Dacoit Jagan Gurjar : वसुंधरा के महल को उड़ाने की धमकी दे चुका 11 लाख का इनामी डकैत फिर चर्चा में, अब MLA को डरा रहा

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Dacoit Jagan Gurjar : वसुंधरा के महल को उड़ाने की धमकी दे चुका 11 लाख का इनामी डकैत फिर चर्चा में, अब MLA को डरा रहा

धौलपुर : दशकों से चम्बल का बीहड़ डाकुओं की शरणस्थाली के लिए मुफीद माने जाते रहे और यह बीहड़ डकैतों के अपराध के गवाह भी हैं। इस बीहड़ में काफी इनामी डकैतों ने पनाह लेकर अपना आतंक और साम्राज्य बढ़ाया। इसी बीहड़ में कभी पनाह लेकर डकैती की दुनिया में दाखिल हुआ धौलपुर इलाके का सबसे बड़ा डकैत, जिसका नाम था जगन गुर्जर (Dacoit Jagan Gurjar)। इसके खौफ की स्थिति ये थी एक समय गांव में शादियां नहीं होती थीं। जानकारी के मुताबिक, अपने जीजा का बदला लेने के लिए उसने पहली बार बन्दूक उठाई और फिर कुख्यात डकैत बन गया।

जगन गुर्जर के नाम से कांपते थे लोग

एक वक्त था जब जगन गुर्जर के डर से गांवों में लोग शादियां तक नहीं करते थे। उसके आतंक से ग्रामीण कांपते थे, जो भी इसके खिलाफ बोलने की कोशिश करता था उसे जगन गुर्जर अपने तरीके से सजा देता था। लंबे अरसे के बाद 2010 में जगन के गांव भवूतिपुरा में कोई शादी हुई। ये शादी जगन के बड़े भाई की बेटी की थी, जिसे जगन ने गोद ले रखा था। इस शादी में कन्यादान करने के लिए जगन पेरोल पर बाहर आया था। बेटी का कन्यादान करने के बाद उसने ऐलान किया कि अब वो कोई अपराध नहीं करेगा।

जगन गुर्जर ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के महल को उड़ाने की दी थी धमकी
जगन गुर्जर वैसे तो हमेशा सुर्खियों में रहा लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के महल को उड़ाने की धमकी देने के बाद वो और ज्यादा चर्चित हो गया। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए भरसक प्रयास किए मगर वह कभी भी पुलिस के हाथ नहीं आया। 2008 में राजस्थान में गुर्जर आंदोलन शुरू हो गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस आंदोलन को दबाने की भरपूर कोशिश की। इसी दौरान जगन गुर्जर भी इस आंदोलन में कूद गया। उसने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के धौलपुर वाले महल को बम से उड़ाने की धमकी दे दी। फिर तो पुलिस हरकत में आई और उसने जगन पर 11 लाख रुपये का इनाम रख दिया। इसके बाद जगन चंबल का सबसे बड़ा डकैत बन गया।

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जब जगन ने खुद किया सरेंडर

जगन ने 12 जून 2019 को धौलपुर के बाड़ी कस्बे में सरकारी अस्पताल के सामने सरेआम दुकानदारों को पीटा और उनकी दुकानें उजाड़ दीं। भरे बाजार में अंधाधुंध फायरिंग की। इतना ही नहीं, उसने करणसिंह का पुरा गांव में महिलाओं के साथ मारपीट की और उन्हें गांव में घुमाया। इस वारदात के बाद से ही पुलिस जगन की तलाश में चंबल में कॉम्बिंग कर रही थी। चंबल में पुलिस और डकैतों के बीच कई बार मुठभेड़ भी हो चुकी थी, लेकिन जगन पुलिस के हाथ नहीं लग पा रहा था। 28 जून को भी सफलता पुलिस को नहीं लगी, बल्कि जगन ने खुद से ही सरेंडर कर दिया।

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1994 में पत्नी और भाइयों के साथ बनाया था डकैत का गैंग
जगन गुर्जर धौलपुर के डांग के भवूतीपुरा का ही रहने वाला है। 1994 में उसके जीजा की हत्या हो गई थी। इसी हत्या का बदला लेने के लिए उसने गांव के ही एक आदमी का कत्ल कर दिया। पुलिस से बचने का कोई उपाय न देखकर वो अपनी पत्नी और तीन भाइयों के साथ चंबल में उतर गया। उसने अपना गैंग बना लिया और डकैती शुरू कर दी। जगन ने अपनी पत्नी और भाइयों के साथ मिलकर राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में फैले चंबल में अपनी धाक जमा ली और वहां का बादशाह बन गया। उसका खौफ इतना था कि उसके गांव में करीब 10 सालों तक कोई शादी नहीं हुई थी। खुद जगन के पिता गांव छोड़कर चले गए थे। गांव के अधिकांश लोग भी जगन की दहशत की वजह से गांव से भाग गए थे।

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2001 में पहली बार किया सरेंडर
जगन ने जब 1994 में डकैती की शुरुआत की थी, तो उसके गैंग में उसकी पत्नी और चार भाई थे। धीरे-धीरे इस गैंग में कुल 25 लोग हो गए, जिनमें एक महिला कोमेश गुर्जर भी थी। बाद में कोमेश जगन की प्रेमिका बन गई। एक डकैती के दौरान पुलिस और डकैतों की मुठभेड़ हो गई। दोनों तरफ से हुई फायरिंग में कोमेश को गोली लग गई। किसी तरह से जगन गुर्जर पुलिस को चकमा देते हुए कोमेश को धौलपुर के एक नर्सिंग होम में ले गया। इलाज चल ही रहा था कि पुलिस को भनक लग गई। पुलिस पहुंची और कोमेश को गिरफ्तार कर लिया। कोमेश की गिरफ्तारी से परेशान होकर जगन ने हथियार डालने की शर्त रखी। कहा कि अगर उसे अपनी प्रेमिका के साथ रहने दिया जाए, तो वो सरेंडर कर देगा। पुलिस ने बात मान ली। फिर साल 2001 में धौलपुर के एसपी रहे बीजू जॉर्ज जोसेफ के सामने जगन ने सरेंडर कर दिया। उसे जेल भेज दिया गया।

जगन 2005 में जमानत पर जेल से बाहर आ गया। उसकी प्रेमिका कोमेश भी बाहर आ गई। जेल से छूटने के बाद कोमेश ने तो अपराध का रास्ता छोड़ दिया, लेकिन जगन अपने भाइयों लालसिंह, पान सिंह और पप्पू के साथ फिर से डकैत बन गया और कई अपराध किए।

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सचिन पायलट के सामने किया था दूसरी बार सरेंडर
2009 में जब सचिन पायलट केंद्र में मंत्री थे, जगन गुर्जर ने उनके सामने सरेंडर कर दिया था। 11 लाख रुपये का इनाम घोषित होने के बाद राजस्थान की पुलिस जगन के पीछे पड़ गई। मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की पुलिस भी जगन की तलाश में लग गई। कोई चारा न देखकर जगन ने 30 जनवरी, 2009 को कैमरी गांव के जगन्नाथ मेले में कांग्रेस नेता और केंद्र में मंत्री रहे सचिन पायलट के सामने आत्मसमर्पण किया। उसके साथ उसके पूरे गैंग ने भी हथियार डाल दिए।

मार्च 2017 में जेल से छूटा और सियासत में उतर गया
करीब 8 साल तक जेल में रहने के बाद 6 मार्च, 2017 को जगन गुर्जर को राजस्थान हाई कोर्ट से जमानत मिल गई। अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज 70 में से 69 मामलों में जगन गुर्जर बरी हो गया। एक मामला था, जिसमें जगन को हाई कोर्ट से 10 साल की सजा मिली थी। ये मामला पुलिस मुठभेड़ से जुड़ा था, जिसमें बाड़ी कोर्ट ने उसे सजा सुनाई थी। जगन के जेल से बाहर आने के बाद ही धौलपुर में विधानसभा का उपचुनाव होना था। इस उपचुनाव में जगन ने अपनी पत्नी ममता को निर्दलीय चुनावी मैदान में उतार दिया। नतीजा आया, तो ममता बुरी तरह से चुनाव हार गई। जगन की पत्नी ममता 2017 में धौलपुर विधानसभा का उपचुनाव लड़ी और हार गई। इसके बाद जगन फिर से डकैती करने लगा। एक बार फिर से पुलिस ने उसके ऊपर 5000 रुपये का इनाम घोषित कर दिया।

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तीसरी बार किया सरेंडर और फिर जमानत पर आ गया बाहर
अगस्त 2018 में जगन ने आईजी मालिनी अग्रवाल के सामने हथियार डाल दिए। ये तीसरी बार था, जब जगन ने सरेंडर किया था। जेल से बाहर आने के बाद जगन लोगों से चौथ वसूली करने लगा था। कई लोगों के साथ मारपीट की थी और हत्या की धमकी दी थी। कई जगहों पर फायरिंग भी की थी, जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुट गई थी। जब जगन को लगा कि पुलिस से बचना मुश्किल है तो 19 अगस्त, 2018 की शाम को जगन ने फिर से सरेंडर कर दिया। इसके बाद फिर जेल से छूटा तो 27 जून 2019 को चौथी बार सरेंडर किया। 12 जनवरी को जेल से वीडियो वायरल कर जेलर को जान से मारने की धमकी दे डाली, उसके बाद उसे अजमेर जेल भेज दिया गया।

दिसंबर 2021 को जगन गुर्जर फिर से जमानत पर बाहर आया
दिसंबर 2021 में जेल से बाहर आते ही जगन गुर्जर ने फिर से आतंक मचाना शुरू कर दिया। जिसका विरोध बाड़ी विधायक ने किया था। 22 जनवरी 2022 को जगन गुर्जर ने एक वीडियो वायरल किया जिसमें वह विधायक को जान से मारने की धमकी दी। साथ ही उसने वर्तमान एसपी ओर पूर्व एसपी से अशिष्ट भाषा का प्रयोग किया था। जिसके जवाब में बाड़ी विधायक ने कहा कि इसकी बंदूक से गोली निकलेगी तो मेरी बन्दूक से पानी नहीं निकलेगा। 25 जनवरी को जगन ने फिर से दो वीडियो वायरल किए जिसमें जगन गुर्जर ने बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को खुली चुनौती दी। इसी वायरल वीडियो के बाद पुलिस जगन गुर्जर को तलाशने में लग गई। जगन गुर्जर को पकड़ने के लिए पुलिस ने बीहड़ों और एमपी में कई जगह दबिश दी। जगन गुर्जर पर भरतपुर रेंज आईजी की तरफ से 10 हजार रुपये ओर धौलपुर एसपी की तरफ से 5 हजार रूपये का इनाम घोषित कर दिया है।

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