Coronavirus India Update : होली तो हो ली, क्या अब कोरोना का खतरा बढ़ रहा है?

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Coronavirus India Update : होली तो हो ली, क्या अब कोरोना का खतरा बढ़ रहा है?

नई दिल्ली: देश में दो साल के बाद टेंशन फ्री भरे माहौल में रंगों का त्योहार मनाया गया। होली पर जमकर रंग बरसे। चेहरे से रंग पूरी तरह से धुला भी नहीं कि दुनियाभर से कोरोना की खबरों ने बेचैन करना शुरू कर दिया है। जी हां, भारत में भले ही कोरोना के नए केस 2,075 आए हैं लेकिन चीन समेत कई देशों में हालात तेजी से बिगड़े हैं। चीन में एक साल के बाद कोरोना वायरस संक्रमण से मौत की पुष्टि की गई है। अमेरिका, दक्षिण कोरिया, हॉन्ग कॉन्ग समेत कई देशों का हाल देखकर क्या भारत को बेफिक्र रहना चाहिए? पहली लहर से अब तक मार्च का महीना काफी निर्णायक रहा है। वैसे भी केंद्र सरकार ने यूं ही राज्यों को अलर्ट नहीं किया है।

केंद्र ने किया आगाह

दक्षिण पूर्व एशिया और यूरोप के कुछ देशों में कोरोना फिर से फैलने लगा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे इन्फ्लूएंज़ा जैसी बीमारी और सांस संबंधी गंभीर संक्रमण की फिर से निगरानी शुरू करें जिससे किसी भी तरह के शुरुआती संकेत नजरअंदाज़ न हो सकें और कोविड नियंत्रण में ही रहे। दरअसल, इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और सांस संबंधी गंभीर संक्रमण के मामलों की जांच सरकार के लिए कोविड मैनेजमेंट के स्तंभ रहे हैं। फिलहाल इसकी जांच रोक दी गई है, क्योंकि भारत में कोविड-19 के मामले काफी कम आ रहे हैं।

अब निगरानी बढ़ाने के तहत दोनों तरह के पीड़ित अस्पताल में भर्ती मरीजों की कोरोना जांच कराई जाएगी और संक्रमित नमूनों को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है कि कोविड वेरिएंट का समय पर पता लगाने के लिए पर्याप्त संख्या में नमूने जमा कराएं। उन्होंने प्रोटोकॉल के अनुसार जांच जारी रखने, सभी सावधानियों का पालन करने और आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को फिर से शुरू करते समय सतर्कता नहीं छोड़ने पर भी जोर दिया। भूषण ने पत्र में कहा कि अगर नए कलस्टर उभर रहे हैं तो प्रभावी निगरानी की जाए और किसी भी तरह के शुरुआती संकेत नज़रअंदाज़ न हों।

केंद्र की चिंता की वजह समझिए
27 मार्च से हवाई जहाज के यात्रियों को लेकर कोविड पाबंदियां पूरी तरह से हटने वाली हैं। हॉन्ग कॉन्ग कोरोना की भयावह लहर की चपेट में है। यहां कोरोना संक्रमित लोगों की कुल संख्या 10 लाख के पार हो गई है। महामारी की इस लहर में चीन की अपेक्षा हॉन्ग कॉन्ग में अधिक लोगों की मौत हुई है। शुक्रवार को संक्रमण के 20,079 नए मामले सामने आए। यहां नौ फरवरी से अब तक करीब 5200 लोगों की कोविड-19 के कारण मौत हो चुकी है।

एशिया में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आगाह किया है। दक्षिण कोरिया की आबादी 5 करोड़ है और इस देश में गुरुवार को रेकॉर्ड 6 लाख से ज्यादा कोरोना के मामले दर्ज किए गए। यहां ओमीक्रोन इस तरह से फैल गया है कि हर 20 में से एक शख्स पॉजिटिव आ रहा है।

यूके में 24 घंटे के भीतर 89 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। उधर, चीन ने कोरोना फैलने के बाद अपनी सीमाओं को बंद कर दिया था और अब तक कोरोना संक्रमण के नियंत्रण में होने का दावा करता आया है। लेकिन अब हालात वहां भी गंभीर हो गए हैं। तीन राज्यों के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन लगाना पड़ा है। तेजी से संक्रमित करने वाला ओमीक्रोन वेरिएंट गंभीर चुनौती पेश कर रहा है।

दुनियाभर में ओमीक्रोन की लहर पहले की लहरों से छह गुना तक बड़ी दिख रही है। चीन में एक हफ्ते पहले तक रोज 100 केस आ रहे थे और अब 1000 से ज्यादा मरीज रोज बढ़ रहे हैं।

भारत में भले ही कोरोना वैक्सीनेशन युद्ध स्तर पर हो रहा है लेकिन हमें सतर्कता बरकरार रखनी होगी। मास्क का प्रयोग जारी रखना होगा। एक्सपर्ट साफ कह रहे हैं कि कोरोना कहीं जाने वाला नहीं है। यह हमारे बीच अभी रहेगा। ओमीक्रोन वेरिएंट और इसका बीए.2 सब वेरिएंट ज्यादा फैल रहा है। वैसे भी, वैक्सीन का असर 6 से 8 महीने तक बताया जाता है। भारत में कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक देने के बाद अब बुजुर्गों को तीसरी खुराक दी जाने लगी है। ऐसे में यह सोचना खतरनाक होगा कि हमने वैक्सीन लगवा ली, अब कोरोना हमारा कुछ नहीं कर पाएगा। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि अमेरिका और यूरोप में नई लहर आ सकती है। भारत में भी एक्सपर्ट कह रहे हैं कि जून तक कोरोना की चौथी लहर आ सकती है। कोई यह कन्फर्म नहीं कर सकता कि अगली लहर कब आएगी लेकिन मास्क और सामाजिक दूरी का पालन करते हुए हम इससे बच जरूर सकते हैं।



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