 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दी गई, जिसके बाद ठीक हो चुके लोगों की कुल संख्या 44,69,425 हो गई है। राज्य में फिलहाल 5,90,818 एक्टिव केस हैं।



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