Employees Provident Fund: अपने EPF खाते के बारे में ये 10 फैक्ट जानते हैं आप?

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Employees Provident Fund: अपने EPF खाते के बारे में ये 10 फैक्ट जानते हैं आप?

हाइलाइट्स

  • EPF में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों की ओर से योगदान
  • कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12-12 फीसदी योगदान
  • नियोक्ता के 12% में से 8.33% जाता है इंप्लॉइज पेंशन स्कीम में

नई दिल्ली
कर्मचारियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि (Employees’ Provident Fund or EPF) की शुरुआत की गई। संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की कंपनी की ओर से यह खाता खोला जाता है। EPF में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों की ओर से योगदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12-12 फीसदी रहता है। हालांकि नियोक्ता की ओर से जाने वाले 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी इंप्लॉइज पेंशन स्कीम में जाता है, जबकि बाकी 3.67 फीसदी EPF में।

EPF के बारे में वैसे तो काफी कुछ जानकारी सभी के पास है लेकिन कुछ ऐसे फैक्ट भी हैं, जिनके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है। इस रिपोर्ट में हम आपके लिए ईपीएफओ एफएक्यू से कुछ ऐसे ही कम प्रचलित फैक्ट्स लेकर आए हैं…

  1. 1. क्या नियोक्ता कर्मचारी की सैलरी से अपने द्वारा किया जाने वाला पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन काट सकता है?
    नहीं, इसकी अनुमति नहीं है। ऐसा कोई भी डिडक्शन कानूनी अपराध है।
  2. 2. क्या EPF में पेमेंट का हवाला देकर नियोक्ता कर्मचारी के वेतन को घटा सकता है?
    नहीं, यह विशेष रूप से ईपीएफ एंड एमपी एक्ट, 1952 के सेक्शन 12 के तहत प्रतिबंधित है।
  3. 3. क्या एक डेली रेटेड कर्मचारी या पीस रेटेड कर्मचारी ईपीएफ का सदस्य बन सकता है?
    हां
  4. 4. अगर किसी कर्मचारी को डेली बेसिस पर या पीस रेट बेसिस पर वेतन मिलता है तो पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन कैसे निर्धारित होता है?
    पीएफ के लिए ड्यू कॉन्ट्रीब्यूशन को निर्धारित करने के लिए एक कैलेंडर माह में कर्मचारी को दिए गए वेतन को लिया जाता है।
  5. 5. क्या ईपीएफओ मेंबर, नियोक्ता द्वारा पीएफ ड्यू के देरी से डिपॉजिट पर पूरा ब्याज पाने का हकदार है?
    पीएफ खाते में ड्यू अमाउंट आने के बाद पीएफ मेंबर को हर ड्यू माह के लिए पूरा ब्याज दिया जाता है और इससे पीएफ खाते में डाले गए कॉन्ट्रीब्यूशंस पर ड्यू ब्याज प्रभावित नहीं होता है। देरी से पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन के मामले में नियोक्ता पर ईपीएफ एक्ट के सेक्शन 7क्यू के तहत जुर्माना पीनल इंट्रेस्ट और सेक्शन 14बी के तहत पीनल डैमेजेस चार्ज किए जाएंगे।
  6. 6. अगर कर्मचारी पर कंपनी का कोई बकाया है तो क्या नियोक्ता, कर्मचारी को भुगतान किए जाने वाले पीएफ अमाउंट से कोई बकाया रिकवर कर सकता है?
    नहीं, यह पूरी तरह प्रतिबंधित है।
  7. अगर कोई कंपनी दिवालिया हो जाए या कारोबार समेट ले, तो क्या पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशंस को अन्य कर्जों के मुकाबले प्राथमिकता देते हुए भुगतान किया जाएगा?
    हां
  8. क्या कर्मचारी अपने पीएफ में अपनी ओर से कॉन्ट्रीब्यूशन को बढ़ाकर 12 फीसदी से ज्यादा कर सकता है?
    हां, कर्मचारी बेसिक सैलरी के 12 फीसदी कॉन्ट्रीब्यूशन से ज्यादा कॉन्ट्रीब्यूशन अपनी ओर से पीएफ अकाउंट में कटवा सकता है। इसे वॉलंटरी कॉन्ट्रीब्यूशन कहते हैं। पीएफ में वॉलंटरी प्लस अनिवार्य दोनों तरह का कॉन्ट्रीब्यूशन मिलाकर प्रति माह 15000 रुपये तक ही हो सकता है। लेकिन याद रहे कि नियोक्ता की ओर से कॉन्ट्रीब्यूशन 12 फीसदी ही रहेगा। अगर कर्मचारी उच्च सैलरी के मामले में 15000 रुपये की लिमिट से ज्यादा कॉन्ट्रीब्यूशन करना चाहता है तो उसे एपीएफसी/आरपीएफसी से नियमों के अनुरूप अनुमति लेनी होगी।
  9. क्या कर्मचारी अपने नियोक्ता से कॉन्ट्रीब्यूशन की रिकवरी दिखाने की मांग कर सकता है?
    हां, हर ईपीएफ मेंबर का कॉन्ट्रीब्यूशन कार्ड, फॉर्म 3—ए/ईसीआर कॉपी में नियोक्ता से मांगा जा सकता है।
  10. अगर किसी इंप्लॉई को पीएफ मेंबरशिप नहीं दी गई है, तो उसे किससे बात करनी होगी?
    कर्मचारी सबसे पहले अपने नियोक्ता से बात कर सकता है। नियोक्ता की ओर से कुछ न किए जाने पर कर्मचारी निकटतम पीएफ कार्यालय के क्षेत्रीय प्रोविडेंट फंड कमिश्नर को अप्रोच कर सकता है।
  1. क्या नियोक्ता कर्मचारी की सैलरी से अपने द्वारा किया जाने वाला पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन काट सकता है?
    नहीं, इसकी अनुमति नहीं है। ऐसा कोई भी डिडक्शन कानूनी अपराध है।
  2. क्या EPF में पेमेंट का हवाला देकर नियोक्ता कर्मचारी के वेतन को घटा सकता है?
    नहीं, यह विशेष रूप से ईपीएफ एंड एमपी एक्ट, 1952 के सेक्शन 12 के तहत प्रतिबंधित है।
  3. क्या एक डेली रेटेड कर्मचारी या पीस रेटेड कर्मचारी ईपीएफ का सदस्य बन सकता है?
    हां
  4. अगर किसी कर्मचारी को डेली बेसिस पर या पीस रेट बेसिस पर वेतन मिलता है तो पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन कैसे निर्धारित होता है?
    पीएफ के लिए ड्यू कॉन्ट्रीब्यूशन को निर्धारित करने के लिए एक कैलेंडर माह में कर्मचारी को दिए गए वेतन को लिया जाता है।
  5. क्या ईपीएफओ मेंबर, नियोक्ता द्वारा पीएफ ड्यू के देरी से डिपॉजिट पर पूरा ब्याज पाने का हकदार है?
    पीएफ खाते में ड्यू अमाउंट आने के बाद पीएफ मेंबर को हर ड्यू माह के लिए पूरा ब्याज दिया जाता है और इससे पीएफ खाते में डाले गए कॉन्ट्रीब्यूशंस पर ड्यू ब्याज प्रभावित नहीं होता है। देरी से पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन के मामले में नियोक्ता पर ईपीएफ एक्ट के सेक्शन 7क्यू के तहत जुर्माना पीनल इंट्रेस्ट और सेक्शन 14बी के तहत पीनल डैमेजेस चार्ज किए जाएंगे।
  6. अगर कर्मचारी पर कंपनी का कोई बकाया है तो क्या नियोक्ता, कर्मचारी को भुगतान किए जाने वाले पीएफ अमाउंट से कोई बकाया रिकवर कर सकता है?
    नहीं, यह पूरी तरह प्रतिबंधित है।
  7. अगर कोई कंपनी दिवालिया हो जाए या कारोबार समेट ले, तो क्या पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशंस को अन्य कर्जों के मुकाबले प्राथमिकता देते हुए भुगतान किया जाएगा?
    हां
  8. क्या कर्मचारी अपने पीएफ में अपनी ओर से कॉन्ट्रीब्यूशन को बढ़ाकर 12 फीसदी से ज्यादा कर सकता है?
    हां, कर्मचारी बेसिक सैलरी के 12 फीसदी कॉन्ट्रीब्यूशन से ज्यादा कॉन्ट्रीब्यूशन अपनी ओर से पीएफ अकाउंट में कटवा सकता है। इसे वॉलंटरी कॉन्ट्रीब्यूशन कहते हैं। पीएफ में वॉलंटरी प्लस अनिवार्य दोनों तरह का कॉन्ट्रीब्यूशन मिलाकर प्रति माह 15000 रुपये तक ही हो सकता है। लेकिन याद रहे कि नियोक्ता की ओर से कॉन्ट्रीब्यूशन 12 फीसदी ही रहेगा। अगर कर्मचारी उच्च सैलरी के मामले में 15000 रुपये की लिमिट से ज्यादा कॉन्ट्रीब्यूशन करना चाहता है तो उसे एपीएफसी/आरपीएफसी से नियमों के अनुरूप अनुमति लेनी होगी।
  9. क्या कर्मचारी अपने नियोक्ता से कॉन्ट्रीब्यूशन की रिकवरी दिखाने की मांग कर सकता है?
    हां, हर ईपीएफ मेंबर का कॉन्ट्रीब्यूशन कार्ड, फॉर्म 3-ए/ईसीआर कॉपी में नियोक्ता से मांगा जा सकता है।
  10. अगर किसी इंप्लॉई को पीएफ मेंबरशिप नहीं दी गई है, तो उसे किससे बात करनी होगी?
    कर्मचारी सबसे पहले अपने नियोक्ता से बात कर सकता है। नियोक्ता की ओर से कुछ न किए जाने पर कर्मचारी निकटतम पीएफ कार्यालय के क्षेत्रीय प्रोविडेंट फंड कमिश्नर को अप्रोच कर सकता है।

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