DGCA action on SpiceJet: Spicejet की 50% उड़ानों पर रोक…आपने भी पहले से बुक कराया है टिकट तो जानिए क्या होगा

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DGCA action on SpiceJet: Spicejet की 50% उड़ानों पर रोक…आपने भी पहले से बुक कराया है टिकट तो जानिए क्या होगा

DGCA action on SpiceJet: Spicejet की 50% उड़ानों पर रोक…आपने भी पहले से बुक कराया है टिकट तो जानिए क्या होगा

नई दिल्ली: एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट (SpiceJet) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए (DGCA) ने स्पाइसजेट के विमानों में आई तकनीकी गड़बड़ी के मद्देनजर अगले आठ हफ्तों तक उसकी 50 फीसदी उड़ानों पर रोक लगा दी है। यानी अगले करीब दो महीने तक स्पाइसजेट को आधी उड़ानों से ही काम चलाना पड़ेगा। इससे उन यात्रियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं जो स्पाइजेट की फ्लाइट्स की टिकट बुक करा चुके हैं। डीजीसीए ने स्पाइसजेट की गर्मियों के लिए स्वीकृत उड़ानों की संख्या आठ हफ्तों तक 50 फीसदी कर दी है। यह व्यवस्था आज से ही लागू हो गई है। डीजीसीए ने साथ ही कहा है कि इन आठ हफ्तों के दौरान एयरलाइन पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। यानी अगर कुछ गड़बड़ी हुई तो एयरलाइन पर और सख्त कार्रवाई हो सकती है। संभव है कि ऐसी स्थिति में उसकी सभी उड़ानों पर रोक लगा दी जाए।

स्पाइसजेट के विमानों में 19 जून से 11 जुलाई के बीच तकनीकी खराबी के कम से कम नौ मामले आए। डीजीसीए ने छह जुलाई को एयरलाइन को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया था कि खराब इंटरनल सेफ्टी इंस्पेक्शन और रखरखाव की कमी की वजह से सेफ्टी स्टैंडर्ड्स में कमी आई है। स्पाइसजेट मार्केट शेयर के हिसाब से इंडिगो (Indigo) और गो फर्स्ट (Go First) के बाद देश की तीसरी सबसे बड़ी एयरलाइन है। इसकी बाजार हिस्सेदारी 9.5 फीसदी है। कंपनी पिछले 17 साल से फ्लाइट्स ऑपरेट कर रही है लेकिन हाल के दिनों में उस पर कई तरह के सवाल उठे हैं।

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क्वालिटी में भी पिछड़ी
तकनीकी गड़बड़ी के अलावा क्वालिटी के मामले में भी स्पाइसजेट पिछड़ रही है। मई के आंकड़ों के मुताबिक स्पाइसजेट के 53,707 यात्रियों को उस महीने परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्हें बोर्डिंग नहीं दी गई, फ्लाइट कैंसल हो गई या दो घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा। इंडिगो के मामले में यह संख्या करीब 51 हजार थी जबकि इंडिगो की उड़ानों की संख्या स्पाइसजेट से छह गुना अधिक है। स्पाइसजेट में सफर करने वाले प्रति 10 हजार यात्रियों में से 466 को समस्याओं का सामना करना पड़ा। जनवरी 2020 में स्पाइसजेट का मार्केट शेयर 16.6 फीसदी था जो अब काफी घट गया है। आंकड़ों के मुताबिक मई में 11,52,182 यात्रियों ने स्पाइसजेट की फ्लाइट्स में उड़ान भरी।

स्पाइसजेट को पिछली नौ तिमाहियों में से सात में घाटा हुआ है। महामारी के कारण एविएशन सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ लेकिन स्पाइसजेट उससे पहले से ही वित्तीय समस्या से जूझ रही थी। फंड की कमी के कारण कंपनी के कामकाज पर भी असर हुआ। कंपनी ने विमानों की मरम्मत और रखरखाव के लिए कम फंड जारी किया। इसी कारण हाल में कंपनी के विमानों में तकनीकी गड़बड़ी के कई मामले सामने आए हैं। इनमें से कई मामले तो ऐसे हैं जिनमें यात्रियों की जान बाल-बाल बची है।

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यात्रियों का क्या होगा
हालांकि स्पाइसजेट का कहना है कि डीजीसीए की कार्रवाई से उसके ऑपरेशन पर कोई असर नहीं होगा। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि हमें डीजीसीए का आदेश प्राप्त हो गया है और हम नियामक के निर्देशों के अनुसार काम करेंगे। कम हवाई यात्राओं का समय होने के कारण, स्पाइसजेट ने अन्य एयरलाइनों की तरह अपने उड़ान संचालन को पहले ही पुनर्निर्धारित कर दिया था। इसलिए, हमारे उड़ान संचालन पर बिल्कुल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

प्रवक्ता ने कहा कि जिन यात्रियों ने हमारे फ्लाइट्स में टिकट बुक की है, उन्हें किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। हम अपने यात्रियों और यात्रा भागीदारों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि आने वाले दिनों और हफ्तों में हमारी उड़ानें निर्धारित समय के अनुसार चलेंगी। इस आदेश के परिणामस्वरूप कोई उड़ान रद्द नहीं होगी। डीजीसीए का यह अवलोकन बहुत उत्साहजनक है कि स्पाइसजेट घटनाओं की प्रवृत्ति को रोकने के लिए उपाय कर रहा है। हम नियामक के मार्गदर्शन में काम करना जारी रखेंगे।

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