Covid News: कोविड में अपनों को खोया… अब प्रॉपर्टी ट्रांसफर के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं परिजन

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Covid News: कोविड में अपनों को खोया… अब प्रॉपर्टी ट्रांसफर के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं परिजन

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली: कोविड में अपनों को खोने वाले परिवारों के सामने अब कुछ जटिल समस्याएं खड़ी हैं। ऐसे लोग सबसे अधिक परेशान प्रॉपर्टी ट्रांसफर के लिए हो रहे हैं। सरकारी दफ्तरों के कई चक्कर लगाने के बाद भी इन्हें जानकारियां नहीं मिल रही हैं। इन लोगों की मांग है कि कि कोविड में काफी संख्या में हुई मौतों को देखते हुए सरकार को कैंप लगाकर इस तरह की समस्याओं का समाधान एक जगह करवाना चाहिए।

दरअसल, कोविड की डेल्टा लहर के समय राजधानी में काफी लोगों की मौत हो गई थी। द्वारका सेक्टर-5 के लवली होम अपार्टमेंट में रहने वाली एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि उनका फ्लैट पति के नाम पर था। अचानक बीमारी ने चपेट में लिया और उनकी मौत हो गई। कई चक्कर लगाने के बाद वह हार चुकी हैं। उन्हें नहीं पता चल सका कि प्रॉपर्टी कैसे ट्रांसफर होगी। इस बारे में कई ऐसे जटिल सवाल हैं जिनका जवाब रेवेन्यू डिपार्टमेंट, तहसीलदार या अन्य विभागों के पास भी नहीं हैं। इन्हीं सब में मामला उलझकर रह गया है।

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इसी तरह की समस्या सेक्टर-22 में रह रहीं लतिका को आ रही है। पति की मौत के बाद वह समझ नहीं पा रही हैं कि अब और कितने चक्कर कहां-कहां काटने पड़ेंगे। अब उन्होंने अपना फोकस बच्चे की पढ़ाई पर शुरू कर दिया है। वह रेवेन्यू डिपार्टमेंट और डीडीए के कई चक्कर लगा चुकी हैं। पीड़ित लोगों के अनुसार, जब भी वे इस काम के लिए किसी विभाग में जाते हैं तो उन्हें कोई अन्य बात कहकर दूसरे विभाग में भेज देते हैं।

किस तरह की हैं दिक्कतें
इस मामले में लोगों के सामने अब कई तरह के सवाल आ रहे हैं। इनमें फ्लैट डीडीए का है या सोसायटी फ्लैट है, फ्लैट फ्री होल्ड है या नहीं, फ्लैट मालिक ने नॉमिनी बनाया है या नहीं, फ्लैट जॉइंट होल्डर तो नहीं है, अगर जॉइंट नाम पर है और दोनों मालिकों की मौत हो चुकी है तो क्या होगा? लोगों को नहीं पता चल पा रहा कि इन सब सवालों के जवाब उन्हें कहां से मिलेंगे। इन सब के बीच मौके का फायदा उठाने के लिए कुछ बिचौलिए भी सक्रिय हो चुके हैं। यही वजह है कि इस समय पुलिस रिकॉर्ड में भी प्रॉपर्टी से संबंधित मामले बढ़ रहे हैं। कोविड में जो लोग अपनों को खो चुके हैं उनमें कई परिवार ऐसे हैं, जो अब प्रॉपर्टी बेचकर गांव या छोटे शहरों में शिफ्ट हो जाना चाहते हैं, ताकि परिवार पाल सकें। लेकिन इस समस्या के चलते प्रॉपर्टी भी नहीं बिक पा रही।

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क्या कहते हैं अधिकारी
जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार, ऐसे मामलों में लोगों को सबसे पहले जिस जगह वह प्रॉपर्टी है वहां के एसडीएम से मिलना होगा। संबंधित एसडीएम उन्हें सर्टिफिकेट जारी करेंगे जिसमें प्रॉपर्टी से संबंधित सभी जानकारी होगी और यह भी उल्लेख होगा कि प्रॉपर्टी के कितने पार्टनर हैं। इसके बाद ही संबंधित प्रॉपर्टी ट्रांसफर हो पाएगी। अधिकारियों के अनुसार, ऐसे मामलों में कई तरह की पेचीदगियां देखने को मिलती हैं। हालांकि ऐसे मामलों में यह भी देखा जाता है कि मृतक पर कोई लोन या उधार तो नहीं है। अगर ऐसा होता है तो प्रॉपर्टी का इस्तेमाल उधार चुकाने के लिए किया जा सकता है।

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