Delhi Corona : इतनी मौतों के बाद भी कोविड प्रॉटोकॉल नहीं मान रहे लोग, दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा- लापरवाहों को सिखाएं सबक

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Delhi Corona : इतनी मौतों के बाद भी कोविड प्रॉटोकॉल नहीं मान रहे लोग, दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा- लापरवाहों को सिखाएं सबक

हाइलाइट्स:

  • दिल्ली में लॉकडाउन की पाबंदियां वापस ली जाने लगीं तो लोग लापरवाह हो गए
  • बाजारों, मॉलों, दफ्तरों आदि में उमड़ी भीड़ देखकर दिल्ली हाई कोर्ट नाराज है
  • हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा है

नई दिल्ली
लापरवाही के कारण आई दूसरी लहर में चहुंओर हाहाकार मचने के बावजूद लोगों ने सबक नहीं लिया है। पाबंदियों में ढील मिलते ही लोग झुंड में इकट्ठा हो जा रहे हैं। हैरत की बात है कि वो मास्क पहनने की भी जहमत नहीं उठा रहे। दिल्ली हाई कोर्ट ने आम लोगों के इस व्यवहार पर आपत्ति जताते हुए मामले को स्वतः संज्ञान में ले लिया है। हाई कोर्ट ने आज इन मुद्दों पर सुनवाई करते हुए कड़ी टिप्पणियां की हैं और शासन-प्रशासन को इस दिशा में कठोर कदम उठाने का आदेश दिया है।

केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस

हाई कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार के अलावा दिल्ली पुलिस को भी नोटिस जारी किया है और उनसे स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। हाई कोर्ट बाजार की उन तस्वीरों और वीडियोज से परेशान हो उठा जिनमें लोगों की हुजूम उमड़ पड़ी है। ये फोटो और वीडियो वॉट्सऐप आदि पर खूब घूम रहे हैं। हाई कोर्ट खासकर इस बात से खासा नाराज है कि भीड़ में शामिल कई लोग मास्क भी नहीं पहन रहे हैं और कोविड-19 प्रॉटोकॉल की धज्जियां उड़ाते हुए बेफिक्र टहल रहे हैं।

वायरल हो रही तस्वीरों से चढ़ा हाई कोर्ट का पारा

दिल्ली हाई कोर्ट ने इन तस्वीरों को देखकर गहरी नाराजगी जताई है और लापरवाह लोगों के खिलाफ कड़े ऐक्शन लेने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर लोगों को सबक नहीं सिखाया गया तो दिल्ली में कोरोना की अगली लहर भी आ जाएगी और फिर से जान-माल का भारी नुकसान होगा। हाई कोर्ट ने इस बात चिंता जताई है कि एक तरफ लोग लापरवाही बरत रहे हैं तो दूसरी तरफ शासन-प्रशासन भी पर्याप्त कदम उठाता नहीं दिख रहा है।

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सख्त से सख्त ऐक्शन ले प्रशासन

जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस आशा मेनन की वेकेशन बेंच ने यह आदेश पारित किया है। मामले को अगली सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस की बेंच के सामने लगवा दिया है। कोर्ट ने कहा, हमने देखा है कि लोग न तो ढंग से मास्क लगा रहे हैं और न भीड़भाड़ वाली जगहों पर सामाजिक दूरी जैसे नियमों का पालन हो रहा है। हम तो बाजारों में भीड़ की तस्वीरें देखकर हैरान रह गए। अथॉरिटीज को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जो नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। दूसरी लहर के दौरान कोरोना ने दिल्ली में जो ‘कोहराम’ मचाया, उसका जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा कि जनता अगर नियम का पालन नहीं करना चाहती, तो उसे नियम का पालन करना सिखाना पड़ता है। उन्हें जब पालन करने की आदत पड़ जाएगी, तब यह उनके व्यवहार में शामिल होने लगेगा।

वकीलों ने सुनाया हाल

इस बीच एडवोकेट संजीव सभरवाल ने चांदनी चौक में लग रही भीड़ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हर दुकान के आगे जुटी भीड़ देखकर वह हैरान रह गए। एक वकील ने रोहिणी के सब रजिस्ट्रार ऑफिस का उदाहरण दिया और बताया कि सरकारी दफ्तरों तक का यही हाल है। जनता ने तो मास्क और सामाजिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन करना बंद कर ही दिया है, अथॉरिटीज की ओर से भी उन्हें ऐसा करने के लिए नहीं कहा जा रहा। ऐसे में तीसरी लहर आई तो स्थिति पिछली बार से ज्यादा भयावह हो सकती है। बेंच ने कोर्ट के माहौल का जिक्र किया। बेंच ने कहा कि ठीक यही हाल अदालतों का है।

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ढील मिली तो बेपरवाह हो गए लोग

ध्यान रहे कि दिल्ली समेत देश के कई प्रदेशों में कोविड-19 की दूसरी लहर कमजोर पड़ने के कारण पाबंदियां वापस ली जा रही हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 13 जून को अनलॉक प्लान 2 की घोषणा की थी। अगले दिन यानी 14 जून से दिल्ली में ऑफिस, बाजार, मॉल, मार्केट प्लेस, रेस्तरां आदि को खोल दिए गए हैं। दिल्ली मेट्रो समेत परिवहन के अन्य साधन भी सीमित पाबंदियों के साथ संचालित हो रहे हैं। लेकिन, लोग सावधानी बरतते नहीं दिख रहे हैं और ऐसे लोगों की संख्या अच्छी-खासी है। यही वजह है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में खुद ही दखल दी है।

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सांकेतिक तस्वीर।

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